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Home Class 9th Solutions 9th Science

NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि

by Sudhir
April 3, 2022
in 9th Science, Class 9th Solutions
Reading Time: 8 mins read
0
class10SolutionsScience
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Table of Contents

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  • NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि
    • NCERT Class 9th Science Chapter 12 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर
    • NCERT Class 9th Science Chapter 12 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
    • NCERT Class 9th Science Chapter 12 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि

NCERT Class 9th Science Chapter 12 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर

यहाँ आपको NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि के समाधान आसान भाषा में दिए गए है जिन्हें आप आसानी से समझकर याद कर पाएंगे

प्रश्न श्रृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 182

प्रश्न 1.
किसी माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानों तक कैसे पहुँचता है?
उत्तर:
ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ माध्यम (वायु) के सम्पीडनों एवं विरलनों के द्वारा हमारे कानों तक पहुँचता है।

प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 182

प्रश्न 1.
आपके विद्यालय की घण्टी, ध्वनि कैसे उत्पन्न करती है?
उत्तर:
जब हम विद्यालय की घण्टी पर हथौड़े से चोट मारते हैं तो वह कम्पन करने लगता है जिससे विक्षोभ उत्पन्न होता है। इस प्रकार ध्वनि उत्पन्न होती है।

प्रश्न 2.
ध्वनि तरंगों को यान्त्रिक तरंगें क्यों कहते हैं?
उत्तर:
ध्वनि तरंगों को यान्त्रिक तरंगें कहते हैं क्योंकि इसके संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 3.
मान लीजिए आप अपने मित्र के साथ चन्द्रमा पर गए हुए हैं? क्या आप अपने मित्र द्वारा उत्पन्न ध्वनि को सुन पायेंगे?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 186

प्रश्न 1.
तरंग का कौन-सा गुण निम्नलिखित को निर्धारित करता है?
1. प्रबलता
2. तारत्व
उत्तर:

  1. आयाम
  2. आवृत्ति।

प्रश्न 2.
अनुमान लगाइए कि निम्न में से किस ध्वनि का तारत्व अधिक है?
(a) गिटार
(b) कार का हॉर्न।
उत्तर:
(a) गिटार का।

प्रश्न श्रृंखला-4 # पृष्ठ संख्या 186

प्रश्न 1.
किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्घ्य, आवृत्ति, आवर्तकाल तथा आयाम से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
तरंगदैर्घ्य:
“दो क्रमागत सम्पीडनों अथवा दो क्रमागत विरलनों के मध्य की दूरी तरंग की तरंगदैर्घ्य कहलाती है।” इसे लैम्डा (λ) से निरूपित करते हैं।

आवृत्ति:
“प्रति एकांक समय में पूर्ण किए गए दोलनों (अर्थात् गुजरने वाले संपीडनों तथा विरलनों) की संख्या को तरंग की आवृत्ति कहते हैं।” इसे न्यू (ν) से प्रदर्शित करते हैं।”

आवर्तकाल:
“दो क्रमागत संपीडनों या दो क्रमागत विरलनों को किसी निश्चित बिन्दु से गुजरने में लगे समय को तरंग का आवर्तकाल कहते हैं।” इसे T से प्रदर्शित करते हैं।

आयाम:
“किसी माध्यम में मूल स्थिति के दोनों ओर अधिकतम विक्षोभ को तरंग का आयाम कहते हैं।” इसे a से प्रदर्शित करते हैं।

प्रश्न 2.
किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्घ्य तथा आवृत्ति उसके वेग से किस प्रकार सम्बन्धित है?
उत्तर:
ध्वनि तरंग का वेग (v) = तरंग की आवृत्ति (ν) x तरंगदैर्घ्य (λ)।

प्रश्न 3.
किसी दिए हुए माध्यम में एक ध्वनि तरंग की आवृत्ति 220 Hz तथा वेग 440 ms-1 है। इस तरंग की तरंगदैर्घ्य का परिकलन कीजिए।
हल:
∵ ज्ञात है:
आवृत्ति ν = 220
वेग v = 440 m s-1
ज्ञात करना है:
तरंगदैर्घ्य λ = ?
v = νλ
⇒ 440 = 220 λ
λ = \(\frac{440}{220}\) = 2 m
अतः अभीष्ट तरंगदैर्घ्य = 2 m.

प्रश्न 4.
किसी ध्वनि स्त्रोत से 450 m दूरी पर बैठा हुआ कोई मनुष्य 500 Hz की ध्वनि सुनता है। स्रोत से मनुष्य के पास तक पहुँचने वाले दो क्रमागत संपीडनों में कितना समय अन्तराल होगा?
उत्तर:
मान लीजिए दो क्रमागत संपीडनों के मध्य समय अन्तराल (आवर्तकाल) = T
ध्वनि की आवृत्ति ν = 500 (दिया है)
अब T = \(\frac{1}{ν}\) = \(\frac{1}{500}\) = 0.002 s
अत: अभीष्ट समय 0.002 s लगेगा।

प्रश्न शृंखला-5 # पृष्ठ संख्या 187

प्रश्न 1.
ध्वनि की प्रबलता तथा तीव्रता में अन्तर बताइए।
उत्तर:
प्रबलता ध्वनि के लिए कानों की संवेदनशीलता की माप है, जबकि तीव्रता एकांक क्षेत्रफल से प्रति सेकण्ड गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा है। दो ध्वनियों की समान तीव्रता होते हुए भी उनकी प्रबलता अलग-अलग हो सकती है।

प्रश्न शृंखला-6 # पृष्ठ संख्या 188

प्रश्न 1.
वायु, जल या लोहे में से किस माध्यम में ध्वनि सबसे तेज चलती है?
उत्तर:
लोहे में।

प्रश्न श्रृंखला-7 # पृष्ठ संख्या 189

प्रश्न 1.
कोई प्रतिध्वनि 3 s पश्चात् सुनाई देती है। यदि ध्वनि की चाल 342 m s-1 हो तो स्रोत तथा परावर्तन पृष्ठ के बीच कितनी दूरी होगी?
हल:
ज्ञात है:
ध्वनि की चाल v = 342 m s-1
समय-अन्तराल t = 3 s
माना स्रोत एवं परावर्तक तल के बीच की ध्वनि = x m
तो ध्वनि द्वारा चली गई कुल दूरी s = 2x
तो 2x = चली दूरी (S) = वेग (v) x समय अन्तराल (t)
⇒ 2x = 342 x 3 = 1026
⇒ x = 1026/2 = 513 m
अत: अभीष्ट दूरी = 513 m.

