NCERT Class 10th Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय
NCERT Class 10th Science Solutions Chapter 7 पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर
प्रश्न श्रृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 132
प्रश्न 1.
प्रतिवर्ती क्रिया तथा टहलने के बीच क्या अन्तर है?
उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रिया एक अनैच्छिक क्रिया है जो मेरुरज्जु द्वारा नियन्त्रित होती है, जबकि टहलना एक ऐच्छिक क्रिया है जो मस्तिष्क द्वारा नियन्त्रित होती है।
प्रश्न 2.
दो तन्त्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अन्तर्ग्रथन (सिनेप्स) में क्या होता है?
उत्तर:
एक तन्त्रिका के तन्त्रिकाक्ष (एक्सॉन) से होता हुआ विद्युत् आवेग कुछ रसायनों का विमोचन करता है जो न्यूरॉन के मध्य रिक्त स्थान अन्तर्ग्रथन (सिनेप्स) को पार करके अगली तन्त्रिका कोशिका की द्रुमिका में इसी तरह का विद्युत् आवेग पैदा करता है।
प्रश्न 3.
मस्तिष्क का कौन-सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?
उत्तर:
पश्च मस्तिष्क में स्थित भाग अनुमस्तिष्क शरीर की स्थिति तथा सन्तुलन का अनुरक्षण करता है।
प्रश्न 4.
हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं?
उत्तर:
जब अगरबत्ती की गंध हमारी नासिका में पहुँचती है तो वहाँ उपस्थित न्यूरॉन की दुमिका में विद्युत् आवेग पैदा हो जाता है जो एक तन्त्रिका कोशिका से दूसरी तन्त्रिका कोशिका में होता हुआ अग्र मस्तिष्क के अनुभाग घ्राणपिण्ड में पहुँचता है। तब हमको अगरबत्ती की गंध का पता चलता है।
प्रश्न 5.
प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है?
उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की भूमिका-हृदय स्पंदन, श्वसन, पाचन आदि अनेक अनैच्छिक क्रियाएँ तथा पुतली का फैलना, सिकुड़ना, स्वादिष्ट भोजन को देखकर मुँह में पानी आना आदि अनैच्छिक प्रतिवर्ती क्रियाओं का नियंत्रण एवं नियमन मस्तिष्क द्वारा होता है।
प्रश्न शृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 136
प्रश्न 1.
पादप हॉर्मोन क्या है?
उत्तर:
पादप हॉर्मोन:
“विशेष प्रकार के रासायनिक पदार्थ जो पादपों के विशिष्ट भागों या कोशिकाओं द्वारा स्रावित होते हैं और विशेष प्रकार की कोशिकाओं की क्रियाशीलता या कार्यशीलता को प्रभावित करते हैं तथा विविध क्रियाओं का नियन्त्रण एवं समन्वय करते हैं, पादप हॉर्मोन्स कहलाते हैं।”
प्रश्न 2.
छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति, प्रकाश की ओर प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति वृद्धि मुक्त होती है। इसका वृद्धि से कोई लेना-देना नहीं, जबकि प्रकाश की ओर प्ररोह की गति वृद्धिपरक होती है अर्थात् वृद्धि के कारण होती है।
प्रश्न 3.
एक पादप हॉर्मोन का उदाहरण दीजिए जो वृद्धि को बढ़ाता है।
उत्तर:
ऑक्सिन एक वृद्धि को बढ़ाने वाला पादप हॉर्मोन है।
प्रश्न 4.
किसी सहारे के चारों ओर एक प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन किस प्रकार सहायक है?
उत्तर:
जब कोई प्रतान किसी सहारे का सहारा लेता है उसका झुकाव जिस ओर होता है उसके विपरीत दिशा में ऑक्सिन चला जाता है और उस ओर की कोशिकाओं को लम्बाई में वृद्धि के लिए उद्दीपित करता है तो प्रतान का तना वहीं से मुड़कर जाता है। यही प्रक्रिया निरन्तर चलती रहती है और प्रतान उस सहारे के चारों ओर वृद्धि करता रहता है। इस प्रकार किसी सहारे के चारों ओर एक प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन सहायक होता है।
प्रश्न 5.
जलानुवर्तन दर्शाने के लिए एक प्रयोग की अभिकल्पना कीजिए।
उत्तर:
जलानुवर्तन के प्रदर्शन हेतु प्रयोग-एक बड़ा आयताकार बर्तन लेकर उसमें कुछ मिट्टी तथा लकड़ी का बुरादा भरकर एक सिरे पर एक छोटा पौधा लगा दीजिए तथा दूसरे सिरे पर मिट्टी में थोड़ा पानी डालिए। इस उपकरण को कुछ दिन सूर्य के प्रकाश में रखा रहने दीजिए। कुछ दिन बाद पौधे को निकालिए तो आप देखेंगे कि जड़ें उस ओर को मुड़ी हुई हैं जिस ओर बर्तन में पानी था। यह प्रयोग जलानुवर्तन का प्रदर्शन करता है।
प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 138
प्रश्न 1.
जन्तुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है?
उत्तर:
जन्तुओं में रासायनिक समन्वय विशिष्ट रासायनिक पदार्थ हॉर्मोन्स द्वारा होता है जो जन्तुओं की विशिष्ट एवं विविध ग्रंथियों या अंगों में स्रावित होते हैं।
प्रश्न 2.
आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर:
अवटु ग्रंथि (थायरॉइड ग्रन्थि) को थायरॉक्सिन हॉर्मोन बनाने के लिए आयोडीन आवश्यक है। भोजन में आयोडीन की कमी से गॉयटर रोग से ग्रसित होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इस बीमारी से बचाव के लिए हमें आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह दी जाती है।
प्रश्न 3.
जब ऐड्रीनेलिन रुधिर में स्रावित होती है, तो हमारे शरीर में क्या अनुक्रिया होती है?
उत्तर:
ऐड्रीनेलिन हृदय सहित लक्ष्य अंगों या विशिष्ट ऊतकों को प्रभावित करता है। इससे हृदय की धड़कन बढ़ जाती है, श्वसन की दर बढ़ जाती है, पाचन तन्त्र एवं त्वचा में रुधिर की आपूर्ति कम हो जाती है, धमनियों के आस-पास की पेशियाँ सिकुड़ जाती हैं, रुधिर की दिशा कंकाल पेशियों की ओर हो जाती है। ये सभी अनुक्रियाएँ मिलकर शरीर को स्थिति में निपटने के लिए तैयार करती हैं।
प्रश्न 4.
मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है?
उत्तर:
मधुमेह की बीमारी इन्सुलिन की कमी के कारण होती है। इसलिए मधुमेह के रोगियों की चिकित्सा इन्सुलिन का इन्जेक्शन देकर की जाती है ताकि इन्सुलिन की कमी को दूर किया जा सके।
NCERT Class 10th Science Solutions Chapter 7 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सा पादप हॉर्मोन है?
