NCERT Class 9th Science Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा
यहाँ आपको NCERT Class 9th Science Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा के समाधान आसान भाषा में दिए गए है जिन्हें आप आसानी से समझकर याद कर पाएंगे
NCERT Class 9th Science Chapter 14 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर
प्रश्न श्रृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 217
प्रश्न 1.
शुक्र और मंगल ग्रहों के वायुमण्डल से हमारा वायुमण्डल कैसे भिन्न है?
उत्तर:
शुक्र एवं मंगल ग्रह के वायुमण्डल में प्राणवायु ऑक्सीजन का अभाव है तथा हानिकारक कार्बन डाइ-ऑक्साइड लगभग 95% से 97% तक है। हमारे वायुमण्डल में प्राणवायु ऑक्सीजन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है तथा हानिकारक कार्बन डाइ-ऑक्साइड अत्यल्प मात्रा में।
प्रश्न 2.
वायुमण्डल एक कम्बल की तरह कैसे कार्य करता है? (2018)
उत्तर:
वायु ऊष्मा की कुचालक होती है। इसलिए वायुमण्डल पृथ्वी के औसत तापमान को लगभग नियत रखता है। यह दिन में तापमान को बढ़ने से रोकता है तथा रात के समय ऊष्मा को बाहरी अन्तरिक्ष में जाने से रोकता है। इस तरह वायुमण्डल एक कम्बल की तरह कार्य करता है।
प्रश्न 3.
वायु प्रवाह (पवन) के क्या कारण हैं?
उत्तर:
वायुमण्डल के विभिन्न क्षेत्रों में तापमान एवं दाब में होने वाले अन्तर के कारण वायु प्रवाह (पवन) होता है।
प्रश्न 4.
बादलों का निर्माण कैसे होता है? (2018)
उत्तर:
बादलों के निर्माण की प्रक्रिया-सूर्य के ताप के कारण जलाशयों (तालाब, झील, नदियाँ एवं समुद्र आदि) का जल वाष्पीकृत हो जाता है। यह जलवाष्प गर्म वायु के साथ ऊपर उठती है और फैलने के कारण ठंडी हो जाती है तथा छोटी-छोटी बूंदों के रूप में संघनित हो जाती है। जलवाष्प का यह संघनित रूप ही बादल होता है।
प्रश्न 5.
मनुष्य के तीन क्रियाकलापों को लिखिए जो वायु प्रदूषण में सहायक हैं। (2018)
उत्तर:
वायु प्रदूषण में सहायक मनुष्य के क्रियाकलाप:
- जीवाश्म ईंधन का अत्यधिक उपयोग जिससे कार्बन मोनोक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन एवं सल्फर के ऑक्साइडों का उत्सर्जन।
- रेफ्रिजरेटरों एवं एयरकण्डीशनरों का उपयोग जिससे हानिकारक ऐरोसॉल (क्लोरोफ्लोरोकार्बन) का रिसाव।
- वनों, वृक्षों का अत्यधिक कटान।
प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 219
प्रश्न 1.
जीवों को जल की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
जीवों को जल की आवश्यकता:
- सभी कोशिकीय प्रक्रियाएँ जलीय माध्यम में होती हैं।
- पदार्थों का संवहन जल के माध्यम से होता है। इसलिए जीवों को जीवित रहने के लिए जल की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2.
जिस गाँव/शहर/नगर में आप रहते हैं, वहाँ पर उपलब्ध शुद्ध जल का मुख्य स्रोत क्या है?
उत्तर:
उपलब्ध जल का मुख्य स्रोत जलाशय (कुएँ, तालाब, झील एवं नदियाँ)। (निर्देश-छात्र अपने गाँव/शहर/नगर के जल स्रोत का स्वयं उल्लेख करें।)
प्रश्न 3.
क्या आप किसी क्रियाकलाप के बारे में जानते हैं जो इस जल के स्रोत को प्रदूषित कर रहा है?
उत्तर:
हम अनेक क्रियाकलापों को जानते हैं जिनसे जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं –
- पशुओं एवं जानवरों को जलाशयों में नहलाना तथा कपड़े धोना।
- शवों, घरेलू अपशिष्टों आदि को जलाशयों में बहाना।
प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 222
प्रश्न 1.
मृदा (मिट्टी) का निर्माण किस प्रकार होता है?
उत्तर:
मृदा (मिट्टी) के निर्माण की प्रक्रिया:
- सूर्य की गर्मी से पत्थर गर्म होकर फैलते हैं तथा रात्रि को ठंडे होकर सिकुड़ते हैं। इसलिए पत्थर छोटे-छोटे टुकड़ों में विभक्त हो जाते हैं।
- पत्थरों की दरार में जल भर जाता है जो ठंडा होने पर बर्फ बनकर फैलता है जिससे पत्थर दबाव के कारण टूटते हैं। इसके अतिरिक्त बहता हुआ जल पत्थरों से टकराकर उन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में परिवर्तित कर देता है।
ये पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े जल के बहाव के साथ-साथ बहते रहते हैं तथा आपस में टकरा-टकराकर मृदा में बदल जाते हैं। इसके अतिरिक्त हवाएँ भी पत्थरों को तोड़ने में सहायक होती हैं।
प्रश्न 2.
मृदा अपरदन क्या है?
उत्तर:
मृदा अपरदन:
“आँधी, तूफान, तेज हवा, तीव्र जल प्रवाह एवं बाढ़ के कारण खेत की उपजाऊ मिट्टी (मृदा) का बहकर नष्ट हो जाना मृदा अपरदन कहलाता है।”
प्रश्न 3.
मृदा अपरदन को रोकने और कम करने के कोई तीन तरीके लिखिए। (2018)
उत्तर:
मृदा अपरदन को रोकने एवं कम करने के उपाय –
- वनों के काटने पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाकर तथा वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करके।
- पहाड़ों एवं ढलवाँ स्थानों पर सीढ़ीनुमा खेती करके।
- खेतों की मेंढ़ बनाकर तथा उस पर विभिन्न पेड़-पौधे उगाकर।
प्रश्न श्रृंखला-4 # पृष्ठ संख्या 226
प्रश्न 1.
जल चक्र के क्रम में जल की कौन-कौन सी अवस्थाएँ पाई जाती हैं?
उत्तर:
जल चक्र के क्रम में जल की निम्न अवस्थाएँ पाई जाती हैं –
- ठोस अवस्था (बर्फ)
- द्रव अवस्था (पानी)
- गैसीय अवस्था (जलवाष्प, बादल, कोहरा आदि)।
प्रश्न 2.
जैविक रूप से महत्वपूर्ण दो यौगिकों के नाम दीजिए जिनमें ऑक्सीजन और नाइट्रोजन दोनों पाये जाते हैं।
उत्तर:
- प्रोटीन्स
- न्यूक्लिक अम्ल।
प्रश्न 3.
मनुष्य की किन्हीं तीन गतिविधियों को पहचानें जिनसे वायु में कार्बन डाइ-ऑक्साइड की मात्रा बढ़ती है।
उत्तर:
- औद्योगिक इकाइयों द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन।
- ऑटोमोबाइलों एवं घरेलू चूल्हों में प्रयुक्त जीवाश्म ईंधन का दहन।
- श्वसन क्रिया।
प्रश्न 4.
ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है?
उत्तर:
ग्रीन हाउस प्रभाव (Green House Effect):
ठण्डे प्रदेशों में पौधों को ठण्ड से बचाने के लिए काँच या फाइबर ग्लास के बने पौधाघरों में रखा जाता है।
सूर्य से निकलने वाली छोटी तरंगदैर्घ्य की विकिरण काँच से होकर इसमें प्रवेश कर जाती है तथा वहाँ ये बड़ी तरंगदैर्घ्य की विकिरणों में बदल जाती है जिनको काँच बाहर आने से रोकता है। इस प्रकार पौधाघर का ताप वायुमण्डल के ताप से अधिक रहता है। इस घटना को पौधाघर प्रभाव या ग्रीन हाउस प्रभाव कहते हैं।
प्रश्न 5.
