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Home Class 10th Solutions 10th Social Science

NCERT Class 10 Economics Chapter 3 Solutions अर्थशास्त्र – मुद्रा और साख

by Sudhir
January 5, 2022
in 10th Social Science, Class 10th Solutions
Reading Time: 5 mins read
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NCERT Class 10th Social Science Solutions
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  • NCERT Class 10 Economics Chapter 3 Solutions अर्थशास्त्र – मुद्रा और साख
    • अध्याय-समीक्षा 
    • अभ्यास-प्रश्नावली
    • अतिरिक्त प्रश्नोत्तर 
      • 1 अंक वाले प्रश्न 
      • 3/5 अंक वाले प्रश्न 

NCERT Class 10 Economics Chapter 3 Solutions अर्थशास्त्र – मुद्रा और साख

इस आर्टिकल में हम आपको NCERT Class 10 Economics Chapter 3 मुद्रा और साख का समाधान प्रदान कर रहे है. यहाँ आपको पाठ्यपुस्तक के प्रश्नों के अतिरिक्त परीक्षा उपयोगी अन्य प्रश्नों के समाधान भी आसान भाषा में मिल जाएंगे.

अध्याय-समीक्षा 


  •  ‘आवश्यकताओं के दोहरे संयोग’ का अर्थ  जब दोनों पक्ष एक दूसरे से चीजें खरीदने और बेचने पर सहमति रखते हैं |
  • मुद्रा का आधुनिक रूप करेंसी-कागज के नोट व सिक्के |
  • भारत में नोट  रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करता है| 
  • बैंक खातों में जमा धन को माँग जमा कहते हैं।
  • समर्थक दृणाधार से अभिप्राय ऐसी संपति जिसका मालिक कर्जदार है और इसका इस्तेमाल वह उधारदाता को गारंटी देने के रूप में करता हैं।
  • भारत में रिजर्व बैंक केन्द्रीय सरकार की ओर से करेंसी नोट जारी करता हैं|
  • कोई भी बैंक किसी व्यक्ति की ऋण अदायगी की क्षमता के आधार पर ही ऋण देता है। बैंक किसी भी जोखिम वाले काम के लिये ऋण नहीं देते हैं। इसलिये बैंक कुछ चुनिंदा लोगों को ही ऋण देते हैं।
  • स्वयं सहायता समूहों का गठन करके छोटे किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जा सकता है।
  • चेक एक ऐसा कागज हैं, जो बैंक को किसी व्यक्ति के खाते से चेक पर लिखे नाम के किसी दूसरे व्यक्ति को एक विशेष रकम का भुगतान करने का आदेश देता हैं|
  • बैंक जमा राशि का 15 प्रतिशत भाग नकद के रूप में अपने पास जमा रखते हैं, ताकि किसी एक दिन में जमाकर्ताओ द्वारा धन निकलने की दशा में उनकों धन दिया जा सके|

अभ्यास-प्रश्नावली


प्रश्न 1:  जोखिम वाली परिस्थितियों में ऋण कर्जदार के लिये और समस्याएँ खड़ी कर सकता है। स्पष्ट कीजिए।                                                                 
उत्तर: जोखिम वाली परिस्थिति में ऋण कर्जदार के लिये और समस्याएँ खड़ी कर सकता है। इसे समझने के लिये एक छोटे किसान का उदाहरण लेते हैं जिसके पास जमीन का एक छोटा टुकड़ा है। मान लीजिए कि वह किसान खाद और बीज खरीदने के लिए कुछ रुपये उधार लेता है। जो उपज होती है वह उसके परिवार के भरण पोषण के लिए भी काफी नहीं होती है। इसलिए वह इस स्थिति में कभी नहीं आ पाता है कि खेत से उपजे अनाज को बेचकर अपना कर्ज चुका सके। यदि बाढ़ या सूखे से उसकी फसल तबाह हो जाती है तो उसकी स्थिति और भी खराब हो जाती है। इस तरह से वह किसान कर्ज के कुचक्र में फंस कर रह जाता है।