(a) इंसुलिन।
(b) थायरॉक्सिन।
(c) एस्ट्रोजन।
(d) साइटोकाइनिन।
उत्तर:
(d) साइटोकाइनिन।
प्रश्न 2.
दो तन्त्रिका कोशिका के मध्य खाली स्थान को कहते हैं –
(a) द्रुमिका।
(b) सिनेप्स।
(c) एक्सॉन।
(d) आवेग।
उत्तर:
(b) सिनेप्स।
प्रश्न 3.
मस्तिष्क उत्तरदायी है –
(a) सोचने के लिए।
(b) हृदय स्पन्दन के लिए।
(c) शरीर का संतुलन बनाने के लिए।
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 4.
हमारे शरीर में ग्राही का क्या कार्य है? ऐसी स्थिति पर विचार कीजिए जहाँ ग्राही उचित प्रकार से कार्य नहीं कर रहे हों। क्या समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं?
उत्तर:
हमारे शरीर में ग्राही हमारे पर्यावरण से सभी सूचनाओं का संग्रह हमारी ज्ञानेन्द्रियों की सहायता से करते हैं। अगर ग्राही उचित प्रकार से कार्य नहीं कर रहे हैं तो अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं; जैसे-हमको गंध का आभास नहीं होगा, स्वाद का पता नहीं चलेगा, हम आवाज नहीं सुन सकेंगे, हम कुछ देख नहीं सकेंगे या हमको स्पर्श में कठोरता या कोमलता, ठण्ड या गर्मी आदि का अनुभव नहीं होगा।
प्रश्न 5.
एक तन्त्रिका कोशिका (न्यूरॉन) की संरचना बनाइए तथा इसके कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
तन्त्रिका कोशिका की संरचना –
तन्त्रिका कोशिका (न्यूरॉन) के कार्य –
- बाह्य वातावरण से प्राप्त प्रेरणाओं या संवेदनाओं को विद्युत् आवेगों में बदलना।
- इन विद्युत् आवेगों को तन्त्रिका तन्त्र के प्रमुख अंगों मस्तिष्क या मेरुरज्जु के विभिन्न भागों तक पहुँचाना।
- मस्तिष्क एवं मेरुरज्जु से प्राप्त आदेशों को सम्बन्धित अंगों तक पहुँचाना।
- सजीवों के शरीर के आन्तरिक वातावरण में विभिन्न अंगों के बीच समन्वय स्थापित करना।
प्रश्न 6.
पादप में प्रकाशानुवर्तन किस प्रकार होता है?
उत्तर:
पादप के प्ररोह के अग्र भाग (टिप) में एक पादप हॉर्मोन ऑक्सिन संश्लेषित होता है जो कोशिकाओं की लम्बाई में वृद्धि में सहायक होता है। जब पादप पर एक ओर से प्रकाश आ रहा है तब ऑक्सिन विपरीत होकर प्ररोह के छाया वाले भाग में आ जाता है। प्ररोह की प्रकाश से दूर वाली साइड में ऑक्सिन का सान्द्रण कोशिकाओं को लम्बाई में वृद्धि के लिए उद्दीपित करता है। अतः पादप प्रकाश की ओर मुड़ता हुआ दिखाई देता है। इस प्रकार पादप में प्रकाशानुवर्तन होता है।
प्रश्न 7.
मेरुरज्जु आघात में किन संकेतों के आने में व्यवधान होगा?
उत्तर:
मेरुरज्जु आघात में बाहरी आघातों, दुर्घटनाओं, आक्रमणों एवं विभिन्न प्रकार के खतरों से सम्बन्धित संकेतों के आने में व्यवधान होगा।
प्रश्न 8.
पादप में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है?
उत्तर:
पादप में रासायनिक समन्वय पादप हॉर्मोन्स के स्रावण के द्वारा होता है।
प्रश्न 9.
एक जीव में नियन्त्रण एवं समन्वय की क्या आवश्यकता है?
उत्तर:
जीव में नियन्त्रण एवं समन्वय की आवश्यकता:
एक जीव की विभिन्न क्रियाकलापों के सुचारु रूप से संचालन एवं जीव के अनुरक्षण के लिए नियन्त्रण एवं समन्वय अति आवश्यक है।
प्रश्न 10.
अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
सभी अनैच्छिक क्रियाएँ प्रतिवर्ती क्रियाएँ नहीं होतीं अपितु सभी प्रतिवर्ती क्रियाएँ अनैच्छिक क्रियाएँ होती हैं। उदाहरणार्थ हृदय की धड़कन, पाचन, श्वसन अदि अनैच्छिक क्रियाएँ हैं लेकिन प्रतिवर्ती क्रियाएँ नहीं हैं।
प्रश्न 11.
जन्तुओं में नियन्त्रण एवं समन्वय के लिए तन्त्रिका तथा हॉर्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक (Contrast) कीजिए।
उत्तर:
जन्तुओं में नियन्त्रण एवं समन्वय का कार्य तन्त्रिका तन्त्र तथा हॉर्मोन दोनों द्वारा किया जाता है। तन्त्रिका तन्त्रं हमारी ज्ञानेन्द्रियों द्वारा सूचना प्राप्त करता है तथा हमारी पेशियों द्वारा क्रिया करता है, जबकि हॉर्मोन रसायनों के कम या अधिक स्रावण से क्रियाएँ नियमित होती हैं तथा हॉर्मोन्स जीव के एक भाग में उत्पन्न होते हैं तथा दूसरे भाग में इच्छित प्रभाव पाने के लिए गति करते हैं।
तन्त्रिका तन्त्र में मस्तिष्क, मेरुरज्जु एवं तन्त्रिका कोशिकाएँ क्रियाशील होती हैं, जबकि हॉर्मोन्स का उत्पादन विशेष ग्रंथियों में होता है। अन्य किसी अंग की आवश्यकता नहीं होती। हॉर्मोन की क्रिया को पुनर्भरण क्रियाविधि नियन्त्रित करती है।
तन्त्रिका तन्त्र में विद्युत् आवेगों का संवहन होता है, जबकि हॉर्मोन्स नियन्त्रण में विशिष्ट कार्बनिक यौगिक हॉर्मोन्स का स्रावण एवं संवहन होता है।
तन्त्रिका तन्त्र सभी ऐच्छिक, अनैच्छिक एवं प्रतिवर्ती क्रियाओं का नियन्त्रण एवं समन्वय करता है, जबकि हॉर्मोन्स ऐसा नहीं करते।
प्रश्न 12.
छुई-मुई पादप में गति तथा हमारी टाँग में होने वाली गति के तरीके में क्या अन्तर है?