वायुमण्डल में पायी जाने वाली ऑक्सीजन के दो रूप कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- ऑक्सीजन गैस (O2)
- ओजोन गैस (O3)।
NCERT Class 9th Science Chapter 14 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
जीवन के लिए वायुमण्डल क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
जीवन के लिए वायुमण्डल की आवश्यकता-जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन गैस (प्राणवायु) अत्यन्त आवश्यक है। इसके बिना जीवन असम्भव है और ऑक्सीजन वायुमण्डल का ही एक घटक है। इसलिए जीवन के लिए वायुमण्डल की आवश्यकता है।
प्रश्न 2.
जीवन के लिए जल क्यों अनिवार्य है?
उत्तर:
जीवन के लिए जल की अनिवार्यता –
- सभी कोशिकीय प्रक्रियाएँ जलीय माध्यम में होती हैं।
- पदार्थों का संवहन जल के माध्यम से होता है। इसलिए जीवों को जीवित रहने के लिए जल की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 3.
जीवित प्राणी मृदा पर कैसे निर्भर हैं? क्या जल में रहने वाले जीव सम्पदा के रूप में मृदा से पूरी तरह स्वतन्त्र हैं?
उत्तर:
जीवित प्राणी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पोषक तत्व एवं खनिज मृदा से ही प्राप्त करते हैं। इसलिए जीवित प्राणी मृदा पर निर्भर करते हैं। जलीय जीव भी पूर्णरूप से सम्पदा के रूप में मृदा से स्वतन्त्र नहीं
प्रश्न 4.
आपने टेलीविजन पर और समाचार-पत्रों में मौसम सम्बन्धी रिपोर्ट को देखा होगा। क्या आप सोचते हैं कि हम मौसम के पूर्वानुमान में सक्षम हैं?
उत्तर:
हाँ ! हम मौसम के पूर्वानुमान में काफी हद तक सक्षम हैं।
प्रश्न 5.
हम जानते हैं कि बहुत-सी मानवीय गतिविधियाँ वायु, जल एवं मृदा के प्रदूषण स्तर को बढ़ा रही हैं। क्या आप सोचते हैं कि इन गतिविधियों को कुछ विशेष क्षेत्रों में सीमित कर देने से प्रदूषण के स्तर को घटाने में सहायता मिलेगी?
उत्तर:
हाँ ! प्रदूषण के स्तर का घटाने में सहायता अवश्य मिलेगी।
प्रश्न 6.
जंगल वायु, मृदा तथा जलीय स्रोत की गुणवत्ता को कैसे प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
जंगल प्रकाश-संश्लेषण द्वारा वायु को प्रदूषण मुक्त करते हैं। वर्षा को प्रोत्साहित करते हैं, मृदा अपरदन को रोकते हैं। इस प्रकार जंगल वायु, मृदा एवं जलस्रोतों की गुणवत्ता को सुधारने में सहायक होते हैं।
NCERT Class 9th Science Chapter 14 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
NCERT Class 9th Science Chapter 14 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पृथ्वी का वायुमण्डल जिन विकिरणों द्वारा गर्म होता है वह मुख्यत: है –
(a) सूर्य से आने वाला विकिरण
(b) पृथ्वी से वापस होने वाला विकिरण
(c) जल से बाहर विकिरण
(d) पृथ्वी तथा जल में विकिरण
उत्तर:
(d) पृथ्वी तथा जल में विकिरण
प्रश्न 2.
यदि पृथ्वी के चारों ओर वायुमण्डल नहीं होता तो पृथ्वी का तापमान –
(a) बढ़ता
(b) घटता
(c) दिन के समय बढ़ता तथा रात के समय घटता
(d) अप्रभावित रहता
उत्तर:
(c) दिन के समय बढ़ता तथा रात के समय घटता
प्रश्न 3.
यदि पर्यावरण में उपस्थित सभी ऑक्सीजन ओजोन में परिवर्तित हो जाये, तो क्या होगा?
(a) हम अधिक सुरक्षित होंगे
(b) यह विषाक्त हो जायेगी तथा जीवों को नष्ट करेगी
(c) ओजोन स्थिर नहीं है अतः आविषालु हो जाएगी
(d) यह हानिकारक सूर्य विकिरणों को पृथ्वी पर पहुँचने में मदद करेगी तथा कई प्रकार के जीवों को नष्ट कर देगी।
उत्तर:
(b) यह विषाक्त हो जायेगी तथा जीवों को नष्ट करेगी
प्रश्न 4.
निम्न कारकों में से कौन-सा एक कारक प्रकृति में मृदा बनावट में पहल नहीं करता?
(a) सूर्य
(b) जल
(c) पवन
(d) पॉलिथीन के थैले
उत्तर:
(d) पॉलिथीन के थैले
प्रश्न 5.
वायुमण्डल में मिलने वाली ऑक्सीजन के दो रूप कौन से हैं?
(a) जल तथा ओजोन
(b) जल तथा ऑक्सीजन
(c) ओजोन तथा ऑक्सीजन
(d) जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड
उत्तर:
(c) ओजोन तथा ऑक्सीजन
प्रश्न 6.
जीवाणु द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण की क्रिया निम्नलिखित में से किसकी उपस्थिति में नहीं होती है?
(a) हाइड्रोजन का आण्विक रूप
(b) ऑक्सीजन का तत्व रूप
(c) जल
(d) नाइट्रोजन का तत्व रूप
उत्तर:
(b) ऑक्सीजन का तत्व रूप
प्रश्न 7.
वर्षा प्रतिमान किस पर निर्भर करता है?
(a) भूमिगत जल स्तर
(b) किसी क्षेत्र में जलाशयों की संख्या
(c) किसी क्षेत्र की मानव समष्टि का घनत्व प्रतिमान
(d) किसी क्षेत्र का प्रमुख मौसम
उत्तर:
(b) किसी क्षेत्र में जलाशयों की संख्या
प्रश्न 8.
उर्वरक और पीड़कनाशी की अधिक मात्रा के उपयोग की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि –
(a) वे पारि हितैषी हैं
(b) कुछ समय बाद खेत को बंजर कर देते हैं
(c) वे मृदा के लाभदायक अवयवों पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं
(d) वे मृदा की उर्वरकता को नष्ट कर देते हैं
उत्तर:
(a) वे पारि हितैषी हैं
प्रश्न 9.
वायु में उपस्थित नाइट्रोजन के अणु निम्नलिखित के कारण नाइट्रेट अथवा नाइदाइट में परिवर्तित हो जाते हैं –
(a) मृदा में पाये जाने वाले नाइट्रोजन स्थिरकारी जीवाणुओं की जैविक प्रक्रिया द्वारा
(b) मृदा में पाई जाने वाले कार्बन स्थिरकारी कारक की जैविक प्रक्रिया द्वारा
(c) नाइट्रोजन यौगिक बनाने वाले किसी उद्योग के द्वारा
(d) उन पौधों के द्वारा जिन्हें खेत में अनाज फसलों के लिए उगाया जाता है
उत्तर:
(a) मृदा में पाये जाने वाले नाइट्रोजन स्थिरकारी जीवाणुओं की जैविक प्रक्रिया द्वारा
प्रश्न 10.
प्रकृति में चल रहे जल चक्र में निम्नलिखित में से कौन-सी एक क्रिया सम्मिलित नहीं है?
(a) वाष्पन
(b) वाष्पोत्सर्जन
(c) अवक्षेपण
(d) प्रकाश-संश्लेषण
उत्तर:
(d) प्रकाश-संश्लेषण
प्रश्न 11.
‘जल प्रदूषण’ शब्द की परिभाषा कई प्रकार से दी जा सकती है। निम्नलिखित में से किस कथन में उचित परिभाषा नहीं है?
(a) जलाशयों में अवांछित पदार्थों का मिलाया जाना
(b) जलाशयों से वांछनीय पदार्थों का निकाला जाना
(c) जलाशयों के दाब में परिवर्तन
(d) जलाशयों के ताप में परिवर्तन
उत्तर:
(c) जलाशयों के दाब में परिवर्तन
प्रश्न 12.
निम्नलिखित में से कौन-सी ग्रीन हाउस गैस नहीं है?
(a) मीथेन
(b) कार्बन डाइऑक्साइड
(c) कार्बन मोनोक्साइड
(d) अमोनिया
उत्तर:
(d) अमोनिया
प्रश्न 13.