प्रश्न 2: मुद्रा आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या को किस तरह सुलझाती है? अपनी ओर से उदाहरण देकर समझाइए।                                                 
उत्तर: वस्तु विनिमय प्रणाली में आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या होती है। मान लीजिए कि कोई छात्र अपनी पुरानी किताबों को बेचकर उसके बदले एक गिटार लेना चाहता है। यदि वह वस्तु विनिमय प्रणाली को अपनाता है तो उसे किसी ऐसे व्यक्ति को तलाशना होगा जो अपने गिटार के बदले उसकी किताबें लेने को तैयार हो जाये। लेकिन ऐसे व्यक्ति को ढ़ूँढ़ पाना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन यदि वह छात्र अपनी किताबों को मुद्रा के बदले में बेच लेता है तो फिर वह आसानी से उन पैसों से गिटार खरीद सकता है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि मुद्रा आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या को सुलझाती है।                                          प्रश्न 3:  अतिरिक्त मुद्रा वाले लोगों और जरूरतमंद लोगों के बीच बैंक किस तरह मध्यस्थता करते हैं?    उत्तर: बैंक विभिन्न लोगों के पैसे अपने यहाँ जमा रखता है। जिन लोगों के पास अतिरिक्त मुद्रा होती है वे बैंक में अच्छी धनराशि जमा करके रखते हैं। कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें ऋण की आवश्यकता होती है। वैसे लोग बैंक जाते हैं यदि उन्हें औपचारिक चैनल से ऋण लेना होता है। बैंक अपने पास जमाराशि से ऐसे लोगों को ऋण मुहैया कराता है। इस तरह से बैंक अतिरिक्त मुद्रा वाले लोगों और जरूरतमंद लोगों के बीच मध्यस्थता का काम करता है।

प्रश्न 4: 10 रुपये के नोट को देखिए। इसके ऊपर क्या लिखा है? क्या आप इस कथन की व्याख्या कर सकते हैं?                                                               
उत्तर:
 10 रुपये के नोट पर निम्न पंक्ति लिखी होती है, “मैं धारक को दस रुपये अदा करने का वचन देता हूँ।“ इस कथन के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर का दस्तखत होता है। यह कथन दर्शाता है कि रिजर्व बैंक ने उस करेंसी नोट पर एक मूल्य तय किया है जो देश के हर व्यक्ति और हर स्थान के लिये एक समान होता है।

प्रश्न 5: हमें भारत में ऋण के औपचारिक स्रोतों को बढ़ाने की क्यों जरूरत है?             
उत्तर: भारत में लगभग 48% ऋण अनौपचारिक सेक्टर से आता है। कई लोग ऐसे हैं जिनकी पहुँच ऋण के औपचारिक सेक्टर तक नहीं है। ऐसे लोग अक्सर सूदखोरों के चक्कर में पड़ जाते हैं जो गरीबों को दबाने के लिये कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं। ऐसे लोगों को गरीबी के कुचक्र से निकालने के लिये उन तक ऋण के औपचारिक स्रोतों को पहुँचाना जरूरी हो जाता है। इससे गाँवों और दूर दराज के इलाकों में सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने में भी मदद मिलेगी।

प्रश्न 6: गरीबों के लिए स्वयं सहायता संभव के संघटनो के पीछे मूल विचार क्या है ? अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए |                                                                 
उत्तर :  स्वयं सहायता समूहों का गठन वैसे गरीबों के लिये किया जाता है जिनकी पहुँच ऋण के औपचारिक स्रोतों तक नहीं है। कई ऐसे कारण हैं जिनसे ऐसे लोगों को बैंक या सहकारी समिति से ऋण नहीं मिल पाता है। ये लोग इतने गरीब होते हैं कि अपनी साख को सिद्ध नहीं कर पाते। उनके द्वारा लिये गये ऋण की राशि इतनी कम होती है कि ऋण देने में आने वाले खर्चे की वसूली भी नहीं हो पाती है। अशिक्षा और जागरूकता के अभाव से उनकी समस्या और भी बढ़ जाती है। स्वयं सहायता समूह ऐसे लोगों को छोटा ऋण देती है ताकि उनकी आजीविका चलती रहे। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह ऐसे लोगों में ऋण अदायगी की आदत भी डालती     

प्रश्न 7: क्या कारण है कि बैंक कुछ कर्जदारों को कर्ज देने के लिए तैयार नहीं होते?           
उत्तर: कोई भी बैंक किसी व्यक्ति की ऋण अदायगी की क्षमता के आधार पर ही ऋण देता है। बैंक किसी भी जोखिम वाले काम के लिये ऋण नहीं देते हैं। इसलिये बैंक कुछ चुनिंदा लोगों को ही ऋण देते हैं।                 