उत्तर:
छुई-मुई पादप की गति में कोई तन्त्रिका या अन्य पेशी ऊतक भाग नहीं लेता, जबकि हमारी टाँग की गति में तन्त्रिका ऊतक तथा पेशी ऊतक भाग लेता है।
पादप कोशिकाओं में जन्तु पेशी कोशिकाओं की तरह विशिष्टीकृत प्रोटीन तो नहीं होती अपितु वे जल की मात्रा में परिवर्तन करके अपनी आकृति बदल लेती है।
NCERT Class 10th Science Chapter 7 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
NCERT Class 10th Science Chapter 7 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न कथनों में कौन-सा कथन ज्ञानेन्द्रियों के सन्दर्भ में सत्य है –
(a) स्वादेन्द्रिय स्वाद का संसूचक है, घ्राणेन्द्रिय गंध का।
(b) स्वादेन्द्रिय एवं घ्राणेन्द्रिय दोनों गंध के संसूचक हैं।
(c) दृश्येन्द्रिय गंध का संसूचक है एवं घ्राणेन्द्रिय स्वाद का।
(d) घ्राणेन्द्रिय स्वाद का संसूचक है एवं स्वादेन्द्रिय गंध का।
उत्तर:
(a) स्वादेन्द्रिय स्वाद का संसूचक है, घ्राणेन्द्रिय गंध का।
प्रश्न 2.
इलेक्ट्रिकल आवेगों का गमन तन्त्रिका कोशिकाओं में होता है –
(a) डेण्ड्राइट → एक्सॉन → एक्सॉन सिरा → कोशिकाकाय।
(b) कोशिकाकाय → डेण्ड्राइट → एक्सॉन → एक्सॉन सिरा।
(c) डेण्ड्राइट → कोशिकाकाय → एक्सॉन → एक्सॉन सिरा।
(d) एक्सॉन सिरा → एक्सॉन → कोशिकाकाय → डेण्ड्राइट।
उत्तर:
(c) डेण्ड्राइट → कोशिकाकाय → एक्सॉन → एक्सॉन सिरा।
प्रश्न 3.
सिनेप्स में रासायनिक संकेत का संवहन होता है –
(a) एक न्यूरॉन के डेण्ड्राइट सिरे से दूसरे न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे तक।
(b) एक ही न्यूरॉन के एक्सॉन से कोशिकाकाय तक।
(c) एक ही न्यूरॉन के कोशिकाकाय से एक्सॉन सिरे तक।
(d) एक न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे से दूसरे न्यूरॉन के डेण्ड्राइट सिरे तक।
उत्तर:
(d) एक न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे से दूसरे न्यूरॉन के डेण्ड्राइट सिरे तक।
प्रश्न 4.
एक न्यूरॉन में इलेक्ट्रिकल संकेत का रासायनिक संकेत में परिवर्तन घटित होता है निम्न में –
(a) कोशिकाकाय।
(b) एक्सॉन सिरा।
(c) डेण्ड्राइट सिरा।
(d) एक्सॉन।
उत्तर:
(b) एक्सॉन सिरा।
प्रश्न 5.
प्रतिवर्ती चाप के अवयवों का सही क्रम है –
(a) ग्राही → पेशी → संवेदी न्यूरॉन → मोटर न्यूरॉन → मेरुरज्जु।
(b) ग्राही → मोटर न्यूरॉन → मेरुरज्जु → संवेदी न्यूरॉन → पेशी।
(c) ग्राही → मेरुरज्जु → संवेदी न्यूरॉन → मोटर न्यूरॉन → पेशी।
(d) ग्राही → संवेदी न्यूरॉन → मेरुरज्जु → मोटर न्यूरॉन → पेशी।
उत्तर:
(d) ग्राही → संवेदी न्यूरॉन → मेरुरज्जु → मोटर न्यूरॉन → पेशी।
प्रश्न 6.
शरीर का सन्तुलन निम्न द्वारा नियन्त्रित होता है –
(a) सेरीब्रम।
(b) सेरीबेलम।
(c) मेड्यूला।
(d) पोन्स।
उत्तर:
(b) सेरीबेलम।
प्रश्न 7.
मेरुरज्जु निकलती है निम्न से –
(a) सेरीब्रम।
(b) मेड्यूला।
(c) पोन्स।
(d) सेरीबेलम।
उत्तर:
(b) मेड्यूला।
प्रश्न 8.
प्रकाश की ओर प्ररोह की गति कहलाती है –
(a) गुरुत्वानुवर्तन।
(b) जलानुवर्तन।
(c) रसायनानुवर्तन।
(d) प्रकाशानुवर्तन।
उत्तर:
(d) प्रकाशानुवर्तन।
प्रश्न 9.
पौधों में ऐब्सिसिक अम्ल का मुख्य कार्य है –
(a) कोशिकाओं की लम्बाई में वृद्धि करना।
(b) कोशिका विभाजन को प्रोत्साहित करना।
(c) वृद्धि का अवरोधन करना।
(d) तने की वृद्धि को प्रोत्साहित करना।
उत्तर:
(d) तने की वृद्धि को प्रोत्साहित करना।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित में से कौन पादप की वृद्धि से सम्बन्धित नहीं है?
(a) ऑक्सिन।
(b) जिबरेलिन।
(c) साइटोकाइनिन।
(d) ऐब्सिसिक अम्ल।
उत्तर:
(d) ऐब्सिसिक अम्ल।
प्रश्न 11.
किस हॉर्मोन के संश्लेषण के लिए आयोडीन आवश्यक है?
(a) एड्रीनेलिन।
(b) थायरॉक्सिन।
(c) ऑक्सिन।
(d) इन्सुलिन।
उत्तर:
(b) थायरॉक्सिन।
प्रश्न 12.
इन्सुलिन के सन्दर्भ में असत्य कथन चुनिए –
(a) इसका स्रावण पेंक्रियाज से होता है।
(b) यह शरीर की वृद्धि एवं विकास का नियमन करती है।
(c) यह रक्त शर्करा के स्तर का नियमन करती है।
(d) इन्सुलिन का अपर्याप्त स्रावण डायबिटीज का कारण होता है।
उत्तर:
(b) यह शरीर की वृद्धि एवं विकास का नियमन करती है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित में असंगत जोड़े को छाँटिए –
(a) ऐड्रीनेलिन-पिट्यूटरी ग्रंथि।
(b) टेस्टोस्टेरॉन-टेस्टीज।
(c) एस्ट्रोजन-ओवरी।
(d) थायरॉक्सिन-थायरॉइड ग्रन्थि।
उत्तर:
(a) ऐड्रीनेलिन-पिट्यूटरी ग्रंथि।
प्रश्न 14.
गार्ड कोशा के आकार में परिवर्तन होता है निम्नलिखित के कारण –
(a) प्रोटीन का कोशा में संघटन।
(b) कोशा का तापमान।
(c) कोशा में जल की मात्रा।
(d) कोशा में केन्द्रक की स्थिति।
उत्तर:
(c) कोशा में जल की मात्रा।
प्रश्न 15.