कार्बन चक्र में कौन-सा चरण सम्मिलित नहीं है?
(a) प्रकाश-संश्लेषण
(b) वाष्पोत्सर्जन
(c) श्वसन
(d) जीवाश्म ईंधन को जलाना
उत्तर:
(b) वाष्पोत्सर्जन
प्रश्न 14.
ओजोन छिद्र का अर्थ है –
(a) ओजोन पर्त में एक बड़े आकार का छिद्र
(b) ओजोन पर्त का पतला होना
(c) ओजोन पर्त में छितरे हुए छोटे छिद्र
(d) ओजोन पर्त में ओजोन का मोटा होना।
उत्तर:
(b) ओजोन पर्त का पतला होना
प्रश्न 15.
ओजोन पर्त का ह्रास हो रहा है क्योंकि –
(a) मोटरगाड़ियों का अत्यधिक उपयोग
(b) औद्योगिक इकाइयों का अत्यधिक निर्माण
(c) मनुष्य निर्मित यौगिकों जिनमें क्लोरीन और फ्लोरीन दोनों शामिल हैं, का अत्यधिक उपयोग होना
(d) वनों की अत्यधिक कटाई।
उत्तर:
(c) मनुष्य निर्मित यौगिकों जिनमें क्लोरीन और फ्लोरीन दोनों शामिल हैं, का अत्यधिक उपयोग होना
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से पर्यावरण की कौन-सी समस्या हाल ही में उत्पन्न हुई है?
(a) ओजोन पर्त का ह्रास
(b) ग्रीन हाउस का प्रभाव
(c) वैश्विक ऊष्मन
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी
प्रश्न 17.
जब हम साँस लेते समय वायु अन्दर लेते हैं तो ऑक्सीजन के साथ नाइट्रोजन भी अन्दर जाती है। इस नाइट्रोजन का क्या होता है?
(a) यह ऑक्सीजन के साथ कोशिकाओं में भ्रमण करती है
(b) यह साँस छोड़ते समय कार्बन डाइऑक्साइड के साथ बाहर आ जाती है
(c) यह केवल नासिका कोशिकाओं द्वारा अवशोषित हो जाती है
(d) कोशिकाओं में नाइट्रोजन का सान्द्रण पहले ही इतना अधिक है कि यह अवशोषित नहीं हो पाती।
उत्तर:
(b) यह साँस छोड़ते समय कार्बन डाइऑक्साइड के साथ बाहर आ जाती है
प्रश्न 18.
उपरि मृदा में निम्नलिखित में से विद्यमान होता है –
(a) केवल ह्यूमस तथा सजीव
(b) केवल ह्यूमस तथा मृदा कणिकाएँ
(c) ह्यूमस सजीव तथा पादप
(d) ह्यूमस सजीव तथा मृदा कणिकाएँ
उत्तर:
(d) ह्यूमस सजीव तथा मृदा कणिकाएँ
प्रश्न 19.
सही क्रम का चयन कीजिए –
(a) वायुमण्डल में CO2 → अपघटक → जन्तुओं में जैव कार्बन → पादपों में जैव कार्बन
(b) वायुमण्डल में CO2 → पादपों में जैव कार्बन → जन्तुओं में जैव कार्बन → मृदा में अकार्बनिक कार्बन
(c) जल में अकार्बनिक कार्बोनेट → पादपों में जैव कार्बन → जन्तुओं में जैव कार्बन → अपमार्जक
(d) जन्तुओं में जैव कार्बन → अपघटक → वायुमण्डल में CO2 → पादपों में जैव कार्बन
उत्तर:
(b) वायुमण्डल में CO2 → पादपों में जैव कार्बन → जन्तुओं में जैव कार्बन → मृदा में अकार्बनिक कार्बन
प्रश्न 20.
मृदा में खनिज का मुख्य स्रोत कौन-सा है?
(a) जनक शैल जिससे मृदा बनती है
(b) पादप
(c) जन्तु
(d) जीवाणु
उत्तर:
(a) जनक शैल जिससे मृदा बनती है
प्रश्न 21.
पृथ्वी के कुल धरातल का कितना भाग जल से ढका है?
(a) 75%
(b) 60%
(c) 85%
(d) 50%
उत्तर:
(a) 75%
प्रश्न 22.
जैवमण्डल के जैविक घटक का निर्माण किसके द्वारा नहीं होता है?
(a) उत्पादक
(b) उपभोक्ता
(c) अपघटक
(d) वायु
उत्तर:
(d) वायु
प्रश्न 23.
वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में वृद्धि से क्या नहीं होगा?
(a) पर्यावरण में अधिक ऊष्मा को रोका जा सकता है
(b) पौधों में प्रकाश-संश्लेषण की वृद्धि
(c) वैश्विक ऊष्मन
(d) मरुस्थली पादपों की प्रचुरता
उत्तर:
(d) मरुस्थली पादपों की प्रचुरता
प्रश्न 24.
ऑक्सीजन मुख्यतः किसके द्वारा वायुमण्डल में वापस आती है?
(a) जीवाश्म ईंधन के जलने से
(b) श्वसन से
(c) प्रकाश-संश्लेषण से
(d) कवक से।
उत्तर:
(c) प्रकाश-संश्लेषण से
प्रश्न 25.
ठंडे मौसम में कम दृश्यता का कारण –
(a) जीवाश्म ईंधन का निर्माण
(b) बिना दहन हुए कार्बन कण या वायु में निलम्बित हाइड्रोकार्बन
(c) पर्याप्त विद्युत आपूर्ति में कमी
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) बिना दहन हुए कार्बन कण या वायु में निलम्बित हाइड्रोकार्बन
प्रश्न 26.
बंजर शैल पर लाइकेन की वृद्धि के बाद किसकी वृद्धि होती है?
(a) मॉस
(b) फर्न
(c) जिम्नोस्पर्म
(d) शैवाल
उत्तर:
(a) मॉस
प्रश्न 27.
जलीय पर्यावरण में विशेष तापक्रम परिवर्तन प्रभावित कर सकता है –
(a) जन्तुओं में प्रजनन
(b) जलीय पौधों में अधिक वृद्धि
(c) जन्तुओं में पाचन की प्रक्रिया
(d) पोषकों की उपलब्धता
उत्तर:
(a) जन्तुओं में प्रजनन
प्रश्न 28.
मृदा अपरदन इसके द्वारा रोका जा सकता है –
(a) वनों का विकास करके
(b) वनों की कटाई
(c) उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग
(d) जन्तुओं द्वारा अति चारण
उत्तर:
(a) वनों का विकास करके
प्रश्न 29.
वनस्पति रहित मृदा पर जब वर्षा होती है तो क्या होता है?
(a) वर्षा का जल मृदा के भीतर भली-भाँति रिस जाता है
(b) वर्षा का जल मृदा की सतह को हानि पहुँचाता है
(c) वर्षा का जल मृदा की उर्वरकता को बढ़ाता है
(d) वर्षा का जल मृदा में कोई परिवर्तन नहीं करता है
उत्तर:
(b) वर्षा का जल मृदा की सतह को हानि पहुँचाता है
प्रश्न 30.
ऑक्सीजन निम्नलिखित में से किसके लिए हानिकारक है?
(a) फर्न
(b) नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु
(c) चारा
(d) आम का वृक्ष।
उत्तर:
(b) नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु
प्रश्न 31.
वायु प्रदूषक है –
(a) गैसीय अपशिष्ट
(b) वाहित मल
(c) कृषि अपशिष्ट
(d) शोर
उत्तर:
(a) गैसीय अपशिष्ट
प्रश्न 32.
जल प्रदूषक है –
(a) गैसीय अपशिष्ट
(b) रेडियोधर्मी विकिरण
(c) वाहित मल
(d) शोर
उत्तर:
(c) वाहित मल
प्रश्न 33.
नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले जीवाणु का नाम है –
(a) स्यूडोमोनास
(b) नाइट्रोसोमोनास
(c) राइजोबियम
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) राइजोबियम
रिक्त स्थानों की पूर्ति
1. पृथ्वी के चारों ओर गैसीय आवरण …………… कहलाता है।
2. पृथ्वी पर जो भाग जल से ढका है वह ………… कहलाता है।
3. समस्त जीवों से मिलकर बने तन्त्र को …………… कहते हैं।
4. अजैविक एवं जैविक घटकों को …………… कहते हैं।
अथवा
जैविक एवं अजैविक घटक मिलकर …………… बनाते हैं।
5. प्रदूषकों का वायु में मिलना ………….. प्रदूषण कहलाता है।
6. प्रदूषकों का जल में मिलना …………… प्रदूषण कहलाता है।
7. कीटनाशकों से ………… प्रदूषण फैलता है।
8. शोर से ……….. प्रदूषण होता है।
9. ध्वनि मापन की इकाई ……………. है।
10. CFC का पूरा नाम ………. है।
11. जीवाश्म ईंधन …………… है।
उत्तर:
- वायुमण्डल
- जलमण्डल
- जैव तन्त्र
- पारिस्थितिक तन्त्र
- वायु
- जल
- मृदा
- ध्वनि
- डेसीबल
- क्लोरोफ्लोरोकार्बन
- L.P.G. एवं कोयला।
सही जोड़ी बनाना
उत्तर:
- → (iii)
- → (iv)
- → (v)
- → (i)
- → (ii)
- → (vii)
- → (vi)
सत्य/असत्य कथन
1. खनिज ईंधन के जलने से प्रदूषण नहीं फैलता।
2. 60 डेसीबल से ऊपर की ध्वनि ध्वनि-प्रदूषण पैदा करती है।
3. प्रदूषित जल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
4. क्लोरोफ्लोरोकार्बन ओजोन परत में छेद कर रहे हैं।
5. ताप पारितन्त्र का अजैव घटक है।
6. जैवमण्डल की क्रियात्मक इकाई पारितन्त्र है।
7. वायुमण्डल में नाइट्रोजन 28% होती है।
उत्तर:
- असत्य
- सत्य
- असत्य
- सत्य
- सत्य
- असत्य
- असत्य।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
प्रश्न 1.
ऐरोसॉल का रासायनिक नाम क्या है?
उत्तर:
क्लोरोफ्लोरोकार्बन।
प्रश्न 2.
क्लोरोफ्लोरोकार्बन का रासायनिक सूत्र क्या है?
उत्तर:
CCl2F2.
प्रश्न 3.
सम्पूर्ण विश्व में मनुष्य के क्रियाकलापों से वातावरण का तापमान बढ़ने की घटना क्या कहलाती है?
उत्तर:
ग्लोबल वार्मिंग।
प्रश्न 4.
ध्वनि की इकाई क्या है?
उत्तर:
डेसीबल।
प्रश्न 5.
नाइट्रोजन चक्र में नाइट्रोजन स्थिरीकरण में भाग लेने वाले जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर:
ऐजोटोबैक्टर एवं राइजोबियम।
प्रश्न 6.
नाइट्रोजन चक्र में अमोनीकरण में भाग लेने वाले जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर:
नाइट्रोसोमोनास।
प्रश्न 7.
नाइट्रोजन चक्र में नाइट्रीकारक बैक्टीरिया का नाम लिखिए।
उत्तर:
नाइट्रोबैक्टर।
प्रश्न 8.
नाइट्रोजन चक्र में विनाइट्रीकारक जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर:
स्यूडोमोनास।
प्रश्न 9.
किस वैज्ञानिक ने सर्वप्रथम ‘पारितन्त्र’ शब्द का प्रयोग किया?
उत्तर:
टेन्सले।
प्रश्न 10.
ऐरोसॉल वायुमण्डल की किस परत का क्षरण करने के लिए उत्तरदायी है?
उत्तर:
ओजोन परत का।
प्रश्न 11.
शुष्क बर्फ किसे कहते हैं?
उत्तर:
ठोस कार्बन डाइऑक्साइड।
प्रश्न 12.
ओजोन का रासायनिक सूत्र लिखिए।
उत्तर:
O3.
प्रश्न 13.
ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने वाली प्रमुख गैस का नाम लिखिए।
उत्तर:
कार्बन डाइऑक्साइड।
NCERT Class 9th Science Chapter 14 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
ओजोन परत क्या है? इसके क्या लाभ हैं?
उत्तर:
ओजोन परत:
“हमारे वायुमण्डल में समुद्र की सतह से 32 से 80 किमी की दूरी तक ओजोन गैस की एक मोटी परत पाई जाती है जिसे ओजोन परत कहते हैं।
ओजोन परत का लाभ:
ओजोन परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है।
प्रश्न 2.
वैश्विक ऊष्मीकरण (ग्लोबल वार्मिंग) से क्या समझते हो?
उत्तर:
वैश्विक ऊष्मीकरण (ग्लोबल वार्मिंग):
मनुष्यों के क्रियाकलापों के फलस्वरूप ग्रीन हाउस प्रभाव से सम्पूर्ण पृथ्वी का तापमान बढ़कर सामान्य तापमान से अधिक हो रहा है। इस घटना को वैश्विक ऊष्मीकरण (ग्लोबल वार्मिंग) कहते हैं।”
प्रश्न 3.
नदियाँ खनिजों को भूमि से लेकर समुद्री जल तक ले जाती हैं। चर्चा कीजिए।
उत्तर:
जल एक अच्छा विलायक है इसलिए अनेक खनिजों को घोलने में सक्षम होता है। जब नदियों का जल पहाड़ों से प्रवाहित होता है तो अपने रास्ते में पड़ने वाली मृदा से अनेक खनिजों को घोलकर समुद्र तक ले जाता है।
प्रश्न 4.
जल के प्रदूषित हो जाने पर जल में रहने वाले जीव का जीवन कैसे प्रभावित होता है?
उत्तर:
पीड़कनाशी, उर्वरक, घरेलू एवं औद्योगिक कचरा एवं अन्य विषैले पदार्थ जल में घुलकर उसे विषैला और प्रदूषित कर देते हैं। इसके साथ ही जल में घुली ऑक्सीजन की मात्रा भी कम कर देते हैं। इससे जलीय जीवों का जीवन दूभर हो जाता है और अधिकतर जीव मर जाते हैं।
प्रश्न 5.
यदि गर्मियों में आप झील के निकट जाएँ तो आप गर्मी से राहत महसूस करेंगे, क्यों?
उत्तर:
चूँकि जलाशयों (झील) के निकट की वायु उसके जल के वाष्पीकरण के कारण ठंडी हो जायेगी। इसलिए उसके निकट जाने पर गर्मी में राहत महसूस होगी।
प्रश्न 6.
तटीय क्षेत्रों में, दिन में पवन धाराएँ समुद्र से भूमि की ओर, लेकिन रात में भूमि से समुद्र की ओर चलती हैं। कारण बताइए।
उत्तर:
दिन के समय भूमि के ऊपर की हवा जल्दी गर्म होने से हल्की होकर ऊपर उठ जाती है और नीचे दाब कम हो जाता है। इससे समुद्र के ऊपर की हवा भूमि की ओर प्रवाहित होती है। रात्रि के समय भूमि की हवा जल्दी ठंडी होती है और समुद्र के ऊपर की हवा अपेक्षाकृत गर्म रहती है और ऊपर उठती है तथा नीचे दाब कम हो जाता है। इसलिए भूमि से समुद्र की ओर पवन धाराएँ चलती हैं।
प्रश्न 7.
नीचे कुछ जीव दिए गए हैं –
(a) लाइकेन
(b) मॉस
(c) आम का वृक्ष
(d) कैक्टस।
उपर्युक्त में से पत्थर पर कौन उग सकता है और मृदा निर्माण में भी सहायता करता है? मृदा बनाने की इसकी क्रिया पद्धति पर लेख लिखिए।
उत्तर:
(a) लाइकेन एवं
(b) मॉस ऐसे पौधे हैं जो पत्थर पर उग सकते हैं तथा ऐसे रासायनिक पदार्थों का स्रावण करते हैं जो पत्थर को तोड़कर छोटे-छोटे कणों में बदल देते हैं। यही कण मृदा का निर्माण करते हैं।
प्रश्न 8.
मृदा का निर्माण जैव तथा अजैव दोनों प्रकार के कारक करते हैं। अजैव तथा जैव के रूप में वर्गीकरण करते हुए कारकों के नाम की सूची बनाइए।
उत्तर:
मृदा निर्माण के जैव कारक-लाइकेन, मॉस एवं वृक्ष। मृदा निर्माण के अजैव कारक-सूर्य, जल एवं पवन।
प्रश्न 9.
