NCERT Class 10 Economics Chapter 4 Solutions अर्थशास्त्र – वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था
इस आर्टिकल में हम आपको NCERT Class 10 Economics Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था का समाधान प्रदान कर रहे है. यहाँ आपको पाठ्यपुस्तक के प्रश्नों के अतिरिक्त परीक्षा उपयोगी अन्य प्रश्नों के समाधान भी आसान भाषा में मिल जाएंगे.
अध्याय-समीक्षा
- वैश्वीकरण – जब कोई देश की अर्थव्यवस्था को संसार के अन्य देशों की अर्थव्यवस्था से सामंजस्य स्थापित करता है तो इसे वैश्वीकरण कहते हैं |
- उदारीकरण – सरकार द्वारा अवरोधों और प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया या छूट देना उदारीकरण कहलाता है |
- विश्व बैंक – विश्व बैंक एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो अपने सदस्य देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है |
- बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ – वह कंपनी जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण रखती हैं |
- निजीकरण – जब सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनियों को चरणबद्ध तरीके से निजी क्षेत्रों के हाथों बेच दिया जाता है या नियंत्रण दे दिया जाता है तो इसे निजीकरण कहते है |
- डब्ल्यू. टी. ओ. – डब्ल्यू. टी. ओ. का पूरा नाम विश्व व्यापार संगठन है | इसका उदेश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है |
- चालू खाता – एक वित् वर्ष में वस्तुओं तथा सेवाओं के व्यापार के साथ ही भुगतानों का स्थान्तरण चालू खाता कहलाता है |
- पूँजी खाता – स्टॉक, ब्रांड, भूमि तथा बैंक में जमा राशियों को ख़रीदा या बेचा जा सकता है अथवा इन्हें पूँजी के रूप में लगाया जा सकता है, इसी के विवरण को पूँजी खाता कहते है |
- लचीलापन – सरकार द्वारा उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कानून में जो ढील दी जाती है उसे लचीलापन कहते है |
- निवेश – भूमि, भवन, मशीन और अन्य उपकरण जैसे शेयर, बीमा, सावधि जमा आदि परिसंपतियों के खरीद पर व्यय की गई मुद्रा को निवेश कहते हैं |
- मुक्त व्यापार – जब दो देशों के बीच बिना किसी प्रतिबन्ध के व्यापार हो तो इसे मुक्त व्यापार कहते है |
- विदेशी निवेश – जब बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ द्वारा किसी देश में व्यापार स्थापित करने के लिए किया गया निवेश को विदेशी निवेश कहते हैं |
- भारत में नयी आर्थिक निति 1991 में लागु की गई |
- SEZ का पूरा नाम विशेष आर्थिक क्षेत्र है |
- भारत की अर्थव्यवस्था एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है |
- भारत में अर्थव्यवस्था के तीन क्षेत्रकों में से वैश्वीकरण से सबसे अधिक फायदा/लाभ तृतीय क्षेत्रक को हुआ है ?
- राजकोषीय घाटा – सरकार द्वारा अर्जित आय और योजनाओं पर किए गए उससे अधिक खर्च को राजकोषीय घाटा कहते है |
अभ्यास और पाठगत प्रश्नोत्तर
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आओ-इन पर विचार करें
Q1. क्या आप मानते हैं कि फोर्ड मोटर्स एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है? क्यों?
उत्तर-
‘फोर्ड मोटर्स’ एक अमेरिकी कंपनी है तथा यह विश्व की बड़ी कार निर्माता कंपनियों में सबसे बड़ी है। उसका उत्पादन 26 अलग-अलग देशों में फैला हुआ हो। फोर्ड मोटर्स एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है।
Q2. विदेशी निवेश क्या है? फोर्ड मोटर्स ने भारत में कितना निवेश किया था?
उत्तर-
बहुराष्ट्रीय कंपनी अथवा निगम अपने देश के बाहर दूसरे देशों में जो पूँजी लगाते हैं, उसे विदेशी निवेश कहते हैं। विदेशी निवेश का एकमात्र उद्देश्य लाभ अर्जित करना होता है। फोर्ड मोटर्स ने भारत में १७०० करोड़ रुपये का निवेश किया था.