प्रश्न श्रृंखला-8 # पृष्ठ संख्या 190

प्रश्न 1.
कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार क्यों होती है?
उत्तर:
कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार बनाई जाती हैं जिससे कि परावर्तन के पश्चात् ध्वनि हॉल के सभी भागों में पहुँच जाय।

प्रश्न श्रृंखला-9 # पृष्ठ संख्या 191

प्रश्न 1.
सामान्य मनुष्य के कानों के लिए श्रव्यता परिसर (सीमा) क्या है?
उत्तर:
20 Hz से लेकर 20 हजार Hz तक।

प्रश्न 2.
निम्न से सम्बन्धित आवृत्तियों का परिसर क्या है?
1. अवश्रव्य ध्वनि
2. पराश्रव्य ध्वनि।
उत्तर:

  1. 20 Hz से कम
  2. 20 हजार Hz से अधिक।

प्रश्न श्रृंखला-10 # पृष्ठ संख्या 193

प्रश्न 1.
एक पनडुब्बी सोनार स्पन्द उत्सर्जित करती है, जो पानी के अन्दर एक खड़ी चट्टान से टकराकर 1.02 5 के पश्चात् वापस लौटता है। यदि खारे पानी में ध्वनि की चाल 1531 m s-1 हो, तो चट्टान की दूरी ज्ञात कीजिए।
हल:
ज्ञात है:
ध्वनि की चाल y = 1531 m s-1
एवं समय अन्तराल t = 1.02 s
माना चट्टान की दूरी = x m
तो चली गई कुल दूरी = 2x m
दूरी 2x = वेग (v) x समय अन्तराल (t)
⇒ 2x = 1531 x 1.02
⇒ \(x=\frac{1531 \times 1 \cdot 02}{2}\)
⇒ 780.81 m
अतः चट्टान की अभीष्ट दूरी = 780.81 m.

NCERT Class 9th Science Chapter 12 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
ध्वनि क्या है? यह कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर:
ध्वनि:
“ऊर्जा का एक रूप जो हमारे कानों में श्रवण का संवेदन उत्पन्न करती है, ध्वनि कहलाती है।” ध्वनि स्रोत के कम्पन करने से उत्पन्न होती है।

प्रश्न 2.
एक चित्र की सहायता से वर्णन कीजिए कि ध्वनि के स्रोत के निकट वायु में सम्पीडन एवं विरलन कैसे उत्पन्न होते हैं?
उत्तर:
जब कोई ध्वनि स्रोत कम्पन करता है तो वह अपने सामने की वायु को धक्का देकर सम्पीडित करती है और एक उच्च दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है। इस क्षेत्र को सम्पीडन (C) कहते हैं। यह सम्पीडन कम्पमान वस्तु से आगे की ओर गति करता है। जब स्रोत पीछे की ओर कम्पन करता है तो एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है जिसे विरलन (R) कहते हैं। इस प्रकार स्रोत के निकट वायु में सम्पीडन एवं विरलन उत्पन्न होते हैं।
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 1

प्रश्न 3.
किस प्रयोग से यह दर्शाया जा सकता है कि ध्वनि संचरण के लिए एक द्रव्यात्मक माध्यम की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
“ध्वनि संचरण के लिए द्रव्यात्मक माध्यम की आवश्यकता होती है” दर्शाने हेतु प्रयोग:
प्रयोग:
एक बेलजार लेकर चित्रानुसार उसका सम्पर्क निर्वात पम्प से कर देते हैं तथा कॉर्क की सहायता से उसमें एक विद्युत घण्टी लटका देते हैं।
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 2
जब हम घण्टी का स्विच दबाते हैं तो घण्टे के बजने की स्पष्ट आवाज सुनाई देती है। अब पम्प द्वारा धीरे-धीरे वायु निकालते हैं तो देखते हैं कि स्विच दबाने पर आवाज धीमी होती जाती है और जब बेलजार में पूर्ण निर्वात हो जाता है तब घण्टी की आवाज सुनाई देना बन्द हो जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि ध्वनि के संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 4.
ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्घ्य क्यों होती है?
उत्तर:
ध्वनि तरंगों का संचरण सम्पीडनों एवं विरलनों के माध्यम से होता है तथा संचरण माध्यम में दाब तथा घनत्व में परिवर्तन होता है और ये अनुदैर्घ्य तरंगों के अभिलक्षण (प्रगुण) हैं। इसलिए ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्घ्य होती है।

प्रश्न 5.
ध्वनि का कौन-सा अभिलक्षण किसी अन्य अंधेरे कमरे में बैठे आपके मित्र की आवाज पहचानने में आपकी सहायता करता है?
उत्तर:
ध्वनि की गुणता वह अभिलक्षण है जो मित्र की आवाज को पहचानने में हमारी मदद करता है।

प्रश्न 6.
तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकण्ड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
चमक (प्रकाश) का वेग गर्जन (ध्वनि) के वेग से पर्याप्त मात्रा में अधिक होता है। इसलिए चमक (प्रकाश) हम तक पहले पहुँच जाती है तथा गर्जन (ध्वनि) को पहुँचने में कुछ समय अधिक लग जाता है।

प्रश्न 7.
किसी व्यक्ति का औसत श्रव्य परिसर 20 Hz से 20 kHz है। इन दो आवृत्तियों के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए। वायु में ध्वनि का वेग 344 m s-1 लीजिए।
हल:
ज्ञात है:
निम्न परिसर की आवृत्ति ν(l) 20 Hz
उच्च परिसर की आवृत्ति νu = 20 kHz
ध्वनि का वेग v = 344 m s-1
हम जानते हैं कि
v = νλ
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 3
अतः अभीष्ट तरंगदैर्घ्य क्रमशः 17.2 m एवं 17.2 x 10-3m है।

प्रश्न 8.
दो बालक किसी ऐलुमिनियम पाइप के दो सिरों पर हैं। एक बालक पाइप के एक सिरे पर पत्थर से आघात करता है। दूसरे सिरे पर स्थित बालक तक वायु तथा ऐलुमिनियम से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारा लिए गए समय का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल:
ऐलुमिनियम में ध्वनि का वेग v(Al) = 6420 m s-1 एवं
वायु में ध्वनि का वेग v(a) = 346 m s-1
मान लीजिए कि ऐलुमिनियम के पाइप की लम्बाई x m है तथा ध्वनि द्वारा वायु एवं ऐलुमिनियम में लिया गया समय क्रमशः t(a) एवं t(Al) है तो
दूरी x = वेग x समय = v x t
v(a) x t(a) = v(Al) x t(Al)
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 4
अतः लिए गए समयों में अभीष्ट अनुपात 18.55 : 1 है।

प्रश्न 9.
किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति 100 Hz है। एक मिनट में यह कितनी बार कम्पन करेगा?
हल:
कम्पनों की कुल संख्या = आवृत्ति x समय (सेकण्ड में)
= 100 x 60 = 6000 कम्पन
अतः अभीष्ट कम्पनों की संख्या = 6000.