मटर के पौधों में तन्तुओं (टैण्ड्रिल) की वृद्धि निम्नलिखित के कारण होती है –
(a) प्रकाश का प्रभाव।
(b) गुरुत्व का प्रभाव।
(c) तन्तुओं की उन कोशिकाओं में तीव्र कोशिका विभाजन जो सहारे से दूर है।
(d) तन्तुओं की उन कोशिकाओं में तीव्र कोशिका विभाजन जो सहारे की सम्पर्क में है।
उत्तर:
(c) तन्तुओं की उन कोशिकाओं में तीव्र कोशिका विभाजन जो सहारे से दूर है।
प्रश्न 16.
पराग नलिका की अण्डाणु की ओर वृद्धि निम्न के कारण होती है –
(a) जलानुवर्तन।
(b) रसायनानुवर्तन।
(c) गुरुत्वानुवर्तन।
(d) प्रकाशानुवर्तन।
उत्तर:
(b) रसायनानुवर्तन।
प्रश्न 17.
सूरजमुखी पुष्प का सूर्य के मुखातिव होकर गति करना निम्न के कारण है –
(a) प्रकाशानुवर्तन।
(b) गुरुत्वानुवर्तन।
(c) रसायनानुवर्तन।
(d) जलानुवर्तन।
उत्तर:
(a) प्रकाशानुवर्तन।
प्रश्न 18.
पकी हुई पत्तियों और फलों का वृक्षों से अलग होकर गिरना निम्न पदार्थ के कारण होता है –
(a) ऑक्सिन।
(b) जिबरेलिन।
(c) ऐब्सिसिक अम्ल।
(d) साइटोकाइनिन।
उत्तर:
(c) ऐब्सिसिक अम्ल।
प्रश्न 19.
संवेदी आवेगों के स्थानान्तरण या गमन के सन्दर्भ में कौन-सा कथन असत्य है?
(a) संवेदी आवेग गति करता है डेण्ड्राइड सिरे से एक्सॉन सिरे तक।
(b) डेण्ड्राइट सिरे पर संवेदी आवेग कुछ रसायन उत्पन्न करता है जो एक विद्युत् आवेग पैदा करता है दूसरे न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे पर।
(c) एक न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे पर उत्पन्न रसायन सिनेप्स को पार करके दूसरे न्यूरॉन के डेण्ड्राइट में वैसा ही विद्युत् आवेग पैदा करता है।
(d) एक न्यूरॉन विद्युत् आवेगों को केवल दूसरे न्यूरॉन को ही नहीं भेजता बल्कि पेशी एवं ग्रंथि कोशिकाओं को भी भेजता है।
उत्तर:
(b) डेण्ड्राइट सिरे पर संवेदी आवेग कुछ रसायन उत्पन्न करता है जो एक विद्युत् आवेग पैदा करता है दूसरे न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे पर।
प्रश्न 20.
अनैच्छिक क्रियाओं का शरीर में नियन्त्रण होता है निम्न में –
(a) अग्र मस्तिष्क में मेड्यूला
(b) मध्य मस्तिष्क में मेड्यूला।
(c) पश्च मस्तिष्क में मेड्यूला।
(d) मेरुरज्जु में मेड्यूला।
उत्तर:
(c) पश्च मस्तिष्क में मेड्यूला।
प्रश्न 21.
निम्न में कौन अनैच्छिक क्रिया नहीं है?
(a) उल्टी आना।
(b) लार आना।
(c) हृदय स्पन्दन।
(d) चबाना।
उत्तर:
(d) चबाना।
प्रश्न 22.
यदि एक व्यक्ति (महिला/पुरुष) तीव्र सर्दी जुकाम से पीड़ित है, तो वह –
(a) सेब एवं आइसक्रीम के स्वाद का नहीं अन्तर कर पाता।
(b) इत्र की गंध एवं अगरबत्ती की गंध में अन्तर नहीं कर पाता।
(c) हरे प्रकाश से लाल प्रकाश में अन्तर नहीं कर पाता।
(d) ठंडी वस्तु से गर्म वस्तु में अन्तर नहीं कर पाता।
उत्तर:
(b) इत्र की गंध एवं अगरबत्ती की गंध में अन्तर नहीं कर पाता।
प्रश्न 23.
थायरॉक्सिन के सन्दर्भ में कौन-सा कथन असत्य है?
(a) थायरॉक्सिन के संश्लेषण के लिए आयरन आवश्यक है।
(b) यह कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन एवं वसा के चयापचय का नियमन करता है।
(c) थायरॉक्सिन के संश्लेषण के लिए थायरॉइड को आयोडीन चाहिए।
(d) थायरॉक्सिन को थायरॉइड हॉर्मोन भी कहते हैं।
उत्तर:
(a) थायरॉक्सिन के संश्लेषण के लिए आयरन आवश्यक है।
प्रश्न 24.
बौनापन परिणाम है –
(a) थायरॉक्सिन का अत्यधिक स्रावण।
(b) वृद्धि हॉर्मोन का कम स्रावण।
(c) ऐड्रीनेलिन का कम स्रावण।
(d) वृद्धि हॉर्मोन का अत्यधिक स्रावण।
उत्तर:
(b) वृद्धि हॉर्मोन का कम स्रावण।
प्रश्न 25.
यौवनारम्भ के समय उससे सम्बन्धित शारीरिक परिवर्तनों का नाटकीय ढंग से अन्तर का कारण है निम्न का स्रावण –
(a) वृषण से एस्ट्रोजन एवं अण्डाशय से टेस्टोस्टेरॉन।
(b) ऐड्रीनल ग्रंथि में एस्ट्रोजन एवं पिट्यूटरी से टेस्टोस्टोरॉन।
(c) वृषण से टेस्टोस्टेरॉन एवं एस्ट्रोजन अण्डाशय से।
(d) थायरॉइड से टेस्टोस्टेरॉन एवं पिट्यूटरी ग्रंथि से एस्ट्रोजन।
उत्तर:
(c) वृषण से टेस्टोस्टेरॉन एवं एस्ट्रोजन अण्डाशय से।
प्रश्न 26.
एक डॉक्टर एक मरीज को इन्सुलिन इन्जेक्शन लेने की सलाह देता है, क्योंकि –
(a) उसका रक्तचाप कम है।
(b) उसका हृदय स्पन्दन धीमा है।
(c) वह घेघा (गॉयटर) से पीड़ित है।
(d) उसका रक्त शर्करा का स्तर ऊँचा है।
उत्तर:
(d) उसका रक्त शर्करा का स्तर ऊँचा है।
प्रश्न 27.
मनुष्य में पौरुष बढ़ाने वाला हॉर्मोन है –
(a) एस्ट्रोजन।
(b) टेस्टोस्टेरॉन।
(c) इन्सुलिन।
(d) वृद्धि-हॉर्मोन।
उत्तर:
(b) टेस्टोस्टेरॉन।
प्रश्न 28.
निम्न में कौन-सी अन्तःस्रावी ग्रंथि युग्म में नहीं है?