Q3. भारत में उत्पादन संयंत्र स्थापित करके फोर्ड मोटर्स जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ केवल भारत जैसे देशों के विशाल बाजार का लाभ नहीं उठाती हैं, बल्कि कम उत्पादन लागत का भी लाभ प्राप्त करती हैं। कथन की व्याख्या करें।
उत्तर-बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ उसी स्थान पर उत्पादन संयन्त्र स्थापित करती हैं जहाँ उन्हें सम्भावित बाजार उपलब्ध, कुशल और अकुशल श्रमिक कम लागत पर उपलब्ध हों. उत्पादन के लिए आवश्यक माध्यम उपलब्ध हो तथा सरकारी नीतियाँ भी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के अनुकूल हों। इन समस्त सुविधाओं की उपलब्धता के कारण बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के लिए भारत एक पसंदीदा देश है। फोर्ड मोटर्स जैसी अन्य बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने इन्हीं समस्त सुविधाओं का लाभ उठाया.
4. आपके विचार से कंपनी अपने वैश्विक कारोबार के लिए कार के पुर्जों के विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत का विकास क्यों करना चाहती है? निम्न कारकों पर विचार करें –
(अ) भारत में श्रम और अन्य संसाधनों पर लागत
(ब) कई स्थानीय विनिर्माताओं की उपस्थिति, जो फोर्ड मोटर्स को कल-पुर्जों की आपूर्ति करते हैं
(स) अधिक संख्या में भारत और चीन के ग्राहकों से निकटता।
Q5. भारत में फोर्ड मोटर्स द्वारा कारों के निर्माण से उत्पादन किस प्रकार परस्पर संबंधित होगा?
उत्तर-
विदेशी व्यापार का एक बड़ा भाग बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा नियंत्रित होता है । जैसे , भारत में फोर्ड मोटर का कार संयंत्र , केवल भारत के लिए ही करों का निर्माण नहीं करता, बल्कि वह अन्य विकासशील देशों को कारें और विश्व भर में अपने कारखानों के लिए कार – पुर्जों का भी निर्यात करता है ।
Q6. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ, अमेरिका, जापान या यूरोप की हैं जैसे, नोकिया, कोका-कोला, पेप्सी, होन्डा, नाइकी। क्या आप अनुमान कर सकते हैं कि ऐसा क्यों है?
उत्तर-लगभग सभी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ अमेरिका, जापान या यूरोप की हैं, जैसे-नोकिया, कोका-कोला, पेप्सी होण्डा, नाइकी इत्यादि क्योंकि यह देश पूर्ण रूप से विकसित देश हैं। उनके पास नवीनतम प्रौद्योगिकी और कुशलतम प्रबन्धन तथा अपार पूँजी के साधन उपलब्ध हैं। सामान्यत: गरीब या विकासशील देशों के पास यह सब उपलब्ध नहीं होता है। यही कारण है कि सभी प्रमुख कम्पनियाँ अमेरिका, जापान या यूरोप की है।
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आओ-इन पर विचार करें
Q1. अतीत में देशों को जोड़ने वाला मुख्य माध्यम क्या था? अब यह अलग कैसे है?