प्रश्न 10.
क्या ध्वनि परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका पालन प्रकाश की तरंगें करती हैं? इन नियमों को बताइए।
उत्तर:
हाँ, ध्वनि तरंगें भी परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती हैं जिनका पालन प्रकाश की तरंगें करती हैं।
परावर्तन के नियम:

  1. आपतन कोण = परावर्तन कोण
  2. आपाती किरण, परावर्तित किरण एवं अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।

प्रश्न 11.
ध्वनि का एक स्रोत किसी परावर्तक पृष्ठ के सामने रखने पर उसके द्वारा प्रदत्त ध्वनि तरंग की प्रति ध्वनि सुनाई देती है। यदि स्रोत तथा परावर्तक पृष्ठ की दूरी पर स्थिर रहे तो किस दिन प्रतिध्वनि अधिक शीघ्र सुनाई देगी –
1. जिस दिन ताप अधिक हो,
2. जिस दिन ताप कम हो।
उत्तर:
1. जिस दिन ताप अधिक हो।

प्रश्न 12.
ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग लिखिए।
उत्तर:
ध्वनि तरंगों के परावर्तन के व्यावहारिक उपयोग –

  1. मेगाफोन, लाउडस्पीकर आदि द्वारा ध्वनि विस्तारण में।
  2. स्टेथोस्कोप द्वारा हृदय की धड़कनों को डॉक्टर के कानों तक पहुँचाने में।

प्रश्न 13.
500 मीटर ऊँची किसी मीनार की चोटी से एक पत्थर मीनार के आधार पर स्थित एक पानी के तालाब में गिराया जाता है। पानी में उसके गिरने की ध्वनि चोटी पर कब सुनाई देगी? (g = 10 m s-1 तथा ध्वनि की चाल = 340 m s-1)
हल:
ज्ञात है:
मीनार की ऊँचाई h = 500 m
पत्थर का प्रारम्भिक वेग u = 0 m s-1
गुरुत्वीय त्वरण g = 10 m s-2
ध्वनि की चाल v = 340 m s-1
पत्थर को जल तक पहुँचने में लगा समय = t1 है तो पत्थर के मुक्त पतन में,
h = ut1 + 2gt12
500 = 0 (t1) + \(\frac{1}{2}\) x 10 x t12
⇒ t12 = 100 ⇒ t1 = \(\sqrt{100}\) = 10 s
माना ध्वनि को चोटी तक पहुँचने में लगा समय t2 है तो
दूरी = वेग x समय
500 = 340 x t2
⇒ t2 = 500/340 = 1.47 s
कुल समय t = t1 + t2 = 10 s + 1-47 s = 11.47 s
अत: अभीष्ट ध्वनि 11.47 5 बाद सुनाई देगी।

प्रश्न 14.
एक ध्वनि तरंग 339 m s-1 की चाल से चलती है। यदि इसकी तरंगदैर्घ्य 1.5 cm हो, तो तरंग की आवृत्ति कितनी होगी? क्या यह श्रव्य होगी?
हल:
ज्ञात है:
ध्वनि की चाल v = 339 m s-1
तरंगदैर्घ्य λ = 1.5 cm
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 5
अतः तरंग की अभीष्ट आवृत्ति = 22,600 Hz होगी तथा यह श्रव्य नहीं पराश्रव्य होगी।

प्रश्न 15.
अनुरणन क्या है ? इसे कैसे कम किया जा सकता है? (2018)
उत्तर:
अनुरणन:
“किसी बड़े हॉल की दीवारों से ध्वनि के बार-बार परावर्तन के कारण ध्वनि काफी समय तक बनी रहती है। इस प्रकार क्रमिक परावर्तनों के फलस्वरूप सुनी गयी ध्वनि अर्थात् ध्वनि, निर्बन्ध अनुरणन कहलाता है।”

अनुरणन को कम करने के उपाय:
इसे कम करने के लिए हॉल की दीवारों एवं छतों पर ध्वनि अवशोषक लगाये जाते हैं।

प्रश्न 16.
ध्वनि की प्रबलता से क्या अभिप्राय है? यह किन कारकों पर निर्भर करती है?
उत्तर:
ध्वनि की प्रबलता:
“अधिक ऊर्जा युक्त ध्वनि तरंगें अधिक दूरी तक जाती हैं। ध्वनि के इस गुण को ध्वनि की प्रबलता कहते हैं।” ध्वनि की प्रबलता इसके आयाम पर निर्भर करती है।

प्रश्न 17.
चमगादड़ अपना शिकार पकड़ने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे करते हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चमगादड़ द्वारा अन्धकार में अपना शिकार ढूँढ़ने की युक्ति:
चमगादड़ अन्धकार में अपना शिकार ढूँढ़ने के लिए सोनार युक्ति का उपयोग करते हैं। वे उड़ते समय पराध्वनि तरंगें उत्सर्जित करते हैं जो उच्च आवृत्ति के कारण अवरोधों एवं कीटों से परावर्तित होकर चमगादड़ के कानों तक पहुँचती हैं जिनका चमगादड़ संसूचन करते हैं। इन परावर्तित स्पन्दों की प्रकृति से चमगादड़ को पता चल जाता है कि उसका शिकार कहाँ है तथा किस प्रकार का है।

प्रश्न 18.
वस्तुओं को साफ करने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे करते हैं?
उत्तर:
वस्तुओं को साफ करने के लिए पराध्वनि का उपयोग:
पराध्वनि प्रायः उन भागों को साफ करने में उपयोग में लाई जाती है जिन तक पहुँचना बहुत कठिन होता है। जिन वस्तुओं की सफाई करनी होती है उन्हें साफ करने वाले विलयन में रखकर उसमें पराध्वनि प्रेषित की जाती है। उच्च आवृत्ति के विक्षोभ के कारण चिकनाई, धूल कण एवं गन्दगी के कण अलग होकर विलयन में आ जाते हैं और इस प्रकार वस्तु पूर्णतया साफ हो जाती है। इस विधि का उपयोग प्रायः विषम आकार के पुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक अवयव आदि को साफ करने में किया जाता है।