प्रश्न 8: भारतीय रिजर्व बैंक अन्य बैंकों की गतिविधियों पर किस तरह नजर रखता है? यह जरूरी क्यों है?                                                                     
उत्तर: भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक है। यह भारत के बैंकिंग सेक्टर के लिये नीति निर्धारण का काम करता है। बैंक किसी भी अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डालते हैं इसलिये बैंकिंग सेक्टर के लिये सही नियम और कानून की जरूरत होती है। बैंकों की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करके रिजर्व बैंक न केवल बैंकिंग और फिनांस को सही दिशा में ले जाता है बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था को भी सुचारु ढंग से चलने में मदद करता है।

प्रश्न 9: विकास में ऋण की भूमिका का विश्लेषण कीजिए।                               
उत्तर: विकास में ऋण की अहम भूमिका होती है। ज्यादातर व्यवसायों को आगे बढ़ाने के लिये कभी न कभी ऋण की आवश्यकता पड़ती है। ऋण के बिना किसी छोटी कम्पनी को एक बड़ी कम्पनी में नहीं बदला जा सकता है। ऋण के अभाव में किसान खेती को बड़े पैमाने पर नहीं कर सकते हैं। ज्यादातर लोग ऋण के बिना घर या कार नहीं खरीद सकते हैं। घर और कार की मांग का अर्थव्यवस्था के विकास पर बड़ा असर पड़ता है।

प्रश्न 10: मानव को एक छोटा व्यवसाय करने के लिए ऋण की जरूरत है। मानव किस आधार पर यह निश्चित करेगा कि उसे यह ऋण बैंक से लेना चाहिए या साहूकार से? चर्चा कीजिए।     
उत्तर: मानव को सबसे पहले विभिन्न कर्जदाताओं के ब्याज दर की तुलना करनी चाहिए। उसके बाद उसे गिरवी की मांग और ऋण अदायगी की शर्तों की तुलना करनी चाहिए। मानव को उसी कर्जदाता से ऋण लेना चाहिए जो सबसे कम ब्याज दर मांग रहा हो, कम कीमत वाली गिरवी पर तैयार हो और ऋण अदायगी की आसान शर्तें रख रहा हो।

प्रश्न 11: भारत में 80 प्रतिशत किसान छोटे किसान है, जिन्हें खेती करने के लिए ऋण की जरूरत होती है|                                                                           

(क) बैंक छोटे किसानो को ऋण देने से क्यों हिचकिचा सकते है?                             
(ख) वे दुसरे स्रोत कोन है, जिनसे छोटे किसान कर्ज ले सकते है|                             
(ग) उदाहरण देकर स्पस्ट कीजिए कि किस तरह ऋण कि शर्ते छोटे किसानो के प्रतिकूल हो सकती है|  
(घ) सुझाव दीजिए कि किस तरह छोटे किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जा सकता है।              उत्तर:  स्वयं सहायता समूहों का गठन करके छोटे किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जा सकता है।

प्रश्न 12:  रिक्त स्थानों कि पूर्ति करे —                                               
(क) …………………………परिवारों कि ऋण कि अधिकांश जरूरते अनौपचारिक स्रोतों से पूरी होती है| 

(ख) …………………………ऋण कि लागत ऋण का बोझ बढ़ाती है|                           
(ग) ………………………….केंद्रीय सरकार की ओर से करेंसी नोट जारी करता है|               
(घ) बैंक ……………………पर देने वाले ब्याज से ऋण पर अधिक ब्याज लेते हैं।                     
(ङ) ………………………….सम्पत्ति है जिसका मालिक कर्जदार होता है जिसे वह ऋण लेने के लिए गारंटी के रूप में इस्तेमाल करता है, जब ऋण चुकता नहीं हो जाता।

उत्तर:  (क)गरीब |

(ख) ऊंची ब्याज पर दर |

(ग) भारतीय रिजर्व बैंक |

(घ) जमा राशि |

(ड़) ऋणाधार वह| 

प्रश्न 13: सही उत्तर का चयन करें:                                                   
(क) 
स्वयं सहायता समूह में बचत और ऋण संबंधित अधिकतर निर्णय लिये जाते हैं:

*बैंक द्वारा

*सदस्यों द्वारा

*गैर सरकारी संस्था द्वारा                                              

उत्तर: सदस्यों द्वारा   

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर 


1 अंक वाले प्रश्न 

प्रश्न – ‘आवश्यकताओं के दोहरे संयोग’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – जब दोनों पक्ष एक दूसरे से चीजें खरीदने और बेचने पर सहमति रखते हैं।


प्रश्न – वस्तु विनिमय प्रणाली की अनिवार्य शर्त क्या है?
उत्तर – आवश्यकताओं का दोहरा संयोग होना।