उत्तर-
अतीत से ही विदेश व्यापार विभिन्न देशों की परस्पर जोड़ने का माध्यम रहा है। उस समय व्यापार सामुद्रिक मार्गों से होता था। वर्तमान में विदेशी व्यापार से उत्पादक एवं उपभोक्ता दोनों ही लाभान्वित होते हैं। दो देशों के बीच मुक्त व्यापार होने से वस्तुओं के विकल्प बढ़ जाते हैं। तथा बाजारों में एक ही वस्तु का मूल्य एकसमान होने लगता है। इस प्रकार पहले विदेश व्यापार दो देशों को जोड़ने का काम करता था परंतु आज विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने तथा एकीकरण का काम करता है।
Q2. विदेश व्यापार और विदेशी निवेश में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
विदेशी व्यापार में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ या निगम वस्तुओं का विभिन्न देश में व्यापार कर लाभ अर्जित करता था। इसमें उत्पादक और उपभोक्ता दोनों लाभान्वित होते हैं। विभिन्न कंपनियों में प्रतियोगिता के कारण उनकी वस्तुओं की गुणवत्ता बढ़ जाती है। तथा कीमत में कमी आती है। विदेशी व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने अथवा उनके एकीकरण में सहायक होता है।
विदेशी निवेश द्वारा बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ दूसरे देशों में उत्पादक कार्यों के निवेश करते हैं। वेदेशी निवेश का मुख्य उद्देश्य कंपनियों द्वारा लाभ अर्जित करना है।
Q3. हाल के वर्षों में चीन भारत से इस्पात आयात कर रहा है। व्याख्या करें कि चीन द्वारा इस्पात का आयात कैसे प्रभावित करेगा –
(क) चीन की इस्पात कंपनियों को
(ख) भारत की इस्पात कंपनियों को
(ग) चीन में अन्य औद्योगिक वस्तुओं के उत्पादन के लिए इस्पात खरीदने वाले उद्योगों को
उत्तर-
(क) चीन द्वारा भारत से आयात किया गया इस्पात चीन को तुरन्त प्राप्त होगा क्योंकि चीन भारत का निकटतम देश है। इससे अन्य देशों के इस्पात आयात करने की तुलना में चीन की कम्पनियों को कम यातयात लागत का भुगतान करना पड़ेगा।
(ख) भारत की इस्पात कम्पनियाँ अपने व्यवसाय का विस्तार करेंगी। क्योंकि उनकी वस्तुओं की माँग बढ़ेगी।
(ग) चीन में अन्य औद्योगिक वस्तुओं के उत्पादन के लिए इस्पात खरीदने वाले उद्योगों को इससे लाभ होगा क्योंकि उन्हें कम कीमतों पर चुनाव का अवसर अधिक उपलब्ध होगा।
Q4. चीन के बाजारों में भारत किस प्रकार दोनों देशों के इस्पात-बाजार के एकीकरण में सहायता करेगा? व्याख्या करें।
उत्तर-चीन के बाजारों में भारत से इस्पात का आयात दोनों देशों की इस्पात की कम्पनियों के प्रतिनिधियों के आवागमन को बढ़ाएगा। दोनों बाजारों में समान गुणवत्ता वाले इस्पातों की कीमतें बराबर होंगी। दोनों देशों के उत्पादक एक-दूसरे से निकट प्रतिस्पर्धा करेंगे। दोनों देश अच्छे मित्रों की तरह वस्तुओं तथा सेवाओं का विनिमय कर सकते हैं।
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आओ-इन पर विचार करें
Q1. वैश्वीकरण प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की क्या भूमिका है?
उत्तर-
वैश्वीकरण प्रक्रिया में अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों का महत्वपूर्ण योगदान है। बहराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन से उत्पादन में गुणात्मक परिवर्तन हुए हैं। आरंभ में उत्पादन मुख्यतया किसी देश की सीमाओं के भीतर ही होता था। बहुराष्ट्रीय कंपनियों का एक से अधिक देशों में वस्तुओं के उत्पादन पर नियंत्रण या स्वामित्व होता है। बहुराष्ट्रीय कंपनी विश्व स्तर पर अपनी उत्पाद को बेचता है। इस प्रकार वैश्वीकरण अथवा विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था को जोड़ने में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का महत्वपूर्ण योगदान है।
Q2. वे कौन से विभिन्न तरीकेहै, जिनके द्वारा देशों को परस्पर संबंधित किया जा सकता है ?
उत्तर-
आर्थिक स्वतंत्रता एवं मुक्त व्यापार विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। विदेश व्यापार विभिन्न देशों को परस्पर जोड़ने का माध्यम रहा हो। विभिन्न देश इस प्रकार के तरीकों तथा अपनी नीतियों में सुधार कर विभिन्न देशों से संबंध स्थापित कर सकते हैं। इसमें उदारीकरण निजीकरण की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
Q3. सही विकल्प का चयन करें –
देशों को जोड़ने से वैश्वीकरण के परिणाम होंगे
(क) उत्पादकों के बीच कम प्रतिस्पर्धा होगी
(ख) उत्पादकों के बीच अधिक प्रतिस्पर्धा होगी
(ग) उत्पादकों के बीच प्रतिस्पर्धा में परिवर्तन नहीं होगा
उत्तर- (ख) उत्पादकों के बीच अधिक प्रतिस्पर्धा होगी
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आओ-इन पर विचार करें
Q1. ऊपर दिए गए उदाहरण में, उत्पादन में प्रोद्योगिकी के प्रयोग का उल्लेख करने वाले शब्दों को रेखांकित करें |
Q2. सूचना प्रौद्योगिकी वैश्वीकरण से कैसे जुडी हुई है ? क्या सूचना प्रौद्योगिकी के प्रसार के बिना वैश्वीकरण संभव होता ?