प्रश्न 19.
सोनार की कार्यविधि तथा उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सोनार की कार्यविधि:
सोनार में एक प्रेषित्र एवं एक संसूचक लगा होता है। जहाज पर लगे प्रेषित्रों द्वारा नियमित समय अन्तरालों पर पराश्रव्य ध्वनि के शक्तिशाली स्पन्दों अर्थात् सिग्नलों को लक्ष्य तक भेजा जाता है। ये तरंगें जल में गति करती हैं तथा लक्ष्य से टकराने के बाद परावर्तित होकर संसूचक द्वारा ग्रहण कर ली जाती हैं। संसूचक पराध्वनि को विद्युत संकेतों में बदल देता है जिनकी व्याख्या कर ली जाती है। जल में ध्वनि की चाल तथा पराध्वनि के प्रेषण एवं अधिग्रहण के समय को ज्ञात करके लक्ष्य की दूरी की गणना कर ली जाती है।

सोनार के उपयोग:
सोनार के निम्नांकित प्रमुख उपयोग हैं –

  1. चमगादड़ द्वारा अन्धकार में अपना शिकार ढूँढ़ने में।
  2. चमगादड़ का रात्रि में उड़ते समय अवरोधों से टकराने से बचाव करने में।
  3. पॉरपॉइस मछलियों द्वारा अंधेरे में अपने भोजन की खोज करने में।
  4. समुद्र में डूबे हुए जहाज एवं पनडुब्बियों का पता लगाने में तथा समुद्र की गहराई ज्ञात करने में।
  5. समुद्र के अन्दर स्थित चट्टानों, घाटियाँ, हिम शैलों एवं अन्य अवरोधों की स्थिति पता करने में।

प्रश्न 20.
एक पनडुब्बी पर लगी सोनार युक्ति, संकेत भेजती है और उनकी प्रतिध्वनि 5 s पश्चात् ग्रहण करती है। यदि पनडुब्बी से वस्तु की दूरी 3625 m हो तो ध्वनि की चाल की गणना कीजिए।
हल:
ज्ञात है:
पनडुब्बी से वस्तु की दूरी d=3625 m
प्रतिध्वनि में लगा समय t=5 s
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 6
अतः ध्वनि की अभीष्ट चाल = 1450 m s-1.

प्रश्न 21.
किसी धातु के ब्लॉक में दोषों का पता लगाने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे किया जाता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
धातु के ब्लॉक में दोषों का पता लगाने में पराध्वनि का उपयोग-पराध्वनि तरंगों को धातु ब्लॉक से प्रेषित किया जाता है और प्रेषित तरंगों का पता लगाने के लिए संसूचकों का उपयोग किया जाता है। दोष होने पर पराध्वनि परावर्तित होकर दोष की उपस्थिति को दर्शाती है।

प्रश्न 22.
मनुष्य का कान किस प्रकार कार्य करता है? विवेचना कीजिए।
उत्तर:
निर्देश:
परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर का दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 3 देखिए।

NCERT Class 9th Science Chapter 12 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

NCERT Class 9th Science Chapter 12 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
स्वर एक ऐसी ध्वनि है –
(a) जिसमें कई आवृत्तियाँ होती हैं
(b) जिसमें केवल दो आवृत्तियाँ होती हैं
(c) जिसमें एकल आवृत्ति होती है
(d) जिसको सुनना सदैव दुखद होता है
उत्तर:
(c) जिसमें एकल आवृत्ति होती है

प्रश्न 2.
यान्त्रिक पियानो की किसी कुंजी को पहले धीरे से और फिर जोर से दबाया गया। दूसरी बार उत्पन्न ध्वनि –
(a) पहली ध्वनि से प्रबल होगी लेकिन इसका तारत्व भिन्न नहीं होगा
(b) पहली ध्वनि से प्रबल होगी और इसका तारत्व भी अपेक्षाकृत उच्च होगा
(c) पहली ध्वनि से प्रबल होगी परन्तु इसका तारत्व अपेक्षाकृत निम्न होगा
(d) प्रबलता और तारत्व दोनों ही प्रभावित नहीं होंगे
उत्तर:
(a) पहली ध्वनि से प्रबल होगी लेकिन इसका तारत्व भिन्न नहीं होगा

प्रश्न 3.
सोनार (SONAR) में हम उपयोग करते हैं –
(a) पराश्रव्य तरंगें
(b) अवश्रव्य तरंगें
(c) रेडियो तरंगें
(d) श्रव्य तरंगें
उत्तर:
(a) पराश्रव्य तरंगें

प्रश्न 4.
ध्वनि वायु में गमन करती है यदि –
(a) माध्यम के कण एक स्थान से दूसरे स्थान पर गमन कर रहे हों
(b) वायुमण्डल में आर्द्रता न हो
(c) विक्षोभ गमन करे
(d) कण एवं विक्षोभ दोनों ही एक स्थान से दूसरे स्थान को गमन करें
उत्तर:
(c) विक्षोभ गमन करे

प्रश्न 5.
किसी क्षीण ध्वनि को प्रबल ध्वनि में परिवर्तित करने के लिए किसमें वृद्धि करनी होगी?
(a) आवृत्ति
(b) आयाम
(c) वेग
(d) तरंगदैर्घ्य
उत्तर:
(b) आयाम

प्रश्न 6.
दर्शाए गए वक्र में आधी तरंगदैर्घ्य है –
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 7
(a) AB
(b) BD
(c) DE
(d)AE
उत्तर:
(b) BD

प्रश्न 7.
भूकम्प मुख्य प्रघाती तरंगों से पहले किस प्रकार की ध्वनि उत्पन्न करते हैं?
(a) पराश्रव्य तरंगें
(b) अवश्रव्य तरंगें
(c) श्रव्य ध्वनि
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) अवश्रव्य तरंगें

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से कौन अवश्रव्य ध्वनि सुन सकता है?
(a) कुत्ता
(b) चमगादड़
(c) राइनोसेरस (गैंडा)
(d) मनुष्य
उत्तर:
(c) राइनोसेरस (गैंडा)

प्रश्न 9.
किसी संगीत समारोह में वृंद वाद्य बजाने से पूर्व कोई सितार वादक तनाव को समायोजित करते हुए डोरी को उचित प्रकार से झंकृत करने का प्रयास करता है। ऐसा करके वह क्या समायोजित करता है?
(a) केवल ध्वनि की तीव्रता
(b) केवल ध्वनि का आयाम
(c) सितार की डोरी की आवृत्ति को अन्य वाद्य यन्त्रों की आवृत्ति के साथ
(d) ध्वनि की प्रबलता
उत्तर:
(c) सितार की डोरी की आवृत्ति को अन्य वाद्य यन्त्रों की आवृत्ति के साथ

