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Home Class 10th Solutions 10th Social Science

NCERT Class 10 Civics Chapter 4 Solutions जाति , धर्म और लैंगिक मसले

by Sudhir
January 4, 2022
in 10th Social Science, Class 10th Solutions
Reading Time: 7 mins read
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NCERT Class 10th Social Science Solutions
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Table of Contents

  • NCERT Class 10 Civics Chapter 4 Solutions जाति , धर्म और लैंगिक मसले
    • अध्याय-समीक्षा
    • अभ्यास-प्रश्नावली
    • अतिरिक्त प्रश्नोत्तर 
      • 1 अंक के प्रश्न 
      • 3/5 अंक वाले प्रश्न

NCERT Class 10 Civics Chapter 4 Solutions जाति , धर्म और लैंगिक मसले

इस आर्टिकल में हम आपको NCERT Class 10 Civics Chapter 4 जाति , धर्म और लैंगिक मसले का समाधान प्रदान कर रहे है. यहाँ आपको पाठ्यपुस्तक के प्रश्नों के अतिरिक्त परीक्षा उपयोगी अन्य प्रश्नों के समाधान भी आसान भाषा में मिल जाएंगे.

अध्याय-समीक्षा


नारीवादी : समाज के वे लोग जो महिलाओं और पुरुषों के समान अधिकारों एवं अवसरों में विश्वास रखते है या हिमायती हैं | नारीवादी कहलाते हैं | 

धर्म निरपेक्ष राज्य : वह राज्य जिसमें सभी धर्मों को समान महत्त्व दिया जाता है और प्रत्येक व्यक्ति कोई भी धर्म अपनाने की स्वतंत्रता होती है | 

जातिवादी : उच्च जाति और निम्न जाती के बीच सामाजिक तनाव को जातिवादी कहते है | 

साम्प्रदायिकता : अपने धर्म को दुसरे के धर्मों से श्रेष्ठ मानने की मानसिकता को साम्प्रदायिकता कहते है | 

पारिवारिक कानून : विवाह, तलाक, गोद लेने तथा उतराधिकार जैसे परिवार से जुड़े मसलों से संबंधित कानून को पारिवारिक कानून कहते हैं | 

श्रम का लैंगिक विभाजन : काम के बँटवारे का वह तरीका जिसमें घर के अन्दर के सारे काम परिवार की औरतें करती हैं | श्रम का लैंगिक विभाजन कहलाता है |

पितृ-प्रधान समाज : ऐसा समाज जिसमें परिवार का मुखिया पिता होता है और उन्हें औरतों की तुलना में अधिक अधिकार प्राप्त होता है | 

अंतिम जनगणना : अंतिम जनगणना 2011 में हुई है | जनगणना प्रत्येक 10 वर्ष के बाद होता है | 

धर्मनिरपेक्षता : ऐसी व्यवस्था जिसमें राज्य का कोई अपना धर्म नहीं होता | सभी धर्मों को एक सामान महत्व दिया जाता है और नागरिकों किसी भी धर्म या मत को अपनाने या उपासना करने की आजादी होती है | 

वर्ण-व्यवस्था : विभिन्न जातीय समूहों का समाज में पदानुक्रम को वर्ण व्यवस्था कहते हैं | 

सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार : किसी राज्य में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी लोगों को एक सामान रूप से मत देने का अधिकार है इसे ही सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार कहते है | 

जातिवाद : जाति के आधार पर लोगों से भेदभाव जातिवाद कहलाता है | 

अनुसूचित जातियाँ: वे जातियाँ जो हिन्दू सामाजिक व्यवस्था में उच्च जातियों से अलग और अछूत मानी जाती हैं। जो दलित के रूप में मानी जाती हैं तथा जिनका अपेक्षित विकास नहीं हुआ है।
अनुसूचित जनजातियाँ: ऐसा समुदाय जो साधारणतया पहाड़ी और जंगली क्षेत्रों में रहते हैं और जिनका बाकी समाज से अधिक मेलजोल नहीं है। साथ ही उनका विकास नहीं हुआ है। अनुसूचित जातियों का प्रतिशत 16.2 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजातियों का
प्रतिशत 8.2 प्रतिशत है।

अभ्यास-प्रश्नावली


1. जीवन के उन विभिन्न पहलुओं का जिक्र करें जिनमें भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव होता है या वे कमजोर स्थिति में होती हैं।

उत्तर: जीवन के वे विभिन्न पहलुओं  जिनमें भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव होता है या वे कमजोर स्थिति में होती हैं निम्नलिखित हैं-