वैश्वीकरण को प्रोत्साहित करनेवाले कारकों में परिवहन प्रौद्योगिकी से भी अधिक महत्वपूर्ण सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का विकास है। विभिन्न देशों के बीच सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में इस प्रौद्योगिकी की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए इस प्रौद्योगिकी की उपलब्धता के कारण लंदन की प्रकाशक कंपनी अपनी प्रकाशन का सभी काम इंटरनेट के माध्यम से भारत के किसी कंपनी को देकर छपाई के कार्यों को कम कीमत में कर लाभ अर्जित कर सकता है। सूचना प्रौद्योगिकी के विकास से कई प्रकार के नई औद्योगिक इकाईयों का विकास हुआ है। तथा वैश्वीकरण के ये अंग हो गये है। सूचना प्रौद्योगिकी के बिना इस प्रकार के वैश्वीकरण का आज अभाव पाया जा सकता था।
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Q1. विदेश व्यापार के उदारीकरण से आप क्या समझते हैं?
विदेश व्यापार के उदारीकरणका अर्थ ऐसे नियंत्रण में ढील देना या उन्हें हटा लेना है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। उदारीकरण में वे सारी क्रियाएँ सम्मिलित हैं, जिसके द्वारा किसी देशो के बीच व्यापार में बाधा पहुँचाने वाली आर्थिक नीतियों, नियमों, प्रशासनिक नियंत्रणों, प्रक्रियाओं आदि को समाप्त किया जाता है या उनमे शिथिलता दी जाती है।
Q2. आयात पर कर एक प्रकार का व्यापार अवरोधक है। सरकार आयात होने वाली वस्तुओं की संख्या भी सीमित कर सकती है। इसे कोटा कहते हैं। क्या आप चीन के खिलौनों के उदाहरण से व्याख्या कर सकते हैं कि व्यापार अवरोधक के रूप में कोटा का प्रयोग कैसे किया जा सकता है? आपके विचार से क्या इसका प्रयोग किया जाना चाहिए? चर्चा करें।
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Q1. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –
विश्व व्यापार संगठन ……………… देशों की पहल पर शुरू हुआ था। विश्व व्यापार संगठन का ध्येय
……………… है। विश्व व्यापार संगठन सभी देशों के लिए ……………… से संबंधित नियम बनाता है और देखता है कि ……………… व्यवहार में, देशों के बीच व्यापार ……………. नहीं है। विकासशील देश, जैसे, भारत ……………… है जबकि अधिकांश स्थितियों में विकसित देशों ने अपने उत्पादकों को संरक्षण देना जारी रखा है।
उत्तर-(1) विकसित, (2) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है, (3) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार, (4) इन नियमों का पालन होता है या नहीं, (5) स्पष्ट और मुक्त, (6) ने व्यापार अवरोधक हटा दिये।
Q2. आपके विचार से विभिन्न देशों के बीच अधिकाधिक न्यायसंगत व्यापार के लिए क्या किया जा सकता है?
उत्तर-विभिन्न देशों के बीच अधिकाधिक न्यायसंगत व्यापार के लिए निम्नलिखित प्रयास किये जा सकते है –
(1) विश्व व्यापार संगठन, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों को सशक्त बनाया जाना चाहिए।
(2) विदेशी निवेश व विदेशी व्यापार पर से अनावश्यक प्रतिबन्धों को हटाया जाना चाहिए।
(3) सभी देशों से चाहे वे विकासशील हों या विकसित, व्यापार अवरोधक हटाये जाने चाहिए।
Q3. उपर्युक्त उदाहरण में, हमने देखा कि अमेरिकी सरकार किसानों को उत्पादन के लिए भारी धन राशि देती है। कभी-कभी सरकार कुछ विशेष प्रकार की वस्तुओं जैसे पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सहायता देती है। यह न्यायसंगत है या नहीं, चर्चा करें।
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Q1. प्रतिस्पर्ध से भारत के लोगों को कैसे लाभ हुआ है?