प्रश्न 10.
v, ν एवं 2 में सम्बन्ध है –
(a) v = νλ
(b) ν = vλ
(c) λ = vλ
(d) v νλ = 1
उत्तर:
(a) v = νλ

प्रश्न 11.
चमगादड़ द्वारा उत्सर्जित तरंग होती है – (2018, 19)
(a) अवश्रव्य
(b) श्रव्य
(c) पराध्वनि
(d) प्रतिध्वनि
उत्तर:
(c) पराध्वनि

प्रश्न 12.
सोनार तकनीक में किस प्रकार की ध्वनि तरंगों को प्रयोग में लाया जाता है?
(a) श्रव्य
(b) अवश्रव्य
(c) पराश्रव्य
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) पराश्रव्य

प्रश्न 13.
पराश्रव्य तरंगों की आवृत्ति होती है –
(a) 20 Hz से कम
(b) 20 से 20,000 Hz के बीच
(c) 20,000 Hz से अधिक
(d) शून्य
उत्तर:
(c) 20,000 Hz से अधिक

प्रश्न 14.
ध्वनि तरंगें होती हैं – (2018, 19)
(a) चुम्बकीय तरंगें
(b) विद्युत तरंगें
(c) विद्युत चुम्बकीय तरंगें
(d) यान्त्रिक तरंगें
उत्तर:
(d) यान्त्रिक तरंगें

प्रश्न 15.
अधिकतम सहनीय ध्वनि है –
(a) 0 db
(b) 10 db
(c) 60 db
(d) 120 db
उत्तर:
(d) 120 db

प्रश्न 16.
ध्वनि का वेग सबसे अधिक होता है –
(a) ठोस में
(b) द्रव में
(c) गैस में
(d) इन सभी में
उत्तर:
(a) ठोस में

रिक्त स्थानों की पूर्ति

1. ध्वनि तरंगें ……………. तरंगें होती हैं।
2. एक दोलन में लिया गया समय …………….. कहलाता है।
3. एक सेकण्ड में पूर्ण दोलनों की संख्या ……………. कहलाती है।
4. ……………. तरंगें श्रृंग एवं गर्त के द्वारा आगे बढ़ती हैं।
5. …………….. तरंगें सम्पीडन एवं विरलन के द्वारा आगे बढ़ती हैं।
6. प्रतिध्वनि, अवरोधक पृष्ठों से ध्वनि के …………… के कारण होती है।
7. ध्वनि मापन की …………… इकाई है।
8. श्रव्य तरंगों की परास …………….. होती है।
उत्तर:

  1. यान्त्रिक
  2. दोलन काल
  3. आवृत्ति
  4. अनुप्रस्थ
  5. अनुदैर्घ्य
  6. परावर्तन
  7. डेसीबल
  8. 20 Hz से 20,000 Hz.

सही जोड़ी बनाना
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 8
उत्तर:

  1. → (iii)
  2. → (vi)
  3. → (v)
  4. → (i)
  5. → (ii)
  6. → (iv).

सत्य/असत्य कथन

1. पराश्रव्य तरंगों को कुत्ते सुन लेते हैं।
2. चमगादड़ अवश्रव्य तरंगें उत्पन्न करती है तथा सुनती है।
3. यान्त्रिक तरंगों के संचरण के लिए माध्यम आवश्यक है।
4. वायु में अनुप्रस्थ एवं अनुदैर्घ्य दोनों प्रकार की तरंगें संचरित होती हैं।
5. किसी द्रव्यात्मक माध्यम में उत्पन्न विक्षोभ को तरंग कहते हैं।
6. अनुप्रस्थ व अनुदैर्घ्य तरंगों को प्रगामी तरंग कहते हैं।
उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. असत्य
  5. सत्य
  6. सत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

प्रश्न 1.
ध्वनि तरंगें किस प्रकार की तरंगें होती हैं?
उत्तर:
अनुदैर्घ्य यान्त्रिक तरंगें।

प्रश्न 2.
ठोस, द्रव एवं गैस किसमें ध्वनि वेग सर्वाधिक होता है?
उत्तर:
ठोस में।

प्रश्न 3.
आवर्तकाल (T) एवं आवृत्ति (ν) में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर:
Tν = 1.

प्रश्न 4.
तरंग वेग (v), आवृत्ति (ν) एवं तरंगदैर्घ्य (λ) में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर:
v = νλ.

प्रश्न 5.
तरंग वेग (v), आवर्तकाल (T) एवं तरंगदैर्घ्य (λ) में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर:
vT = 2.

प्रश्न 6.
प्रतिध्वनि के लिए ध्वनि उत्पादक एवं परावर्तक तल के बीच न्यूनतम कितनी दूरी होगी?
उत्तर:
17.2 m.

प्रश्न 7.
अवश्रव्य तरंगों को सुनने वाले जन्तु का नाम लिखिए।
उत्तर:
गेंडा।

प्रश्न 8.
पराश्रव्य (पराध्वनि) को सुनने वाले जन्तु का नाम लिखिए।
उत्तर:
चमगादड़ अथवा कुत्ता।

प्रश्न 9.
श्रव्य तरंगों की परास लिखिए।
उत्तर:
20 Hz से 20 हजार Hz।

प्रश्न 10.
अवश्रव्य तरंगों की परास लिखिए।
उत्तर:
20 Hz से कम।

प्रश्न 11.
पराश्रव्य तरंगों की परास लिखिए।
उत्तर:
20 हजार Hz से अधिक।

प्रश्न 12.
SONAR का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
Sound Navigation And Ranging.