(a) ऐड्रीनल।
(b) वृषण।
(c) पिट्यूटरी।
(d) अण्डाशय।
उत्तर:
(c) पिट्यूटरी।
प्रश्न 29.
दो न्यूरॉन के बीच सन्धि कहलाती है –
(a) कोशिका संधि।
(b) तन्त्रिका पेशी संधि।
(c) उदासीन संधि।
(d) सिनेप्स।
उत्तर:
(d) सिनेप्स।
प्रश्न 30.
मानव में जीवन पद्धतियों का नियन्त्रण एवं नियमन निम्न के द्वारा होता है –
(a) जनन एवं अन्तःस्रावी तन्त्र।
(b) श्वसन एवं तन्त्रिका तन्त्र।
(c) अन्तःस्रावी एवं पाचन तन्त्र।
(d) तन्त्रिका एवं अन्तःस्रावी तन्त्र।
उत्तर:
(d) तन्त्रिका एवं अन्तःस्रावी तन्त्र।
रिक्त स्थानों की पूर्ति
- हमारे शरीर में नियन्त्रण एवं समन्वय का कार्य ………… तथा ………… द्वारा होता है।
- तन्त्रिका तन्त्र हमारी …………. द्वारा सूचना प्राप्त करता है तथा हमारी ………….. द्वारा क्रिया करता है।
- तन्त्रिका तन्त्र की प्रमुख इकाई ………… होता है।
- रासायनिक समन्वय ………….. द्वारा होता है।
- पौधों में केवल ………….. समन्वय होता है।
उत्तर:
- तन्त्रिका तन्त्र, हॉर्मोन।
- ज्ञानेन्द्रियों, पेशियों।
- न्यूरॉन।
- हॉर्मोन।
- रासायनिक।
जोड़ी बनाइए
उत्तर:
- → (c)
- → (d)
- → (e)
- → (f)
- → (b)
- → (a)
सत्य/असत्य कथन
- आकस्मिक पर्यावरणीय संवेदना की तुरन्त प्रतिक्रिया प्रतिवर्ती क्रिया कहलाती है।
- संवेदी न्यूरॉन मेरुरज्जु से आवेग को पेशियाँ तक पहुँचाती है।
- मोटर न्यूरॉन ग्राही अंगों से आवेग को मेरुरज्जु तक पहुँचाते हैं।
- संवेदी आवेगों के गमन का पथ ग्राही से मेरुरज्जु होते हुए पेशियों या ग्रंथियों तक का प्रतिवर्ती चाप कहलाता है।
- मस्तिष्क का सोचने-समझने वाला भाग पश्च मस्तिष्क है।
- सुनने, सूंघने, दृष्टि एवं याददास्त के केन्द्र अग्र मस्तिष्क में स्थित हैं।
- लार आना, उल्टी आना, रक्त चाप आदि अनैच्छिक क्रियाएँ पश्च मस्तिष्क के मैड्यूला द्वारा नियन्त्रित होती है।
- अनुमस्तिष्क हमारे शरीर के सन्तुलन को नियन्त्रित नहीं करता है।
उत्तर:
- सत्य।
- असत्य।
- असत्य।
- सत्य।
- असत्य।
- सत्य।
- सत्य।
- असत्य।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
- पौधों में नियन्त्रण एवं समन्वय किस तन्त्र द्वारा होता है?
- कशेरुकी जन्तुओं में किन तन्त्रों द्वारा नियन्त्रण एवं समन्वय होता है?
- किस हॉर्मोन की कमी से मधुमेह का रोग होता है?
- मनुष्य में आयोडीन की कमी से कौन-सा रोग होता है? ()
- अग्न्याशय में किस हॉर्मोन का स्रावण होता है?
उत्तर:
- अन्तःस्रावी तन्त्र।
- तन्त्रिका तन्त्र एवं अन्तःस्रावी तन्त्र।
- इन्सुलिन।
- घेघा।
- इन्सुलिन।
NCERT Class 10th Science Chapter 7 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
तन्त्रिका तन्त्र से क्या समझते हो?
उत्तर:
तन्त्रिका तन्त्र:
“प्राणियों में समझने, सोचने और किसी भी चीज को याद रखने के साथ-साथ शरीर के विभिन्न अंगों के कार्यों में समन्वय एवं सन्तुलन स्थापित करके, नियन्त्रण बनाए रखने वाला तन्त्र तन्त्रिका तन्त्र कहलाता है।”
प्रश्न 2.
तन्त्रिका तन्त्र को कितने भागों में विभाजित किया जाता है? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
तन्त्रिका तन्त्र के मुख्य भाग-तन्त्रिका तंत्र के निम्न मुख्य तीन भाग हैं –
- केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र।
- परिधीय तन्त्रिका तन्त्र।
- स्वायत्त तन्त्रिका तन्त्र।
प्रश्न 3.
मस्तिष्क क्या होता है?
उत्तर:
मस्तिष्क: “केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र का वह भाग (अंग) जो कपालगुहा में सुरक्षित रहता है, मस्तिष्क कहलाता है।”
प्रश्न 4.
सुषुम्ना या मेरुरज्जु से क्या समझते हो?
उत्तर:
कशेरुक दण्ड की गुहिका में स्थित सुरक्षित केन्द्रीय तन्त्र का वह भाग (अंग) जो संयोजी ऊतकों से बनी तीन झिल्लियों से ढकी संरचना है, सुषुम्ना या मेरुरज्जु कहलाती है।”
प्रश्न 5.
हॉर्मोन्स से क्या समझते हो?
उत्तर:
हॉर्मोन्स:
“विशेष प्रकार के रासायनिक पदार्थ जो विशिष्ट भागों या कोशिकाओं द्वारा स्रावित होते हैं और विशेष प्रकार की कोशिकाओं की क्रियाशीलता या कार्यशीलता को प्रभावित करते हैं तथा विविध क्रियाओं का नियन्त्रण एवं समन्वय करते हैं, हॉर्मोन्स कहलाते हैं।”
प्रश्न 6.
अन्तःस्रावी ग्रंथियाँ क्या होती हैं?
उत्तर:
अन्तःस्रावी ग्रंथियाँ:
“शरीर में पायी जाने वाली विशेष प्रकार की ग्रंथियाँ जिनसे हॉर्मोन्स का स्रावण होता है, अन्तःस्रावी ग्रंथियाँ कहलाती हैं।”
प्रश्न 7.
न्यूरॉन किसे कहते हैं?
उत्तर:
न्यूरॉन या तन्त्रिका कोशा:
“तन्त्रिका तन्त्र की सूक्ष्मतम इकाई कोशा अथवा ऊतक तन्त्रिका कोशा या तन्त्रिका ऊतक या न्यूरॉन कहलाती है।”
प्रश्न 8.