Q2. क्या और भारतीय कंपनियों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के रूप में उभारना चाहिए? इससे देश की जनता को क्या लाभ होगा?
Q3. सरकारें अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने का प्रयास क्यों करती हैं?
Q4. अध्याय 1 में हमने देखा कि एक का विकास दूसरे के लिए कैसे विध्वंसक हो सकता है। भारत के कुछ लोगों ने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) की स्थापना का विरोध् किया है। पता कीजिए, ये लोग कौन हैं और ये इसका विरोध् क्यों कर रहे हैं?
अभ्यास :
Q1. वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर; आधुनिक काल में पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था जिस तरह आपस में जुड़ी हुई हैं उसे वैश्वीकरण या ग्लोबलाइजेशन कहते हैं। उदाहरण के लिये माइक्रोसॉफ्ट को लीजिए। माइक्रोसॉफ्ट का हेडक्वार्टर अमेरिका में है। इस कंपनी के सॉफ्टवेअर के कुछ अंश भारत और अन्य कई देशों में बनते हैं। माइक्रोसॉफ्ट के सॉफ्टवेअर पूरी दुनिया में इस्तेमाल किये जाते हैं।
Q2. भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाने के क्या कारण थे? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी?
उत्तर: जब भारत आजाद हुआ था तब यह एक गरीब देश था और यहाँ पर निजी पूँजी न के बराबर थी। उस समय स्थानीय उद्योग को संरक्षण की जरूरत थी ताकि वह पनप सके। इसलिए भारत में विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाये गये थे। जब स्थितियों में सुधार हुआ और भारत एक अच्छे बाजार में बदल गया तब सरकार ने अवरोधकों को हटाने का निर्णय लिया।
Q3. श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को कैसे मदद करेगा?
उत्तर: श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को श्रमिकों की संख्या पर नियंत्रण रखने में मदद करेगा। फिर कोई भी कम्पनी श्रमिकों की मौसमी माँग के हिसाब से नियोजन कर सकती है या उन्हें काम से हटा सकती है। कम माँग की स्थिति में किसी भी कम्पनी को अतिरिक्त श्रमिकों को ढ़ोने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे कम्पनियों के मुनाफे में भी सुधार होगा।
Q4. दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किस प्रकार उत्पादन या उत्पादन पर नियंत्रण स्थापित करती है?
उत्तर: दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ कई तरीकों से उत्पादन या उत्पाद पर नियंत्रण स्थापित करती हैं। इनमे से कुछ नीचे दिये गये हैं:
(क) कई MNC किसी स्थानीय कम्पनी से साझा वेंचर करते हैं ताकि उनका काम शुरु हो सके। स्थानीय कम्पनी को स्थानीय बाजार में व्यवसाय के माहौल के बारे में बेहतर पता होने की वजह से MNC को इससे मदद मिलती है। इसके अलावा स्थानीय कम्पनी का व्यवसाय का ढ़ाँचा पहले से ही जमा हुआ होता है। (ख) जब बिजनेस एक निश्चित अनुपात में बढ़ जाता है तो MNC साझा समझौते को तोड़ देती है और फिर एक स्वतंत्र कम्पनी की तरह काम करती है। इससे उसे अपने बिजनेस पर बेहतर नियंत्रण हासिल करने में मदद मिलती है।
(ग)) कुछ MNC पहले दिन से ही स्वतंत्र रूप से काम करना शुरु करती है।
(घ) कुछ MNC केवल स्थानीय बाजार के लिये उत्पादन करती है, वहीं कुछ अन्य निर्यात के लिये उत्पादन करती है।
Q5. विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण क्यों चाहते हैं? क्या आप मानते हैं कि विकासशील देशों को भी बदले में ऐसी माँग करनी चाहिए?