सभी जीव मूलरूप से C, N, S, P, H तथा O से बने होते हैं। ये तत्व जीवों में किस प्रकार प्रवेश करते हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
पेड़-पौधे अपनी जड़ों के माध्यम से जल एवं लवण अवशोषित करते हैं तथा प्रकाश-संश्लेषण द्वारा भोजन बनाते हैं। जन्तु पेड़-पौधों से भोजन ग्रहण करते हैं। इस तरह ये सभी तत्व सभी जीवों में प्रवेश करते हैं।
प्रश्न 10.
ऑक्सीजन, नाइट्रोजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसों का प्रतिशत वायुमण्डल में सदैव एक जैसा क्यों रहता है?
उत्तर:
इन गैसों का वायुमण्डल में सदैव एक जैसा प्रतिशत बना रहता है क्योंकि इन गैसों के चक्रों में आपस में संगतता बनी रहती है।
प्रश्न 11.
चन्द्रमा के तापक्रम में बहुत सर्द और बहुत गर्म तापमान की विविधताएँ पाई जाती हैं। उदाहरण के लिए-190°C से 110°C तक, हालांकि सूर्य से इसकी दूरी पृथ्वी के ही बराबर है। ऐसा क्यों होता है ?
उत्तर:
चन्द्रमा पर वायु एवं जल का अभाव होता है जो तापक्रम नियन्त्रण में सहायक हो सकते थे इसलिए जब यह सूर्य की ओर आता है तो तापक्रम 110°C तक पहुँच जाता है और उससे दूर होने पर -190°C तक गिर जाता है।
प्रश्न 12.
समुद्र तट के निकट लोग पतंग उड़ाना क्यों पसन्द करते हैं?
उत्तर:
समुद्र के पास दिन में पवन का निर्माण होता है जो पतंग उड़ाने के लिए आवश्यक है इसलिए लोग समुद्र के किनारे पतंग उड़ाना पसन्द करते हैं।
प्रश्न 13.
मथुरा रिफाइनरी ताजमहल के लिए क्यों एक समस्या बनी हुई है?
उत्तर:
मथुरा रिफाइनरी विषाक्त गैसें जैसे सल्फर डाइ-ऑक्साइड आदि छोड़ती है जो वर्षा के जल से मिलकर एसिड (अम्ल) बनाती है और अम्ल वर्षा (एसिड रेन) करने का कारण बनती है जो ताजमहल के संगमरमर का क्षरण करती है।
प्रश्न 14.
दिल्ली में लाइकेन क्यों नहीं मिलते हैं जबकि मनाली या दार्जिलिंग में आमतौर पर उगते हैं?
उत्तर:
लाइकेन एक जैव संकेतक है तथा SO2 आदि प्रदूषकों के लिए अति संवेदनशील होता है। दिल्ली में स्वचालित वाहनों की अत्यधिक संख्या एवं औद्योगिक संस्थानों के कारण यहाँ की वायु अति प्रदूषित होती है जबकि मनाली एवं दार्जिलिंग प्रायः प्रदूषण रहित हैं इसलिए लाइकेन दिल्ली में नहीं पाया जाता जबकि मनाली एवं दार्जिलिंग में खूब उगता है।
प्रश्न 15.
जल संरक्षण की क्यों आवश्यकता है जबकि भूखण्डों को विशाल समुद्र घेरे हुए है?
उत्तर:
लवणयुक्त समुद्री जल मनुष्य और पादपों के लिए प्रत्यक्ष रूप से लाभदायक नहीं होता तथा लवण विहीन जल के संसाधन सीमित हैं तथा माँग अधिक। इसलिए माँग की आपूर्ति हेतु जल संरक्षण की आवश्यकता है।
प्रश्न 16.
लाइकेन वनस्पतिहीन चट्टानों पर सबसे पहले आने वाले जीव कहलाते हैं। ये मृदा बनाने में किस प्रकार सहायक होते हैं?
उत्तर:
लाइकेन चट्टानों पर उगने वाले सबसे पहले जीव हैं। लाइकेन रासायनिक पदार्थ छोड़ते हैं जो पत्थरों को छोटे-छोटे कणों में बदलकर मृदा का निर्माण करते हैं। उसके बाद में मॉस जैसे छोटे-छोटे पौधे उगते हैं जो पत्थरों को तोड़ने में सक्षम होते हैं। इस तरह से चट्टानों को मृदा में बदल देते हैं।
प्रश्न 17.
उर्वरक मृदा में ह्यूमस बड़ी मात्रा में होती है, क्यों?
उत्तर:
उर्वरक मृदा में अनेक प्रकार के जीव मौजूद होते हैं जो मृत कार्बनिक पदार्थों को विघटित करके ह्यूमस बना देते हैं। ह्यूमस खनिज प्रदान करती है, जल का अवशोषण करती है और मृदा को छिदिल बनाकर उर्वरक मृदा बना देती है।
प्रश्न 18.
पहाड़ों पर सोपानी कृषि (Step farming) आमतौर पर क्यों पाई जाती है?
उत्तर:
ढलान पर जलधारा द्वारा मृदा अपरदन होता है। उसे रोकने के लिए पहाड़ों पर सोपानी कृषि आमतौर पर पाई जाती है।
प्रश्न 19.
जड़ों में पायी जाने वाली मूल ग्रन्थिकाएँ पौधों के लिए क्यों लाभदायक होती हैं?
उत्तर:
जड़ों में पायी जाने वाली मूल ग्रन्थिकाओं में नाइट्रोजन स्थिरकारी जीवाणु राइजोबियम होते हैं जो वायुमण्डलीय नाइट्रोजन को नाइट्रोजन के लवणों में बदल देते हैं जिससे मृदा की उर्वरकता बढ़ जाती है।
प्रश्न 20.
“धूल एक प्रदूषक है।” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
वायु में उपस्थित धूल निलम्बित कणों के रूप में एलर्जी या दूसरे श्वसन रोग पैदा करती है। पौधों की पत्तियों पर एकत्रित होकर उसके रन्ध्रों को बन्द कर पादप वृद्धि में व्यवधान डालती है। इसलिए यह एक प्रदूषक है।
प्रश्न 21.
मृदा के बनने में सूर्य की भूमिका की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सूर्य शैलों को गरम करता है और इस प्रकार दिन में ये फैलती हैं तथा रात्रि में ठण्ड पड़ने पर सिकुड़ती हैं। परिणामस्वरूप शैल टूट जाते हैं और छोटे-छोटे कणों में विभक्त होकर मृदा का निर्माण करते हैं।
प्रश्न 22.
कार्बन डाइऑक्साइड पौधों के लिए आवश्यक है। हम इसे प्रदूषक क्यों मानते हैं?
उत्तर:
कार्बन डाइऑक्साइड पौधों के लिए प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा भोजन बनाने में सहयोग प्रदान करती है इसलिए पौधों के लिए अति आवश्यक है। लेकिन अधिक मात्रा में इसका सान्द्रण वायु प्रदूषण पैदा करता है इसलिए हम इसे प्रदूषक मानते हैं।
प्रश्न 23.
ग्लोबल वार्मिंग (वैश्विक ऊष्मीकरण) के प्रमुख कारण लिखिए।
उत्तर:
वैश्विकऊष्मीकरण (ग्लोबल वार्मिंग) के प्रमुख कारण-विभिन्न निम्न मानवीय क्रियाकलापों के कारण वायुमण्डल का तापमान निरन्तर बढ़ता जा रहा है –
- शहरीकरण एवं औद्योगीकरण के कारण वृक्षों का अत्यधिक कटान।
- जीवाश्म ईंधन का अत्यधिक उपयोग।
प्रश्न 24.
अम्ल वर्षा क्या है?