प्रश्न 13.
SONAR में किस प्रकार की तरंगें प्रयोग की जाती हैं?
उत्तर:
पराश्रव्य (पराध्वनिक)।

प्रश्न 14.
कौन-सी तरंगें दाब तरंगें कहलाती हैं?
उत्तर:
ध्वनि तरंगें।

प्रश्न 15.
निर्वात में ध्वनि की चाल कितनी होती है?
उत्तर:
शून्य (0)।

प्रश्न 16.
यदि किसी झील की तली में कोई विस्फोट हो तो जल में किस प्रकार की प्रघात तरंगें उत्पन्न होंगी?
उत्तर:
अनुदैर्घ्य तरंगें।

NCERT Class 9th Science Chapter 12 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
यान्त्रिक तरंगें किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
यान्त्रिक तरंगें:
“जो तरंगें किसी द्रव्यात्मक माध्यम में उसके कणों के दोलन करने के कारण उत्पन्न होती हैं, वे यान्त्रिक तरंगें कहलाती हैं।

प्रश्न 2.
अनुदैर्घ्य तरंगें किसे कहते हैं?
उत्तर:
अनुदैर्घ्य तरंगें:
“वे तरंगें जिनमें माध्यम के कणों के दोलन की दिशा एवं तरंगों के संचरण की दिशा एक ही होती है, अनुदैर्घ्य तरंगें कहलाती हैं।

प्रश्न 3.
अनुप्रस्थ तरंगें किसे कहते हैं?
उत्तर:
अनुप्रस्थ तरंगें:
“वे तरंगें जिनमें माध्यम के कणों के दोलन की दिशा तरंग संचरण की दिशा के लम्बवत् होती है, अनुप्रस्थ तरंगें कहलाती हैं।”

प्रश्न 4.
पराश्रव्य ध्वनि या पराध्वनि क्या है?
उत्तर:
पराश्रव्य ध्वनि या पराध्वनि:
“जिन ध्वनियों की आवृत्ति 20 हजार Hz से अधिक होती है, वे पराश्रव्य ध्वनि या पराध्वनि कहलाती हैं।”

प्रश्न 5.
अवश्रव्य ध्वनि क्या है?
उत्तर:
अवश्रव्य ध्वनि:
वह ध्वनि जिसकी आवृत्ति परिसर 20 Hz से कम होती है, अवश्रव्य ध्वनि कहलाती है।”

प्रश्न 6.
श्रव्य ध्वनि किसे कहते हैं?
उत्तर:
श्रव्य ध्वनि:
“वह ध्वनि जिसको सुनने के लिए हमारे कान संवेदनशील होते हैं तथा जिनकी आवृत्ति परिसर 20 Hz से 20 हजार Hz होती है, श्रव्य ध्वनि कहलाती है।”

प्रश्न 7.
ध्वनि के परावर्तन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
ध्वनि का परावर्तन:
“जब कोई ध्वनि तरंग एक माध्यम में संचरण करते हुए किसी पृष्ठ से टकराकर उसी माध्यम में वापस लौट आती है तो इस घटना को ध्वनि का परावर्तन कहते हैं।”

प्रश्न 8.
प्रतिध्वनि किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रतिध्वनि:
“ध्वनि के परावर्तन के कारण ध्वनि के बार-बार सुनाई देने की घटना प्रतिध्वनि ‘कहलाती है।”

प्रश्न 9.
पराध्वनिक से क्या समझते हो?
उत्तर:
पराध्वनिक:
“जब कोई पिण्ड ध्वनि की चाल से अधिक चाल से चलता है तो उस पिण्ड को पराध्वनिक कहते हैं।”

प्रश्न 10.
ध्वनि बूम से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
ध्वनि बूम:
“जब कोई पिण्ड पराध्वनिक चाल से चलता है तो प्रघाती तरंगें उत्पन्न होती हैं। इन तरंगों के कारण वायुदाब में अत्यधिक परिवर्तन के कारण एक प्रकार का विस्फोट या कड़क ध्वनि उत्पन्न होती है, जिसे ध्वनि बूम कहते हैं।”

प्रश्न 11.
ध्वनि बूम के क्या परिणाम हैं?
उत्तर:
ध्वनि बूम के परिणाम:
ध्वनि बूम के कारण आस-पास रखी काँच की वस्तुएँ एवं खिड़कियों के शीशे टूट जाते हैं।

प्रश्न 12.
सोनार (SONAR) क्या है?
उत्तर:
“एक ऐसी औद्योगिक युक्ति जिसमें ध्वनि की पराश्रव्य तरंगों का उपयोग करके जल में स्थित पिण्डों की दूरी, दिशा तथा स्थिति का पता लगाया जाता है, सोनार कहलाती है।”

प्रश्न 13.
ध्वनि को दाब तरंगें क्यों कहते हैं?
उत्तर:
ध्वनि के संचरण से माध्यम में दाब विभिन्नता उत्पन्न हो जाती है इसलिए ध्वनि को दाब तरंगें कहते हैं।

प्रश्न 14.
संलग्न ग्राफ चित्र में 1500 m s-1 वेग से गतिमान किसी विक्षोभ का विस्थापन-समय सम्बन्ध दर्शाया गया है। इस विक्षोभ की तरंगदैर्घ्य परिकलित कीजिए।
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 9
हल:
ग्राफ से,
दिया है:
आवर्तकाल T = 2 x 10-6 s
ध्वनि का वेग v = 1500 m s-1
हम जानते हैं कि
तरंगदैर्घ्य (λ) = वेग (v) x आवर्तकाल (T)
= 1500 x 2 x 10-6 = 3 x 10-3 m
अतः अभीष्ट तरंगदैर्घ्य = 3 x 10-3 m.

प्रश्न 15.
संलग्न चित्र में दर्शाए गए दो ग्राफों (a) अथवा (b) में निरूपित मानव ध्वनियों में से कौन-सी ध्वनि पुरुष की हो सकती है? अपने उत्तर का कारण दीजिए।
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 10
हल:
ग्राफ से प्रकट हो रहा है कि ग्राफ a का आवर्तकाल b से अधिक है। अत: a की आवृत्ति b से कम है। इसलिए ग्राफ a की ध्वनि पुरुष की है। क्योंकि पुरुष के स्वर का तारत्व (आवृत्ति) स्त्रियों के स्वर के तारत्व (आवृत्ति) से कम होता है।

प्रश्न 16.
हम भिनभिनाती मधुमक्खी की ध्वनि सुन लेते हैं, जबकि हमें लोलक के दोलन की ध्वनि सुनाई नहीं देती। क्यों?
उत्तर:
भिनभिनाती मधुमक्खियाँ अपने पंखों को फड़फड़ाकर जो ध्वनि उत्पन्न करती है वह श्रव्य ध्वनि की परिसर में होती हैं। इसलिए हम उसे सुन लेते हैं जबकि लोलक के दोलन की आवृत्ति अवश्रव्य ध्वनि की परिसर में आती है अर्थात् उसकी आवृत्ति 20 Hz से कम होती है इसलिए हमें सुनाई नहीं देती।

प्रश्न 17.
किसी तड़ित झंझा द्वारा उत्पन्न ध्वनि तड़ित दिखाई देने के 10 s बाद सुनाई देती है। गर्जन मेघ की सन्निकट दूरी परिकलित कीजिए। दिया है-ध्वनि की चाल = 340 m s-1
हल:
ज्ञात है:
ध्वनि की चाल v =340 m s-1
समय अन्तराल t = 10 s
गर्जन मेघ की दूरी
S = ध्वनि की चाल v x समय t
= दूरी S = 340 m s-1 x 10 s
= 3400 m = 3.4 km
अत: गर्जन मेघ की सन्निकट अभीष्ट दूरी = 3400 m अर्थात् 3.4 km.