उत्तर: विकसित देशों की कम्पनियाँ अक्सर दूसरे देशों में बिजनेस के लिये अनुकूल वातावरण बनाने के लिये अपनी सरकार पर दबाव डालती हैं। इसलिए विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण चाहते हैं। ऐसी स्थिति में विकासशील देशों को अपने लिये भी वैसी ही सुविधा की माँग करनी चाहिए।
Q6. ‘वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है’। इस कथन की अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए।
उत्तर : वैश्वीकरण से भारत में व्यापार करने के ढंग में और लोगों के रोजमर्रा के जीवन में बहुत बदलाव हुआ है, लेकिन अभी भी आबादी एक बहुत बड़े भाग तक इसका लाभ नहीं पहुँच पाया है। अमीर लोग और अधिक अमीर हो गये हैं, लेकिन गरीब लोग और अधिक गरीब हो गये हैं। बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा के कारण कई छोटे व्यवसायियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण कई लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। लेकिन ग्राहकों के पास अब बेहतर विकल्प हैं। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है।
Q7. व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में कैसे सहायता पहुँचाती हैं?
उत्तर : व्यापार और निवेश नीतियों के उदारीकरण से वैश्वीकरण प्रक्रिया में बहुत सहायता मिली है। भारत में विदेशी निवेश में जबरदस्त वृद्धि हुई है। कई बड़ी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने भारत में अपना उत्पादन शुरु किया है और अपनी दुकान खोली है। बीपीओ का विस्तार हुआ है जिससे रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हुई है। यह सब उदारीकरण के कारण ही संभव हुआ |
Q8. विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बजारों के एकीकरण में किस प्रकार मदद करता है? यहाँ दिए गए उदाहरण से भिन्न उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर : विदेश व्यापार से विश्व के विभिन्न बाजार आपस में जुड़ जाते हैं जिससे उनका एकीकरण होता है। इसे समझने के लिये मोबाइल फोन का उदाहरण लेते हैं। मोबाइल फोन बनाने वाली मुख्य कम्पनियाँ अमेरिका और यूरोप में हैं। इन देशों में उत्पाद का डिजाइन तैयार होता है। मोबाइल के अलग अलग पार्ट पूर्वी एशियाई देशों (मलेशिया, चीन और ताइवान) में बनते हैं और उन्हें चीन या भारत में एसेंबल किया जाता है। फिर अंतिम उत्पाद को पूरी दुनिया में बेचा जाता है। यह उदाहरण विश्व के कई बाजारों के एकीकरण को दर्शाता है।
Q9. वैश्वीकरण भविष्य में जारी रहेगा। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आज से बीस वर्ष बाद विश्व कैसा होगा? अपने उत्तर का कारण दीजिए।
उत्तर : आज से बीस साल बाद हम दुनिया के किसी भी कोने में स्थित कम्पनी को अपना ऑर्डर दे सकते हैं। इंटरने की सुविधा के कारण हम किसी भी उत्पाद को अपने अनुसार फेरबदल करके मंगवा सकते हैं। यातायात के तीव्र साधनों के कारण कोई भी उत्पाद दुनिया के किसी भी कोने तक कम से कम समय में डिलिवर किया जा सकेगा।
Q10. मान लीजिए कि आप दो लोगों को तर्क करते हुए पाते हैं – एक कह रहा है कि वैश्वीकरण ने हमारे देश के विकास को क्षति पहुँचाई है, दूसरा कह रहा है कि वैश्वीकरण ने भारत के विकास में सहायता की है। इन लोगों को आप कैसे जवाब दोगे?