उत्तर:
अम्ल वर्षा-“जीवाश्म ईंधन के जलने से वायुमण्डल में विभिन्न प्रकार की अम्लीय गैसें; जैसे-कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड एवं नाइट्रोजन के ऑक्साइड वायुमण्डल में एकत्रित होते हैं जो जलवाष्प से मिलकर अम्ल बनाकर वर्षा के साथ बरसते हैं। इस वर्षा को अम्ल वर्षा कहते हैं।”
NCERT Class 9th Science Chapter 14 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
वायु प्रदूषण के कारण लिखिए।
अथवा
वायु प्रदूषण के मानव निर्मित स्रोतों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण के कारण अथवा वायु प्रदूषकों के मानव निर्मित स्रोत –
- घर, कल-कारखानों एवं वाहनों में ईंधन के दहन से उत्पन्न प्रदूषक गैसें वायुमण्डल में मिल जाती हैं।
- रेफ्रिजरेटरों एवं एयर कण्डीशनरों में प्रयुक्त क्लोरोफ्लोरोकार्बन (ऐरोसॉल) रिसाव के कारण वायुमण्डल में मिल जाती है।
- कृषि रसायनों (कीटनाशक, फंगसनाशक, खरपतवारनाशक, पीड़कनाशक) के छिड़काव के कारण उनसे निकले गैसीय रसायन वायुमण्डल में मिल जाते हैं।
- वनों की कटाई, बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण एवं खनन आदि के कारण भी वायु प्रदूषक वायुमण्डल में मिलकर उसे प्रदूषित करते हैं।
प्रश्न 2.
वायु प्रदूषण के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण के प्रभाव-मानव जीवन पर विभिन्न वायु प्रदूषकों के निम्न प्रभाव पड़ते हैं –
1. नाइट्रोजन ऑक्साइड के प्रभाव:
फेफड़ों के ऊतकों में सूजन आना, न्यूमोनिया होना, ऑक्सीजन परिवहन क्षमता में कमी होना, फेफड़ों का कैंसर होना, आँखों में जलन होना एवं प्रतिरोधक क्षमता में कमी होना।
2. सल्फर डाइ:
ऑक्साइड के प्रभाव-कफ, खाँसी, सिरदर्द एवं आँखों में जलन होना।
3. कार्बन मोनो:
ऑक्साइड के प्रभाव-सिरदर्द एवं उल्टी होना, साँस लेने में कठिनाई होना, उल्टी आना, ऑक्सीजन की परिवहन क्षमता में कमी, पेशीय कमजोरी होना।
प्रश्न 3.
वायु प्रदूषण के नियन्त्रण के उपाय लिखिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण के नियन्त्रण के उपाय –
- उद्योगों एवं कल-कारखानों को आवासीय क्षेत्रों से दूर स्थापित करना चाहिए।
- कारखानों की चिमनियों को काफी ऊँचा बनाना चाहिए।
- वाहनों के धुआँ निकलने वाले पाइप (साइलेंसर) के मुँह पर फिल्टर लगाना चाहिए।
- धूम्रपान से बचना चाहिए।
- प्रदूषण रहित ईंधन का उपयोग करना चाहिए तथा सस्ते ईंधन से बचना चाहिए।
प्रश्न 4.
जल प्रदूषण के प्रभाव लिखिए।
उत्तर:
जल प्रदूषण के प्रभाव:
जीवों पर जल प्रदूषण के निम्न प्रभाव पड़ते हैं –
1. मानव पर प्रभाव:
प्रदूषित जल से मानव में विभिन्न घातक बीमारियाँ; जैसे हैजा, टायफाइड, डायरिया, पेचिश, पीलिया एवं हेपेटाइटिस आदि हो जाती हैं। जल प्रदूषण मानव अंगों; जैसे-मस्तिष्क, यकृत, फेफड़े एवं वृक्क आदि पर घातक प्रभाव डालते हैं।
2. प्राणियों पर प्रभाव:
प्रदूषित जल के कारण प्राणियों के अण्डे, लार्वा आदि नष्ट हो जाते हैं। प्राणियों का जीवन खतरे में आ जाता है। प्रदूषित जल में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, फलस्वरूप मछलियाँ आदि जलीय जीवों की मृत्यु हो जाती है।
3. वनस्पति पर प्रभाव:
प्रकाश-संश्लेषण की दर में कमी आ जाती है। पेस्टीसाइड एवं कीटनाशकों के कारण नील-हरित शैवाल मर जाते हैं। जल में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
प्रश्न 5.
जल प्रदूषण के कारणों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
जल प्रदूषण के कारण:
- घरेलू अपशिष्ट एवं वाहित मल का जलस्रोतों में मिलना।
- औद्योगिक जलीय अवशिष्टों का जलस्रोतों में मिलना।
- अपमार्जक एवं साबुन युक्त (नहाने एवं कपड़े धोने के कारण प्रदूषित) जल का जलाशयों में मिलना।
- कृषि रसायनों (उर्वरक, खरपतवारनाशी, कीटनाशी, फंगसनाशी, पीड़कनाशी आदि) का वर्षा जल के साथ बहकर जलस्रोतों में मिलना।
- रेडियोधर्मी पदार्थों का जलस्रोतों में मिलना।
प्रश्न 6.
जल प्रदूषण के नियन्त्रण (रोकने) के उपाय लिखिए।
उत्तर:
जल प्रदूषण के नियन्त्रण के उपाय:
- वाहित मल को जल में प्रवाहित करने से पहले उसे उपचारित कर लेना चाहिए।
- औद्योगिक अपशिष्टों को जलाशयों में मिलाने से पहले उपचारित करके हानिरहित बना लेना चाहिए।
- ठोस अपशिष्टों को जलाशयों में नहीं फेंकना चाहिए।
- जैविक अपशिष्टों को जलाशयों में नहीं फेंकना चाहिए।
- जलाशयों में जानवरों के नहाने एवं कपड़े धोने पर प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए।
प्रश्न 7.
ध्वनि प्रदूषण किसे कहते हैं? इसके क्या प्रभाव पड़ते हैं?
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण:
“विभिन्न प्रकार की अवांछित तीव्र ध्वनियों द्वारा पर्यावरण में उत्पन्न अशान्ति, ध्वनि प्रदूषण कहलाती है।”
ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव:
- श्रव्य क्षमता कम हो जाती है तथा व्यक्ति बहरा तक हो जाता है।
- सिरदर्द होने लगता है तथा चिड़चिड़ापन आ जाता है।
- इससे दौरे पड़ने लगते हैं।
- गर्भस्थ शिशु पर कुप्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 8.
ध्वनि प्रदूषण को नियन्त्रित करने के उपाय बताइए।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण को नियन्त्रित करने के उपाय:
- उद्योग व कारखानों को शहर से दूर स्थापित करना चाहिए।
- वाहनों में गुणवत्ता वाले ईंधन का उपयोग करना चाहिए।
- वाहनों एवं जनरेटरों में साइलेंसर का उपयोग करना चाहिए।
- कारखानों के कलपुर्जी का उचित रख-रखाव करना चाहिए।
- रेडियो, टेलीविजन आदि को धीमी आवाज में बजाना चाहिए।
- लाउडस्पीकर एवं डीजे आदि पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए।
प्रश्न 9.
मृदा प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मृदा प्रदूषण के स्त्रोत:
1. औद्योगिक कार्य:
उद्योगों से निकले त्याज्यों को मृदा में मिला दिया जाता है।
2. शहरी अपशिष्ट:
शहर से निकलने वाला घरेलू एवं व्यावसायिक अपशिष्ट, सूखा, कीचड़, कूड़ा-करकट, ईंधन अवशेष, गले, कागज, पॉलीथीन की थैलियाँ, फल-सब्जियों के छिलके आदि मृदा में डाल दिए जाते हैं।
3. कृषि कार्य:
कृषि कार्य में प्रयुक्त उर्वरक, कीटनाशक, फंगीनाशक, खरपतवार नाशक, पीड़कनाशक आदि रासायनिक पदार्थ मृदा की उर्वरक शक्ति को नष्ट करते हैं तथा उसे विषैला एवं प्रदूषित करते हैं।
4. मृदा अवसाद:
आँधी, तूफान, तेज हवा एवं बाढ़ के कारण खेत की उपजाऊ मिट्टी (मृदा) अपरदन द्वारा नष्ट हो जाती है तथा गन्दगी भरे दलदली पदार्थ मृदा में एकत्रित हो जाते हैं।
प्रश्न 10.