प्रत्यावर्ती (प्रतिवर्ती) क्रिया किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रत्यावर्ती (प्रतिवर्ती) क्रिया:
“वे अनैच्छिक क्रियाएँ जो किसी प्रेरणा या उद्दीपन या फिर किसी प्रतिक्रिया के रूप में होती है। प्रत्यावर्ती (प्रतिवी) क्रियाएँ कहलाती है।”
प्रश्न 9.
प्रतिवर्ती (प्रत्यावर्ती) चाप से क्या समझते हैं?
उत्तर:
प्रतिवर्ती (प्रत्यावर्ती) चाप:
“तन्त्रिकीय तत्व जो प्रतिवर्ती क्रिया को संचालित करते हैं तथा एक चाप बनाते हैं जिसे प्रत्यावर्ती (प्रतिवर्ती) चाप कहते हैं।
प्रश्न 10.
सुषुम्ना (मेरुरज्जु) के दो प्रमुख कार्य लिखिए।
उत्तर:
सुषुम्ना (मेरुरज्जु) के प्रमुख कार्य:
- मस्तिष्क से आने वाली प्रेरणाओं या संवेदनाओं का संवहन करना।
- प्रतिवर्ती क्रियाओं का समन्वय एवं नियन्त्रण करना।
प्रश्न 11.
अनुवर्तन गति किसे कहते हैं? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
अनुवर्तन गति:
“पर्यावरणीय उद्दीपन के कारण पेड़-पौधे दिशिक गतियाँ करते हैं, जिन्हें अनुवर्तन गति कहते हैं।” ये गतियाँ उद्दीपन की दिशा में भी हो सकती हैं अथवा विपरीत ।
उदाहरण:
पौधों का प्ररोह तन्त्र प्रकाश की ओर एवं जड़ तन्त्र अन्धकार की ओर गति करता है।
प्रश्न 12.
प्रकाशानुवर्तन किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रकाशानुवर्तन:
“पौधों का प्ररोह तन्त्र प्रकाश की ओर तथा जड़ तन्त्र अन्धकार की ओर अर्थात् प्रकाश के विपरीत गति करता है। प्रकाश के कारण होने वाले इस अनुवर्तन गति को प्रकाशानुवर्तन कहते हैं।”
प्रश्न 13.
जलानुवर्तन से क्या समझते हो?
उत्तर:
जलानुवर्तन:
“पौधों का जड़ तन्त्र जल की ओर गति करता है। जल के उद्दीपन के कारण होने वाली यह अनुवर्तन गति जलानुवर्तन कहलाती है।”
प्रश्न 14.
गुरुत्वानुवर्तन से क्या समझते हो?
उत्तर:
गुरुत्वानुवर्तन:
“पौधे का प्ररोह तन्त्र गुरुत्व के विपरीत ऊपर की ओर गति करता है तथा जड़ तन्त्र गुरुत्व की ओर अर्थात् नीचे की ओर गति करता है। गुरुत्वीय उद्दीपन के कारण होने वाली यह अनुवर्तन गति गुरुत्वानुवर्तन कहलाती है।
प्रश्न 15.
क्या होगा जब हमारे खाने में आयोडीन की कमी हो जाएगी?
उत्तर:
- आयोडीन की भोजन में कमी के कारण थायरॉइड द्वारा थायरॉक्सिन हॉर्मोन्स का स्रावण कम होगा जिसके फलस्वरूप कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा की चयापचय अभिक्रिया बाधित होगी।
- इसके अतिरिक्त आयोडीन की कमी से व्यक्ति घेघा रोग से पीड़ित हो सकता है।
प्रश्न 16.
दो न्यूरॉन के मध्य सिनेप्स में क्या घटित होता है?
उत्तर:
जब एक इलेक्ट्रिक आवेग एक न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे पर पहुँचता है तो यह कुछ रासायनिक पदार्थों का विमोचन करता है जो सिनेप्स को पार करके दूसरे न्यूरॉन के डेण्ड्राइट सिरे की ओर बढ़ता है और अन्य इलेक्ट्रिक आवेग उत्पन्न करता है।
NCERT Class 10th Science Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित आकृति भाग (a), (b), (c) एवं (d) का नामांकन कीजिए तथा इलेक्ट्रिकल संकेत (आवेग) की दिशा प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
(a) संवेदी न्यूरॉन।
(b) मेरुरज्जु (CNS)।
(c) मोटर न्यूरॉन।
(d) भुजा की पेशियाँ।
इलेक्ट्रिकल संकेत (आवेग) की दिशा –
ग्राही – संवेदी न्यूरॉन – मेरुरज्जु – मोटर न्यूरॉन – शी।
प्रश्न 2.
निम्न के लिए जबावदेय हॉर्मोन्स के नाम लिखिए –
- कोशिकाओं की लम्बाई में वृद्धि करना।
- तने की वृद्धि करना।
- कोशिका विभाजन को प्रोत्साहन देना।
- परिपक्व पत्तियों का गिरना (पतझड़)।
उत्तर:
- ऑक्सिन।
- जिबरेलिन।
- साइटोकाइनिन।
- ऐब्सिसिक अम्ल।
प्रश्न 3.
अन्तःस्रावी ग्रंथियों को संलग्न चित्र में नामांकित कीजिए।
उत्तर:
(a) पिनियल ग्रंथि।
(b) पिट्यूटरी ग्रंथि।
(c) थायरॉइड ग्रंथि।
(d) थायमस ग्रंथि।
प्रश्न 4.
संलग्न चित्र के (a), (b) एवं (c) में कौन अधिक सही है और क्यों?
उत्तर:
(a) अधिक सत्य है, क्योंकि गुरुत्वानुवर्तन के कारण पौधे का प्ररोह तन्त्र गुरुत्व के विपरीत ऊपर की ओर गति करता है, जबकि जड़ तन्त्र गुरुत्व की ओर नीचे की तरफ गति करता है।
प्रश्न 5.
संलग्न चित्र में भाग (a), (b), (c) एवं (d) को नामांकित कीजिए।
उत्तर:
(a) डेण्ड्राइट
(b) कोशिकाकाय
(c) एक्सॉन,
(d) तन्त्रिका (न्यूरॉन) सिरा या एक्सॉन सिरा।
प्रश्न 6.
प्रतिवर्ती चाप का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
प्रतिवर्ती चाप का नामांकित चित्र –
प्रश्न 7.