उत्तर मुझे लगता है कि वैश्वीकरण से भारत के विकास में मदद मिली है। मेरे माता पिता बताते हैं मेरे जन्म से पहले टेलिफोन एक विलासिता की वस्तु हुआ करती थी। टेलिफोन कनेक्शन के लिये लोगों को वर्षों इंतजार करना पड़ता था। लोग एक दूसरे का हाल चाल जानने के लिये चिट्ठियों का आदान प्रदान करते थे जिसमें काफी समय लगता था। वैश्वीकरण के कारण भारत में मोबाइल फोन आ सका। मैं तो मोबाइल फोन के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता। मेरे मुहल्ले का सब्जी वाला भी मोबाइल फोन की मदद से अधिक बिजनेस कर पाता है।
Q11. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
दो दशक पहले की तुलना में भारतीय खरीददारों के पास वस्तुओं के अधिक विकल्प हैं। यह .. वैश्वीकरण …. की प्रक्रिया से नजदीक से जुड़ा हुआ है। अनेक दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं को भारत के बाजारों में बेचा जा रहा है। इसका अर्थ है कि अन्य देशों के साथ …व्यापार… बढ़ रहा है। इससे भी आगे भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा उत्पादित ब्रांडों की बढ़ती संख्या हम बाजारों में देखते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में निवेश कर रही है क्योंकि ….यह उनके लिये फायदेमंद है। ... जबकि बाजार में उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प इसलिए बढ़ते ….माँग और उम्मीदों .. और … उम्मीदों.. के प्रभाव का अर्थ है उत्पादकों के बीच अधिकतम …प्रतिस्पर्धा… ।
Q12. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए –
(क) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों से सस्ते दरों पर खरीदती हैं। (अ) मोटर गाडि़यों
(ख) आयात पर कर और कोटा का उपयोग, व्यापार नियमन (ब) कपड़ा, जूते-चप्पल, खेल के सामान के लिए किया जाता है।
(ग) विदेशों में निवेश करने वाली भारतीय कंपनियाँ (स) कॉल सेंटर
(घ) आई. टी. ने सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में सहायता की है। (द) टाटा मोटर्स, इंफोसिस रैनबैक्सी
(ड) अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने उत्पादन करने के लिए निवेश किया हैं | (य) व्यापार अवरोधक उत्तर : (क)—-(ब), (ख)—-(य), (ग)—-(द), (घ)—-(स), (ड)—–(अ)
Q13. सही विकल्प का चयन कीजिए –
(अ) वैश्वीकरण के विगत दो दशकों में द्रुत आवागमन देखा गया है
(क) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और लोगों का
(ख) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेशों का
(ग) देशों के बीच वस्तुओं, निवेशों और लोगों का
उत्तर ; (ग) देशों के बीच वस्तुओं, निवेशों और लोगों का
(अ) विश्व के देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश का सबसे अधिक समान्य मार्ग है
(क) नये कारखानों की स्थापना
(ख) स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना
(ग) स्थानीय कंपनियों से साझेदारी करना
उत्तर : (ग) स्थानीय कंपनियों से साझेदारी करना
(इ) वैश्वीकरण ने जीवन-स्तर के सुधर में सहायता पहुँचाई है।
(क) सभी लोगों के
(ख) विकसित देशों के लोगों के
(ग) विकासशील देशों के श्रमिकों के
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर; (घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
1 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1. व्यापार अवरोधक का एक उदहारण दीजिए|
उत्तर: आयात पर अधिक कर लगाना|
प्रश्न 2: निवेश किसे कहते है ?
उत्तर: भूमि, भवन, मशीन, और अन्य उपकरणों की खरीद में व्यय की गई मुद्रा को निवेश कहते हैं|
प्रश्न 3: भारत में वैश्वीकरण के एक अच्छे प्रभाव का उल्लेख कीजिए|
उत्तर: उपभोक्ता अनेक उत्पादों की उत्कृष्ट गुणवत्ता और कम कीमतों से लाभान्वित हो रहे है जिसके फलस्वरूप लोगों का जीवन स्तर ऊंचा हो गया हैं|
प्रश्न 4: बहुराष्ट्रीय कंपनी क्या होती हैं?
उत्तर: बहुराष्ट्रीय कंपनी वह हैं जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण अथवा स्वामित्व रखती हैं|
प्रश्न 5: विश्व व्यापार संगठन का उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर: इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना|
प्रश्न 6: बींसवीं सदी के मध्य तक उत्पादन करने की स्थिति क्या थी?
उत्तर: बींसवीं सदी के मध्य तक उत्पादन मुखयतः देशों की सीमओं के भीतर ही सीमित था|
प्रश्न 7: वैश्विक्कारण से उपभोक्ता को क्या लाभ मिलता हैं?