मृदा प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
मृदा प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव:
- ठोस अपशिष्ट (कूड़ा-करकट) में मच्छर एवं मक्खियाँ पनपती हैं जो रोगवाहक होते हैं।
- उद्योगों से निकला अपशिष्ट मृदा की उर्वरक शक्ति को क्षीण करता है तथा उसकी अम्लीयता एवं क्षारीयता के सन्तुलन को बिगाड़ देता है। इससे फसल उत्पादन प्रभावित होता है।
- अम्ल वर्षा से पृथ्वी की उर्वरा शक्ति क्षीण होती है तथा फसल उत्पादन प्रभावित होता है।
- मृदा अपरदन से मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
- रासायनिक उर्वरकों, कृषि रसायन (जैसे-कीटनाशक, पीड़कनाशक, फंगीनाशक एवं खरपतवारनाशक) खाद्य श्रृंखला के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और स्वास्थ्य को हानि पहुंचाते हैं।
- वाहित मल और कचरा, पर्यावरण को बदबूदार बनाता है।
प्रश्न 11.
मृदा प्रदूषण रोकने के उपाय लिखिए।
उत्तर:
मृदा प्रदूषण रोकने के उपाय:
- कार्बनिक खाद का उपयोग करके।
- फसल चक्रण का उपयोग करके।
- वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करके तथा वृक्षों को अत्यधिक कटान को प्रतिबन्धित करके।
- ढलानों पर सीढ़ीदार आकार बनाकर।
- कृषि रसायनों (उर्वरक एवं अन्य) का कम से कम उपयोग करके।
प्रश्न 12.
नाइट्रोजन चक्र में जीवों की भूमिका क्या है?
उत्तर:
नाइट्रोजन चक्र में जीवों की भूमिका अथवा जीवों द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण के प्रमुख चरण (Biotic Role in Nitrogen Cycle or Nitrogen Fixation by Organism):
“नाइट्रोजन चक्र में जीवों की भूमिका अथवा जीनों द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण को विभिन्न चरणों में निम्नांकित तालिका से समझ सकते हैं –
प्रश्न 13.
प्रकृति में ऑक्सीजन चक्र समझाइए।
अथवा
ऑक्सीजन चक्र का रेखीय चित्र बनाकर वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रकृति में ऑक्सीजन चक्र (Oxygen Cycle in Nature):
श्वसन हेतु वायुमण्डलीय ऑक्सीजन का उपयोग स्थलीय जन्तुओं द्वारा तथा जल में घुली हुई ऑक्सीजन का उपयोग जलीय जन्तु द्वारा किया जाता है तथा कोशिकीय श्वसन के फलस्वरूप कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल बनता है। जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड हरे पेड़-पौधों द्वारा ग्रहण की जाती है तथा प्रकाश-संश्लेषण द्वारा ऑक्सीजन मुक्त होती है जो वायुमण्डल में चली जाती है। मृत जीवों के अपघटन से भी ऑक्सीजन मुक्त होती है। इस प्रकार ऑक्सीजन चक्र चलता रहता है।
प्रश्न 14.
पदार्थों के चक्रण में अपघटकों की भूमिका संक्षेप में बताइए।
अथवा
जीवमण्डल में अपघटकों की अनुपस्थिति के क्या परिणाम हो सकते हैं?
अथवा
पारितन्त्र में अपघटकों की भूमिका समझाइए।
उत्तर:
पदार्थों के चक्रण में अपघटकों की भूमिका (Role of Decomposers in Cycling of Materials):
अपघटक जीवाणु, कवक तथा फंगस आदि सूक्ष्मजीव होते हैं जो मृत पेड़-पौधों (उत्पादकों) एवं मृत जन्तुओं (उपभोक्ताओं) का अपघटन करते हैं। वे उन जीवों में उपस्थित जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल अकार्बनिक पदार्थों में बदल देते हैं। इन सरल अकार्बनिक पदार्थों का पुन: उपयोग उत्पादकों द्वारा कर लिया जाता है तथा जटिल कार्बनिक पदार्थों में रूपान्तरित कर दिया जाता है।
इन जटिल कार्बनिक पदार्थों का उपयोग पुनः उपभोक्ताओं द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कर लिया जाता है। यदि जीवमण्डल में अपघटक अनुपस्थित जड़ों द्वारा हो जाएँ तो पदार्थों के चक्रण की सभी प्रक्रियाएँ बन्द हो जाएँगी और मृत पेड़-पौधों और जन्तुओं की भरमार से पर्यावरण असन्तुलित हो जाने से भयंकर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इस प्रकार के पदार्थों के चक्रण में अपघटकों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
प्रश्न 15.
प्रकृति में जल-चक्र को सचित्र समझाइए।
अथवा
जलीय चक्र किसे कहते हैं ? इसके चरण एवं प्रकृति में जलीय चक्र को चित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर:
प्रकृति में जल-चक्र (Water Cycle or Hydrological Cycles in Nature):
पौधे जड़ों द्वारा मृदा से जल ग्रहण करते हैं तथा जन्तु भोजन के साथ। पौधों से जल वाष्पोत्सर्जन की क्रिया द्वारा जलवाष्प के रूप में तथा जन्तुओं में पसीने के द्वारा जलवाष्प के रूप में वायुमण्डल में चला जाता है। जन्तु मूत्र विसर्जन में भी जल त्यागते हैं जो मृदा में मिल जाता है। तालाबों, झीलों, नदियों और समुद्रों का जल वाष्पन द्वारा वायुमण्डल में पहुँचता है। वायुमण्डल में बादल बनते हैं जो निम्न ताप पर वर्षा या हिम के रूप में बरसते हैं। इस प्रकार जल पृथ्वी पर वापस आ जाता है।
प्रश्न 16.
उपरिमृदा की हानि को हम कैसे रोक सकते हैं?
उत्तर:
उपरिमृदा की हानि को रोकने के उपाय:
उपरिमृदा की हानि को रोकने के लिए हम निम्न उपाय करेंगे –
- अधिकाधिक वानस्पतिक वृद्धि करके अर्थात् वृक्षारोपण द्वारा।
- वृक्षों के कटान पर प्रतिबन्ध लगाकर।
- पशुचारण एवं वनस्पति काटने पर प्रतिबन्ध लगाकर।
- ढलानों पर सोपानी कृषि (सीढ़ीदार कृषि) करके।
प्रश्न 17.
एक तालाब में मछलियाँ बड़ी संख्या में मरी पाई गईं। क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर:
एक तालाब में बड़ी संख्या में मछलियाँ मरी पाई गईं। इसके मुख्य कारण निम्न हैं –
- जलाशयों में अनैच्छिक विषैले पदार्थों का मिलना। ये पदार्थ औद्योगिक अपशिष्ट, वाहित मल, पीड़कनाशक आदि हो सकते हैं।
- जलाशयों में घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा में कमी आना जिससे श्वसन बाधित होना।
- जलाशयों में पोषक तत्वों की कमी होना।
- जलाशय के तापमान में परिवर्तन होना अर्थात् ऊष्मीय प्रदूषण।
- प्रदूषकों के कारण क्लोमों का अवरुद्ध होना।
प्रश्न 18.
“मृदा जल से बनती है” यदि आप इस कथन से सहमत हैं तो कारण बताइए।
उत्तर:
मृदा जल से बनती है क्योंकि जल पत्थरों से निम्न प्रकार मृदा बनाने में सहायक होता है –
- दीर्घकाल तक पत्थरों की घिसाई करता है।
- पत्थरों को एक-दूसरे से टकराने एवं रगड़ने में सहायता करता है।
- पत्थरों की विदरिकाओं (झिर्रियों) में जल भर जाता है जो जमने के कारण फैलता है तो पत्थरों को तोड़कर टुकड़े-टुकड़े करता है।
- जल के बहाव के साथ पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े आपस में टकराते, रगड़ते और घिसते हैं।
प्रश्न 19.
जीवाश्म ईंधन किस प्रकार वायु प्रदूषण फैलाता है?