प्रतिवर्ती क्रियाविधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रियाविधि (Process of Reflex Action):
प्रतिवर्ती क्रिया में मेरुरज्जु (Spinal cord) भाग लेती है जबकि मस्तिष्क का इसमें कोई कार्य नहीं होता। मनुष्य की इच्छा के बिना ये क्रियाएँ बाहरी उद्दीपनों के फलस्वरूप होती हैं। जैसे कि जब हम किसी गर्म वस्तु को छूते हैं तो एकाएक अपना हाथ हटा लेते हैं। इस प्रकार संवेदनाओं को संवेदी अंगों (Sensory organs) से संवेदी तन्त्रिकाओं (Sensory neurons) के माध्यम से मेरुरज्जु तक पहुँचा दिया जाता है।
यह संवेदना या प्रेरणा सुषुम्ना में पाए जाने वाले संवेदी तन्तुओं में से होकर पृष्ठीय मूल के द्वारा सुषुम्ना तक पहुँचती हैं तथा सायटॉन के एक्सॉन सुषुम्ना के धूसर द्रव्य में इन्हें ले जाते हैं। धूसर द्रव्य में से प्रेरणा या संवेदना चालक तन्त्रिका में पहुँचती है। चालक तन्त्रिका सुषुम्ना तन्त्रिका के आधारीय मूल से निकल कर पेशियों में जाकर विभाजित हो जाती है। पेशी प्रेरणा या उद्दीपन के अनुसार कार्य करती है, अतः हाथ उठ जाता है।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित के उत्तर दीजिए –
- यौवनारम्भ के समय महिलाओं में जो शारीरिक परिवर्तन देखने को मिलते हैं उसके लिए कौन-सा हॉर्मोन उत्तरदायी है ?
- किस हॉर्मोन की कमी से शरीर बौना रह जाता है?
- किस हॉर्मोन की कमी के कारण रक्त का शर्करा का स्तर बढ़ जाता है?
- किस हॉर्मोन के संश्लेषण के लिए आयोडीन आवश्यक है?
उत्तर:
- ऑस्टेरोजिन।
- वृद्धि हॉर्मोन।
- इन्सुलिन।
- थायरॉक्सिन।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित के उत्तर दीजिए –
- मस्तिष्क से सम्बन्धित अन्तःस्रावी ग्रंथि का नाम लिखिए।
- कौन-सी ग्रंथि पाचक एन्जाइम एवं हॉर्मोन्स का स्रावण करते हैं?
- वृक्क से सम्बन्धित अन्तःस्रावी ग्रंथि का नाम लिखिए।
- कौन-सी अन्तःस्रावी ग्रंथि पुरुषों में मिलती है, लेकिन महिलाओं में नहीं।
उत्तर:
- पिट्यूटरी।
- पैंक्रियाज।
- ऐड्रीनल।
- वृषण।
प्रश्न 10.
कौन-से घटक केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र एवं परिधीय तन्त्रिका तन्त्र का निर्माण करते हैं? केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र के घटक अवयवों की सुरक्षा कैसे होती है?
उत्तर:
मस्तिष्क एवं सुषुम्ना (मेरुरज्जु) केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र का निर्माण करते हैं तथा परिधीय तन्त्रिका तन्त्र में तन्त्रिका कोशिकाओं का जाल बिछा रहता है।
मस्तिष्क की सुरक्षा कपाल गुहा से होती है जो खोपड़ी की हड्डियों से बना एक मजबूत खोल होता है जिसमें हृदय स्थित होता है तथा सुरक्षित रहता है।
सुषुम्ना (मेरुरज्जु) मजबूत हड्डियों से बनी कशेरुक दण्ड की गुहिका में सुरक्षित होता है। इसके अतिरिक्त इन दोनों अंगों की बाह्य आघातों से सुरक्षा इनमें उपस्थित मस्तिष्क-सुषुम्ना द्रव्य के द्वारा भी होती है।
प्रश्न 11.
जन्तुओं में रासायनिक नियन्त्रण एवं समन्वय कैसे होता है?
उत्तर:
जन्तुओं के शरीर में उपस्थित विभिन्न अन्तःस्रावी ग्रंथियाँ विभिन्न प्रकार के हॉर्मोनों का स्रावण करती हैं। ये हॉर्मोन रक्त में मिल जाते हैं जहाँ से विशिष्ट ऊतकों अथवा अंगों में चले जाते हैं, जिन्हें लक्ष्य ऊतक या लक्ष्य अंग कहते हैं। उस लक्ष्य ऊतक या लक्ष्य अंग में ये हॉर्मोन विशिष्ट जैव-रासायनिक या शारीरिक क्रियाओं का सम्पादन करते हैं। इस प्रकार जन्तुओं में रासायनिक या हॉर्मोनल नियन्त्रण एवं समन्वय होता है।
प्रश्न 12.
किसी सिनेप्स में एक न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे से दूसरे न्यूरॉन के डेण्डाइट सिरे तक संकेतों या आवेग का प्रवाह होता है, लेकिन इसके उलट नहीं। क्यों?
उत्तर:
जब कोई विद्युत् आवेग किसी न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे पर पहुँचता है, तो यह एक रासायनिक पदार्थ का विमोचन करता है। यह रसायन दूसरे न्यूरॉन के डेण्ड्राइट सिरे की सिरे की ओर प्रसरण करता है जहाँ यह विद्युत् आवेग (संकेत) उत्पन्न करता हैं। इस प्रकार विद्युत् आवेग एक रासायनिक संकेत में परिवर्तित हो जाता है। चूँकि यह रसायन डेण्ड्राइट सिरे पर अनुपस्थित होता है इसलिए इलैक्ट्रिकल संकेत रासायनिक संकेतों में परिवर्तित नहीं होता है।
NCERT Class 10th Science Chapter 7 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मस्तिष्क के मुख्य भाग क्या हैं? विभिन्न भागों के कार्य लिखिए।
उत्तर:
मस्तिष्क के मुख्य भाग एवं उनके कार्य:
(a) अग्र मस्तिष्क-इसके निम्नलिखित दो उपभाग हैं –
(1) प्रमस्तिष्क:
इसका प्रमुख कार्य तन्त्रिका तन्त्र के अन्य शेष भागों पर नियन्त्रण रखना है। इसके अतिरिक्त यह बुद्धि, विचार, स्मृति, अनुभव एवं मनोभाव का केन्द्र है तथा सभी ऐच्छिक क्रियाओं का नियन्त्रण करता है। इसके अविकसित होने से मंदबुद्धि होते हैं।
(2) हाइपोथैलेमस:
यह तन्त्रिका तन्त्र का संगठन केन्द्र होता है। यह जननांग, अन्तःस्रावी ग्रंथियों, हृदय आदि की क्रियाओं पर नियन्त्रण रखता है।
(b) मध्य मस्तिष्क: यह दृष्टि एवं श्रवण उद्दीपन को ग्रहण करता है।
(c) पश्च मस्तिष्क:
इसके निम्नलिखित तीन उपभाग हैं –
- अनुमस्तिष्क-यह अंग विन्यास एवं शारीरिक संतुलन को बनाए रखता है।
- पॉन्स वेरोलाई-यह अनुमस्तिष्क के एक भाग से दूसरे भाग को प्रेरणाओं के प्रेषण का कार्य करता है तथा पेशीय गतियों पर नियन्त्रण रखता है।
- मैड्यूला ऑब्लांगेटा-यह अनैच्छिक क्रियाओं पर नियन्त्रण करता है।
- प्रमस्तिष्क गोलार्डों के नीचे एक छोटा भाग डायनसेफेलॉन होता है जो शरीर की उपापचय क्रियाओं पर नियन्त्रण करता है। यह शारीरिक ताप एवं जनन क्रियाओं को नियन्त्रित करता है।
प्रश्न 2.