उत्तर: उपभोक्ता को बाज़ार में वस्तुओ की खरीद के कई विकल्प हैं | वह अपनी इच्छा के अनुसार वस्तु खरीद सकता हैं|
प्रश्न 8: विशेष आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना के उदेश्य क्या हैं?
उत्तर: भारत में निवेश को आकर्षित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र की स्थापना कई जा रही हैं|
3/5 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1: वैश्वीकरण के कारण बड़े दुष्प्रभावों को कम करने के लिए सुझाव दीजिए|
उत्तर: वैश्वीकरण के कारण बड़े दुष्प्रभावों को कम करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गये|
(i) छोटे उत्पादों के हितो की रक्षा के उपाए करने चाहिए, जैसे उचित अवरोधकों का प्रयोग|
(ii) न्यायसंगत नियमों के लिए विश्व व्यापार संगठनों से समझौता करना चाहिए|
(iii) विश्व व्यापार संगठन में विकसित देशों के वर्चस्व के विरुद्ध समान हितों वाले विकासशील देशों को मिलाकर संघर्ष करना चाहिए|
(iv) विभिन्न प्रकार की जनता का भी इस संघर्ष में भाग लेना आवश्यक हैं|
प्रश्न 2: विश्व व्यापार संगठन पर टिप्पणी कीजिए|
उत्तर: (i) विश्व व्यापार संगठन एक सेवा संगठन हैं जिसका उद्देशीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना हैं|
(ii) 2016 में 149 देश इसके सदस्य थे|
(iii) विश्व व्यापार संगठन सभी देशों को मुक्त व्यापार की अनुमति देता हैं|
(iv) व्यवहार में विकसित देश इसके नियमों का ईमानदारी से पालन कर रहे है|
प्रश्न 3.
बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अन्य कंपनियाँ से किस प्रकार भिन्न होती है ?
उत्तर-
एक बहुराष्ट्रीय निगम वह है जिसका एक से अधिक देशों में वस्तुओं के उत्पादन पर नियंत्रण या स्वामित्व होता है। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ विभिन्न देशों में पूँजी का निवेश करती है। तथा इनके द्वारा किया गया निवेश अरबों रुपयों में होता है। कोका-कोला, सैंमसंग, इंफोसिस इत्यादि इसी श्रेणी में आते हैं। परंतु अन्य कंपनियों का कार्य छोटे स्तरों पर होता है। एक क्षेत्र विशेष राज्य या देश स्तर पर ही अन्य कंपनियां अपनी उत्पादन प्रक्रिया को करती है।
प्रश्न 4.
विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ता है। कैसे?
उत्तर-
प्राचीनकाल से ही विदेश व्यापार विभिन्न देशों को परस्पर जोड़ने का माध्यम रहा है। दो देशों के बीच मुक्त व्यापार होने से वस्तुओं का एक बाजार से दूसरे बाजार में आवागमन होता है। बाजार में वस्तुओं के विकल्प बढ़ जाते हैं तथा दो बाजारों में एक ही वस्तु का मूल्य एकसमान होने लगता है। इस प्रकार विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने अथवा एकीकरण में सहायक होता है।
प्रश्न 5.
वैश्वीकरण को प्रोत्साहित करनेवाले प्रमुख कारक क्या है ?
उत्तर-
वैश्वीकरण को प्रोत्साहित करनेवाले प्रमुख कारक है- प्रौद्योगिकी, परिवहन प्रौद्योगिकी, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी तथा विदेशी व्यापार तथा विदेशी निवेशों का उदारीकरण।
प्रश्न 6.
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में होनेवाली प्रगति ने वैश्वीकरण को कैसे संभव बनाया है ?
उत्तर-
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में होनेवाली प्रगति वैश्वीकरण और विभिन्न देशों के एकीकरण को संभव बनानेवाले कारकों में एक प्रमुख कारक है। परिवहन प्रौद्योगिकी में सुधार होने से सुदूर स्थानों में अधिक मात्रा में तथा कम समय में वस्तुओं को भेजा जा सकता है। तथा कम समय में वस्तुओं को भेजा जा सकता है। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी ने भी विश्व के सभी भागों के निवासी को एक-दूसरे से संपर्क और सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में सुलभता प्रदान की है।