प्रश्न 18.
संलग्न चित्र में कान द्वारा घड़ी की टिक-टिक की प्रबलतम ध्वनि सुनने के लिए कोण r ज्ञात कीजिए।
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 11
हल:
परावर्तन के नियम से
कोण r = कोण i
⇒ ∠r = 90° – 50° (चित्रानुसार)
= 40°
अतः r का अभीष्ट मान = 40°.

प्रश्न 19.
अच्छे सम्मेलन कक्षों अथवा कंसर्ट हॉलों की छत तथा मंच के पीछे की दीवारें वक्राकार क्यों बनाई जाती हैं?
उत्तर:
अच्छे सम्मेलन कक्षों अथवा कंसर्ट हॉलों की छत तथा मंच के पीछे की दीवारें वक्राकार इसलिए बनाई जाती हैं ताकि इनसे परावर्तन के पश्चात् ध्वनि हॉल में बैठे सभी दर्शकों तक सुस्पष्ट रूप से पहुँच सके।

NCERT Class 9th Science Chapter 12 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी तरंग की गुणधर्म लिखिए।
उत्तर:
किसी तरंग के गुणधर्म-किसी तरंग के गुणधर्म निम्न हैं –

  1. तरंग, कम्पन करते स्रोत द्वारा आवर्ती (Periodic) विक्षोभ के कारण होता है।
  2. तरंग के कारण ऊर्जा का स्थानान्तरण होता है, न कि पदार्थ का।
  3. तरंग के माध्यम के कण संचरित नहीं होते, वे अपनी मूल स्थिति में ही कम्पन करते हैं एवं अपने आस-पास के कणों में ऊर्जा का स्थानान्तरण करते हैं।
  4. तरंग की गति माध्यम की प्रकृति पर निर्भर करती है, तरंग स्रोत की गति या कम्पन पर नहीं।
  5. यदि तरंग स्रोत के चारों तरफ का माध्यम एकसमान (समांगी) है तो तरंग गति भी सभी दिशाओं में समान रहती है।

प्रश्न 2.
अनुप्रस्थ तरंग को रेखाचित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर:
अनुप्रस्थ तरंगें:
“वे तरंगें जिनमें माध्यम के कणों की गति की दिशा तरंग संचरण की दिशा के लम्बवत् होती है, अनुप्रस्थ तरंगें कहलाती हैं।” ये तरंगें श्रृंग और गर्त के रूप में संचरण करती हैं।

किसी रस्सी का एक सिरा किसी जगह बाँध कर उसके दूसरे सिरे को हाथ से ऊपर नीचे हिलाने पर रस्सी में अनुप्रस्थ तरंगें उत्पन्न होती हैं।
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 12

प्रश्न 3.
अनुप्रस्थ तथा अनुदैर्ध्य तरंगों में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
अनुप्रस्थ एवं अनुदैर्घ्य तरंगों में अन्तर:
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 13

प्रश्न 4.
ध्वनि के परावर्तन के व्यावहारिक उपयोग लिखिए।
उत्तर:
ध्वनि के परावर्तन के व्यावहारिक उपयोग-ध्वनि के परावर्तन के प्रमुख व्यावहारिक उपयोग अग्रलिखित हैं –

  1. मेगाफोन, लाउडस्पीकर, हॉर्न, तुरही तथा शहनाई जैसे वाद्ययन्त्रों द्वारा ध्वनि विस्तार में।
  2. स्टेथोस्कोप द्वारा हृदय की धड़कनों को डॉक्टर के कानों तक पहुँचाने में।
  3. बड़े हॉलों एवं सभाकक्षों में वक्राकार छठों द्वारा ध्वनि को परावर्तित करके कक्षों के प्रत्येक हिस्से में ध्वनि को प्रेषित करने में।
  4. कर्ण, तुरही जैसी श्रवण सहाय युक्तियों के कार्य करने में।

प्रश्न 5.
ध्वनि का वेग या चाल v, आवृत्ति ν एवं तरंगदैर्घ्य 2 में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
उत्तर:
∵ 1 कम्पन में तरंग चली दूरी = λ
ν कम्पन में तरंग द्वारा चली दूरी = νλ
चूँकि ν आवृत्ति है अत: यह 1 सेकण्ड में कम्पनी की संख्या है।
इसलिए 1 सेकण्ड में तरंग द्वारा चली गई दूरी = νλ
चूँकि 1 सेकण्ड में चली गई दूरी को वेग कहते हैं।
अतः v = νλ

प्रश्न 6.
यदि ध्वनि का वायु में वेग 340 m s-1 हो, तो
(a) 256 Hz आवृत्ति के लिए तरंगदैर्घ्य तथा
(b) 0.85 m तरंगदैर्घ्य के लिए आवृत्ति परिकलित कीजिए।
हल:
ज्ञात है:
ध्वनि का वेग = 340 m s-1
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 14
अत: अभीष्ट आवृत्ति = 400 Hz.

प्रश्न 7.
12 m x 12 m साइज के किसी पार्क के मध्य में कोई लड़की बैठी है। इस पार्क के दाहिनी ओर लगा हुआ भवन है तथा पार्क के बाँई ओर एक सड़क है। सड़क पर पटाखा फटने की ध्वनि होती है। क्या लड़की इस ध्वनि की प्रतिध्वनि सुन सकती है? अपना उत्तर स्पष्ट कीजिए।
हल:
भवन से टकराकर लड़की तक पहुँचने के लिए ध्वनि द्वारा चली कुल अतिरिक्त दूरी = 6 m + 6 m = 12 m.
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 15
चूँकि प्रतिध्वनि सुनने के लिए आवश्यक है कि मूल ध्वनि और परावर्तित ध्वनि के मध्य आवश्यक समय अन्तराल = 0.1 s हो। इसलिए प्रतिध्वनि निर्मित होने के लिए परावर्तित ध्वनि तरंग द्वारा चली गई आवश्यक न्यूनतम दूरी –
= ध्वनि वेग x समय अन्तराल
= 344 x 0.1 = 34.4 मीटर
इस प्रकरण में परावर्तित ध्वनि तरंग द्वारा चली गई कुल दूरी 12 मीटर है जो आवश्यक दूरी से बहुत कम है। अतः प्रतिध्वनि सुनाई नहीं देगी।