निम्न हॉर्मोन्स में से प्रत्येक का एक कार्य लिखिए –
(a) थायरॉक्सिन।
(b) इन्सुलिन।
(c) ऐडीनेलिन।
(d) वृद्धि हॉर्मोन्स।
(e) टेस्टोस्टेरॉन।
उत्तर:
प्रश्न 3.
विभिन्न पादप हॉर्मोनों के नाम लिखिए तथा उनके पौधों की वृद्धि एवं विकास पर शारीरिक (कायिक) प्रभावों को लिखिए।
अथवा
चार पादप हॉर्मोन के नाम एवं कार्य लिखिए। ()
उत्तर:
पादप हॉर्मोनों के प्रकार एवं कार्य-पादप हॉर्मोन प्रमुख्तः निम्नलिखित चार प्रकार के होते हैं –
- ऑक्सिन।
- जिबरेलिन।
- साइटोकाइनिन।
- ऐब्सिसिक अम्ल (ABA) वृद्धि रोधक।
1. ऑक्सिन:
कोशिकाओं की लम्बाई में वृद्धि, कोशिका विभाजन में सहयोग, पौधों की गतियों पर नियन्त्रण, पत्तियों को गिरने से रोकना, बीज रहित फलों के उत्पादन में सहायता करना।
2. जिबरेलिन:
बीजों के शीघ्र अंकुरण में सहायक, बौने पौधों की लम्बाई में वृद्धि, पौधों की पत्तियों को चौड़ी करने में सहायता करना।
3. साइटोकाइनिन:
प्रोटीन के संश्लेषण में सहायक, कोशिकाओं एवं तने की लम्बाई में वृद्धि, पार्श्व कलिकाओं में वृद्धि, जड़ों एवं पत्तियों की वृद्धि रोकने में सहायक एवं अंकुरण के समय उत्प्रेरक उत्पन्न करना।
4. ऐब्सिसिक अम्ल (ABA) वृद्धि रोधक:
पत्तियों के एवं फूलों के खुलने एवं बन्द करने की क्रियाओं का नियन्त्रण, पतझड़ की क्रिया को प्रोत्साहित करना तथा पौधों की वृद्धि दर को कम करना।
प्रश्न 4.
प्रतिवर्ती क्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिए। एक प्रतिवर्ती चाप की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रिया:
“वे अनैच्छिक क्रियाएँ जो किसी प्रेरणा या उद्दीपन या फिर किसी प्रतिक्रिया के रूप में होती हैं, प्रतिवर्ती क्रिया कहलाती है।”
प्रतिवर्ती क्रिया के उदाहरण:
- गर्म वस्तु पर पैर पड़ते ही पैर का एकदम उठना।
- आँख के आगे अचानक तिनके के आने से आँख के पलक का झपकना।
प्रतिवर्ती चाप:
तन्त्रिकीय तन्त्र जो प्रतिवर्ती क्रिया को संचालित करते हैं तथा एक चाप बनाते हैं जिसे प्रतिवर्ती चाप कहते हैं।
प्रश्न 5.
“तन्त्रिकीय तन्त्र एवं अन्तःस्रावी (हॉर्मोनल) तन्त्र मिलकर मानव शरीर में नियन्त्रण एवं समन्वय के कार्य को पूर्ण करते हैं।” कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
अन्तःस्रावी तन्त्र एवं तन्त्रिका तन्त्र द्वारा मानव शरीर में नियन्त्रण एवं समन्वय मानव शरीर में हॉर्मोनल नियन्त्रण एवं समन्वय:
मानव के शरीर में विशेष प्रकार की ग्रन्थि पाई जाती है जिनसे विशेष प्रकार के कार्बनिक रासायनिक पदार्थ स्रावित होते हैं, जिन्हें जन्तु हॉर्मोन्स या हॉर्मोन्स कहते हैं। इन ग्रन्थियों को अन्त:स्रावी ग्रन्थियाँ कहते हैं। ये हॉर्मोन्स विभिन्न प्रकार की ग्रन्थियों में स्रावित होकर रक्त में मिल जाते हैं।
रक्त के द्वारा ये हॉर्मोन्स विभिन्न प्रकार के अंगों की विभिन्न कोशिकाओं में पहुँचते हैं तथा उन कोशिकाओं को उत्तेजित करके उनकी क्रियाशीलता को बढ़ा देते हैं तथा उसका नियन्त्रण करते हैं। ये हॉर्मोन्स वृद्धि उपापचय क्रियाओं एवं विभिन्न प्रकार की शारीरिक क्रियाओं का नियन्त्रण एवं समन्वय करते हैं। यह नियन्त्रण एवं समन्वय हॉर्मोनल नियन्त्रण एवं समन्वय कहलाता है।
तन्त्रिकीय समन्वय एवं नियन्त्रण (Coordination and Control by Nervous Systems):
मनुष्यों में शरीर की विभिन्न क्रियाएँ एक विशिष्ट एवं विकसित तन्त्र द्वारा समन्वित, नियन्त्रित एवं संचालित होती हैं, जिसकी तन्त्रिका तन्त्र कहते हैं। तन्त्रिका तन्त्र की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई न्यूरॉन होती है। तन्त्रिका तन्त्र में संकेत तन्त्रिका उद्दीपनों के रूप में उत्पन्न होते हैं, जो कि वातावरणीय उद्दीपनों के प्रति तीव्र व्यवहार प्रवाह करती हैं।
बाह्य वातावरण से प्राप्त प्रेरणाएँ या संवेदनाएँ न्यूरॉन को उत्प्रेरित करके शरीर के विभिन्न भागों में समन्वय एवं नियमन स्थापित करती हैं। सजीवों के शरीर के आन्तरिक वातावरण में विभिन्न अंगों के बीच समन्वय, न्यूरॉन के द्वारा स्थापित किया जाता है।
शरीर की सम्पूर्ण ऐच्छिक एवं अनैच्छिक तथा प्रतिवर्ती क्रियाओं का नियन्त्रण, केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र (मस्तिष्क एवं सुषुम्ना) के द्वारा किया जाता है।
इस प्रकार मनुष्य एवं अन्य बहुकोशिकीय जन्तुओं के शरीर के बाह्य वातावरण, आन्तरिक वातावरण, संतुलन एवं संवेदी अंगों में नियन्त्रण एवं समन्वय, तन्त्रिका तन्त्र के द्वारा स्थापित होता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि किस प्रकार अन्तःस्रावी (हॉर्मोनल) तन्त्र एवं तन्त्रिका तन्त्र मिलकर मानव शरीर में नियन्त्रण एवं समन्वय बनाए रखते हैं।