उत्तर:
जीवाश्म ईंधन से वायु प्रदूषण का फैलना:
जब जीवाश्म ईंधन स्वचालित वाहनों, औद्योगिक इकाइयों, भट्टियों तथा चूल्हों में जलता है तो कार्बन डाइ-ऑक्साइड, कार्बन मोनो-ऑक्साइड, लैड के ऑक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड आदि बनते हैं जो वायुमण्डल में प्रवेश करके उसे प्रदूषित करते हैं। इसके अतिरिक्त अधजले कार्बन के कण एवं धुआँ भी वायुमण्डल में प्रवेश करता है। ये सभी अवांछित एवं विषैले होते हैं। इस प्रकार जीवाश्म ईंधन वायु प्रदूषण फैलाता है। इसके अतिरिक्त निलम्बित कणों की उपस्थिति के कारण दृश्यता कम हो जाती है।
प्रश्न 20.
मोटर कार जिसके शीशे पूरी तरह से बन्द किए हुए हैं, धूप में पार्क कर दी जाती है। कार के अन्दर का तापक्रम तेजी से बढ़ता है। समझाइए, क्यों?
उत्तर:
सूर्य के प्रकाश की अवरक्त विकिरण काँच से प्रवेश कर जाती है तथा कार के अन्दर का तापमान बढ़ा देती है क्योंकि काँच सूर्य से आने वाली कम तरंगदैर्घ्य वाली अवरक्त किरणों के लिए पारगम्य है, जबकि कार के अन्दर से बाहर आने वाली अवरक्त किरणों जिनकी तरंगदैर्घ्य अपेक्षाकृत अधिक होती है के लिए पारगम्य नहीं होता। इस प्रकार कार के शीशे सूर्य से आने वाली ऊष्मीय विवरण को अन्दर तो जाने देते हैं लेकिन अन्दर की ऊष्मीय विकिरण को बाहर नहीं आने देते इसलिए कार के अन्दर का तापक्रम तेजी से बढ़ता है।
NCERT Class 9th Science Chapter 14 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जल प्रदूषण के क्या कारण हैं? आप जल प्रदूषण को कम करने में किस प्रकार योगदान कर सकते हैं?
उत्तर:
जल प्रदूषण के कारण:
- घरेलू अपशिष्ट एवं वाहित मल का जलस्रोतों में मिलना।
- औद्योगिक जलीय अवशिष्टों का जलस्रोतों में मिलना।
- अपमार्जक एवं साबुन युक्त (नहाने एवं कपड़े धोने के कारण प्रदूषित) जल का जलाशयों में मिलना।
- कृषि रसायनों (उर्वरक, खरपतवारनाशी, कीटनाशी, फंगसनाशी, पीड़कनाशी आदि) का वर्षा जल के साथ बहकर जलस्रोतों में मिलना।
- रेडियोधर्मी पदार्थों का जलस्रोतों में मिलना।
जल प्रदूषण के नियन्त्रण के उपाय:
- वाहित मल को जल में प्रवाहित करने से पहले उसे उपचारित कर लेना चाहिए।
- औद्योगिक अपशिष्टों को जलाशयों में मिलाने से पहले उपचारित करके हानिरहित बना लेना चाहिए।
- ठोस अपशिष्टों को जलाशयों में नहीं फेंकना चाहिए।
- जैविक अपशिष्टों को जलाशयों में नहीं फेंकना चाहिए।
- जलाशयों में जानवरों के नहाने एवं कपड़े धोने पर प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए।
प्रश्न 2.
प्रकृति में नाइट्रोजन चक्र को चित्र की सहायता से समझाइए।
अथवा
नाइट्रोजन चक्र कैसे पूरा होता है? समझाइए।
उत्तर:
नाइट्रोजन चक्र के विभिन्न चरण (Different Steps of Nitrogen Cycle):
नाइट्रोजन चक्र निम्नांकित चरणों में पूर्ण होता है –
1. नाइट्रोजन का स्थिरीकरण (Nitrogen Fixation):
इसमें वायुमण्डलीय नाइट्रोजन को उपयुक्त सरल नाइट्रोजन लवणों में बदला जाता है जिनका उपयोग पौधे कर सकें। यह प्रक्रिया कई प्रकार से होती है –
(i) तड़ित द्वारा (By Thundering):
वायुमण्डल की नाइट्रोजन वायु को ऑक्सीजन से तड़ित की उपस्थिति में क्रिया करके नाइट्रोजन के ऑक्साइड बनाती है। ये ऑक्साइड वर्षा के जल में घुलकर नाइट्रिक अम्ल बनाते हैं जो मृदा से क्रिया करके नाइट्रेट बनाते हैं।
(ii) सहजीवी जीवाणुओं द्वारा (By Symbiotic Bacteria):
द्वि-दलीय पौधों की जड़ में कुछ गाँठें होती हैं जिनमें उपस्थित जीवाणु वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके नाइट्रेट में बदल देते हैं।
(iii) कृत्रिम विधि द्वारा (ByArtificial Method):
कृत्रिम रूप से वायुमण्डल की नाइट्रोजन को हैबर विधि से अमोनिया में फिर अमोनिया लवण में बदला जाता है जो उर्वरक के रूप में पौधों को उपलब्ध कराया जाता है।
2. जन्तु एवं पौधों में नाइट्रोजन का प्रोटीन के रूप में संग्रहण (Storage of Nitrogen in Animals and Plants in the Form of Protein):
पौधों में यह नाइट्रोजन जटिल कार्बनिक पदार्थों (प्रोटीनों) में बदल जाता है। पेड़-पौधों को शाकाहारी जन्तु खाते हैं। शाकाहारी जन्तुओं को माँसाहारी जन्तु खाते हैं। इस प्रकार प्रोटीन के रूप में नाइट्रोजन पौधों और जन्तुओं में उपस्थित होती है।
3. अमोनीकरण (Ammonification):
मृत पेड़-पौधों एवं जन्तुओं के मल-मूत्र के अपघटन द्वारा प्रोटीन यूरिया तथा यूरिक अम्ल अमोनिया में परिवर्तित होता है। यह प्रक्रिया नाइट्रोसोमोनास जीवाणुओं द्वारा होती है।
4. नाइट्रीकरण (Nitrification):
नाइट्रोबैक्टर द्वारा अमोनिया को नाइट्रेट में बदला जाता है जिसका कुछ भाग पौधों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है।
5. विनाइट्रीकरण (Denitrification):
शेष नाइट्रेट को स्यूडोमोनास जीवाणुओं द्वारा नाइट्रोजन से मुक्त कर दिया जाता है जो वायुमण्डल को वापस मिल जाता है। इस प्रकार नाइट्रोजन चक्र पूर्ण होता है।
प्रश्न 3.
जीवमण्डल में कार्बन चक्र (कार्बन डाइऑक्साइड चक्र) किस प्रकार है ? विवरण रेखाचित्र सहित दीजिए।
अथवा
प्रकृति में कार्बन डाइऑक्साइड चक्र को चित्र की सहायता से समझाइए।
अथवा
कार्बन चक्र को समझाइए।
उत्तर:
जीवमण्डल में कार्बन-चक्र अथवा कार्बन डाइऑक्साइड चक्र (Carbon Cycle or Carbon Dioxide Cycle in Biosphere):
- वायुमण्डल की कार्बन डाइऑक्साइड का कुछ भाग जल में घुल जाता है जिसका उपयोग जलीय पौधे एवं वायुमण्डल की शेष CO2 का उपयोग स्थलीय पौधे प्रकाश-संश्लेषण में करते हैं। इस प्रकार CO2 के रूप में उपस्थित कार्बन भोजन के रूप में पौधों में एकत्रित हो जाता है।
- पौधों से यह कार्बन शाकाहारी जन्तुओं और फिर उनसे माँसाहारी जन्तुओं में भोजन के रूप में पहुँचता है।
- पौधों एवं जन्तुओं के श्वसन से तथा मृतजीवों (पौधे एवं जन्तुओं) के अपघटन से CO2 बनती है जो वायुमण्डल में वापस चली जाती है।
- पौधों से कोयला बनता है तथा पौधों और जन्तुओं से पृथ्वी के गर्त में पेट्रोलियम बनता है।
- कोयले के जलने तथा पेट्रोलियम के दहन से पुन: CO2 बनती है जो वायुमण्डल में चली जाती है।
इस प्रकार जीवमण्डल में कार्बन चक्र अथवा कार्बन डाइ-ऑक्साइड चक्र पूर्ण होता है।