प्रश्न – मुद्रा विनिमय का माघ्यम क्यों हैं?
उत्तर – मध्यवर्ती भूमिका प्रदान करने के कारण।


प्रश्न – प्रारम्भिक काल में मुद्रा के रूप में प्रयोग की जाने वाली दो वस्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर – भारतीय अनाज, पशु, सोना, चांदी, तांबा। कोई दो।


प्रश्न – मुद्रा का आधुनिक रूप क्या है?
उत्तर – करेंसी-कागज के नोट व सिक्के |


प्रश्न – आधुनिक मुद्रा बहुमूल्य धातु से नहीं बनी फिर भी इसे विनिमय का माध्यम क्यों स्वीकार किया गया है?
उत्तर – क्योंकि किसी देश की सरकार इसे प्राधिकृत करती हैं।


प्रश्न – भारत में नोट कौन जारी करता है?
उत्तर – रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया।


प्रश्न – माँग जमा किसे कहते हैं?
उत्तर – बैंक खातों में जमा धन को।


प्रश्न – बैंकों की आय का प्रमुख स्त्रोत क्या है?
उत्तर – कर्जदारों से लिए गए ब्याज और जमाकर्ताओं को दिये गये ब्याज के बीच का अंतर।


प्रश्न – ट्टण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर – एक सहमति जहाँ साहूकार कर्जदार को ध्न, वस्तुएं या सेवाएं उपलब्ध् कराता है और बदले में भविष्य में कर्जदार से भुगतान करने का वादा लेता हैं।


प्रश्न – समर्थक ट्टणाधर से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – ऐसी संपति जिसका मालिक कर्जदार है और इसका इस्तेमाल वह उधारदाता को गारंटी देने के रूप में करता हैं।


प्रश्न – बैंक अतिरिक्त मुद्रा वाले लागों व जरूरतमंद लागों के बीच मध्यस्थता का काम किस प्रकार करते हैं?
उत्तर – अतिरिक्त मुद्रा को ट्टण के रूप में प्रदान करके।

3/5 अंक वाले प्रश्न 

प्रश्न 1. भारत में मुद्रा के आधुनिक रूपों पर टिप्पणी लिखिए|

उत्तर: (क) भारत में मुद्रा के आधुनिक रूपों में करेंसी-कागज के नोट और सिक्के सिम्मलित हैं|
(ख) भारत में रिजर्व बैंक केन्द्रीय सरकार की ओर से करेंसी नोट जारी करता हैं|
(ग) कानून के अनुसार किसी भी वव्यक्ति या संस्था को मुद्रा जारी करने की अनुमति नहीं हैं| कानून विनिमय के माध्यम के रूप में रूपए के प्रयोग को वैधता प्रदान करता हैं, जिसे भारत ,में  लेन-देन के मामलों में मना नहीं किया जा सकता|

प्रश्न 2: चेक क्या हैं? इसके द्वारा कैसे भुगतान होता हैं?

उत्तर: चेक एक ऐसा कागज हैं, जो बैंक को किसी व्यक्ति के खाते से चेक पर लिखे नाम के किसी दूसरे व्यक्ति को एक विशेष रकम का भुगतान करने का आदेश देता हैं|

इसके द्वारा भुगतान-

भुगतानकर्ता को जिस व्यक्ति को भुगतान करना होता हैं, उस राशि का चेक वह उसके नाम लिखता हैं, अर्थात् बैंक को वह राशि उस व्यक्ति को देने का आदेश जारी करता हैं| वह व्यक्ति चेक अपने बैंक खाते  में जमा करा देता हैं| और धन एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते ,में स्थानातरित हो जात हैं|

प्रश्न 3. बैंक में जमा राशियाँ किस प्रकार बैंकों की आय का स्रोत बनती हैं?

उत्तर: (i) बैंक जमा राशि का 15 प्रतिशत भाग नकद के रूप में अपने पास जमा रखते हैं, ताकि किसी एक दिन में जमाकर्ताओ द्वारा धन निकलने की दशा में उनकों धन दिया जा सके|

(ii) जमा राशि का शेष भाग बैंक ऋण देने के लिए प्रयोग करते हैं| इस प्रकार बैंक जमाकर्ताओ और कर्ज़ लेने वालों के बीच मध्यस्था का कार्य करता हैं|

(iii) बैंक जमा पर जो ब्याज देते हैं उससे अधिक ब्याज ऋण पर लेते हैं| इस प्रकार कर्जदारों से लिए गये ब्याज और जमाकर्ताओ को दिए गये ब्याज के बीच का अन्तर बैंकों की आय का प्रमुख स्रोत हैं|

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