प्रश्न 8.
ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ के लिए दूरी के सन्दर्भ में दाब या घनत्व के परिवर्तनों को दर्शाने के लिए कोई वक्र खींचिए। इस वक्र पर संपीडन एवं विरलन की स्थितियाँ दर्शाइए। इस वक्र का उपयोग करके तरंगदैर्घ्य एवं आवर्तकाल की परिभाषा दीजिए।
हल:
दूरी के सन्दर्भ में दाब या घनत्व परिवर्तन दर्शाने के लिए ग्राफ:
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 16
तरंगदैर्घ्य:
“दो क्रमागत सम्पीडनों अथवा दो क्रमागत विरलनों के बीच की दूरी तरंगदैर्घ्य होती है।”

आवर्तकाल:
“दो क्रमागत सम्पीडनों अथवा दो क्रमागत विरलनों के बीच की दूरी को तय करने में लगने वाला समय आवर्तकाल होता है।

NCERT Class 9th Science Chapter 12 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ध्वनि संचरण की सचित्र व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
ध्वनि के संचरण की व्याख्या-ध्वनि के संचरण के लिए वायु अच्छा माध्यम है। जब कोई कम्पायमान वस्तु आगे की ओर कम्पन करती है तो वह अपने सामने की वायु को संपीडित करती है और इस
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 17
प्रकार एक उच्च वायुदाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है। इस क्षेत्र को सम्पीडन (Compression) कहते हैं। यह सम्पीडन कम्पायमान वस्तु के आगे की ओर गति करता है। जब कम्पायमान वस्तु पीछे की ओर कम्पन करती है तो आगे की ओर एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है जिसे विरलन (Rarefaction) कहते हैं। ये संपीडन और विरलन ही तरंग बनाते हैं जो वायु (माध्यम) से होकर हमारे कानों तक पहुँचते हैं। इस प्रकार संचरण से माध्यम में दाब विभिन्नता उत्पन्न हो जाती है।

प्रश्न 2.
पराध्वनि (पराश्रव्य ध्वनि) के कोई चार अनुप्रयोग लिखिए। (2018, 19)
उत्तर:
पराध्वनि (पराश्रव्य ध्वनि) के अनुप्रयोग-पराध्वनि (पराश्रव्य ध्वनि) के प्रमुख अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं –

  1. विषम आकार के पुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक अवयव आदि की सफाई करने में इनका उपयोग किया जाता है।
  2. चमगादड़ इनका उपयोग रात्रि विचरण में अपने को अवरोधों से टकराने से बचाने में करता है।
  3. अन्धकार में चमगादड़ एवं पॉरपॉइस मछलियाँ अपना भोजन या शिकार की खोज करने में इन ध्वनियों का उपयोग करती है।
  4. इन ध्वनियों का उपयोग समुद्र में डूब जहाजों, चट्टानों, पनडुब्बियों का पता लगाने में किया जाता है।
  5. समुद्र की गहराई ज्ञात करने में इनका उपयोग होता है।
  6. इन तरंगों का उपयोग हृदय रोगी की जाँच के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी नामक तकनीक में किया जाता है।
  7. अल्ट्रासोनोग्राफी का उपयोग यकृत, पित्ताशय, गुर्दे, गर्भाशय आदि की जाँच में तथा गर्भकाल में भ्रूण की जाँच करने में किया जाता है।
  8. चिमनियों की सफाई करने में इनका उपयोग होता है।
  9. जासूसी के कार्यों में इनका उपयोग गुप्त संकेत भेजने में किया जाता है।
  10. भवनों, पुलों, बाँधों, मशीनों, वैज्ञानिक उपकरणों के दोषों का पता लगाने में इनका उपयोग किया जाता है।
  11. बहुमूल्य धातुओं, रत्नों, जवाहरातों के दोषों का पता लगाने में इनका उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 3.
मानव कर्ण की संरचना एवं क्रियाविधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव कर्ण की संरचना एवं क्रियाविधि-मानव कर्ण (कान) श्रवणेन्द्रिय है। इसको प्रमुखतः निम्नलिखित तीन भागों में विभाजित किया जाता है –

1. बाहरी कर्ण (External Ear):
बाहरी कर्ण को कर्ण पल्लव या पिन्ना (Ear Flap) कहते हैं जो परिवेश से ध्वनि को एकत्रित करने का कार्य करता है। एकत्रित ध्वनि श्रवण नलिका (Auditory Canal or Ear Canal) से होती हुई कर्ण पट्ट से टकराती है जिससे कर्णपट्ट (Diaphragm) कम्पन करने लगता है।
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 18
2. मध्य कर्ण (Mid Ear):
मध्य कर्ण में तीन अस्थियाँ होती हैं जिन्हें मेलियस (Malleus), इन्कस (Incus) एवं स्टैप्स (Stapes) कहते हैं। ये अस्थियाँ ध्वनि कम्पनों को कई गुना बढ़ा देती है। मध्य कर्ण इन तरंगों को आन्तरिक कर्ण तक पहुँचा देता है।

3. आन्तरिक कर्ण (Internal Ear):
आन्तरिक कर्ण में कर्णावर्त (Cochlea) द्वारा दाब परिवर्तनों को विद्युत संकेतों से परिवर्तित कर दिया जाता है। ये संकेत श्रवण तन्त्रिकाओं (Auditory nerves) द्वारा मस्तिष्क को प्रेषित कर दिये जाते हैं। इस प्रकार मस्तिष्क के द्वारा ध्वनि का अनुभव होता है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रकरणों को दो पृथक् आरेखों द्वारा ग्राफीय रूप में निरूपित कीजिए –
1. दो ध्वनि तरंगें जिनके आयाम समान परन्तु आवृत्तियाँ भिन्न हों।
2. दो ध्वनि तरंगें जिनकी आवृत्तियाँ समान परन्तु आयाम भिन्न हों।
3. दो ध्वनि तरंगें जिनके आयाम एवं तरंगदैर्घ्य दोनों भिन्न हों।
हल:
1. समान आयाम तथा भिन्न आवृत्ति:
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 19
2. समान आवृत्ति तथा भिन्न आयाम:
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 20
3. भिन्न आयाम एवं भिन्न तरंगदैर्घ्य (आवृत्ति):
NCERT Class 9th Science Chapter 12 ध्वनि 20

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