(i) साक्षरता- महिलाओ में साक्षरता केवल 54% हैं जबकि पुरूषों में यह दर 76% हैं|

(ii) कम मजदूरी- यद्यपि कानून के अंतर्गत समान कार्य के लिए समान वेतन/ मजदूरी मिलनी चाहिए परन्तु व्यवहार में महिलाओ को वेतन/मजदूरी कम दी जाती हैं| 

(iii) उच्च पदों पर नियुक्ति – साक्षरता कम होने के कारण महिलाऐं उच्च पदों पर नहीं पहुच पाती हैं वहां पर उनकी संख्या कम हैं|
2. विभिन्न तरह की सांप्रदायिक राजनीति का ब्यौरा दें और सबके साथ एक-एक उदाहरण भी दें।

उत्तर: (i) राजनीतिक प्रभुत्व की इच्छा- बहुसंख्यक वर्ग अपना प्रभुत्व स्थापित करने का प्रयत्न करता हैं, जैसे श्रीलंका में हुआ|

(ii) राजनीतिक गोलबंदी- सांप्रदायिक आधार पर राजनीतिक गोलबंदी करना सांप्रदायिकता का एक अन्य रूप हैं| इसमें धर्म के पवित्र प्रतीकों, धर्म गुरुओं द्वारा मतदाताओ से धर्म के नाम पर अपील करना शामिल हैं| चुनावी राजनीतिक में एक धर्म के मतदाताओ की भावना या हितो की बात उठाने जैसे तरीके अक्सर अपनाए जाते हैं| 

(iii) हिंसा, दंगा व नरसंहार का रूप लेना- कभी-कभी सांप्रदायिकता के नाम पर विभिन्न क्षेत्रों में दो विरोधी संप्रदायों में किसी साधारण घटना पर भी दंगे और नरसंहार हो जाते हैं| जिसमें अनेक लोगों की न केवल जाने जाती जाती हैं बल्कि धन-संपत्ति की भी हानि होती हैं| स्वतंत्रता के समय देश का विभाजन होने के कारण इसी प्रकार के सांप्रदायिक दंगे हुए हैं| 
3. बताइए कि भारत में किस तरह अभी भी जातिगत असमानाताएँ जारी हैं।

उत्तर:  भारत में अभी भी निम्नलिखित  जातिगत असमानाताएँ जारी हैं:-

(i) अभी भी विभिन्न जातियां कबीले अपनी ही जाति व कबीले में विवाह करते हैं|

(ii) संवैधानिक रूप से छुआछूत का अन्त करने के बावजूद निम्न जातियों के साथ भेदभाव किया जाता हैं|

(iii) अभी भी जाति और आर्थिक हैसियत में गहरा संबंध हैं| 

4. दो कारण बताएँ कि क्यों सिर्फ’ जाति के आधार पर भारत में चुनावी नतीजे तय नहीं हो सकते।

उत्तर: सिर्फ’ जाति के आधार पर भारत में चुनावी नतीजे तय नहीं हो सकने के दो निम्नलिखित कारण- 

(i) संसदीय चुनाव क्षेत्र में एक जाति का बहुमत न होना- देश में किशी भी एक संसदीय चुनाव क्षेत्र में किसी एक जाति के लोग का बहुमत नहीं हैं| अतः चुनाव में विजय प्राप्त करने क लिए एक से अधिक जातियों और संप्रदायों के मतदाताओ पर निर्भर करना पड़ता हैं|

(ii) जातियों और समुदायों की एक पसंद न होना- हमारे देश में सत्तारूढ़ दल , वर्तमान सांसदों और विधायकों को अक्सर हार का सामना करना पड़ता हैं| अग्र जातियों और समुदाय की राजनीतिक पसंद एक ही होती तो ऐसा संभव नहीं हो पाता|

5. भारत की विधायिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की स्थिति क्या है?

उत्तर: भारत की विधायिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की स्थिति निम्नलिखित है:- 

(i) लोकसभा में महिलाओ का प्रतिनिधित्व दस प्रतिशत भी नहीं पहुँच पाया|

(ii) राज्यों की विधानसभा में तो उनका प्रतिनिधित्व पांच प्रतिशत से भी कम हैं|
6. किन्हीं दो प्रावधानों का जिक्र करें जो भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाते हैं।

उत्तर: भारत को धर्मनिर्पेक्ष देश बनाने वाले दो प्रवधान निम्नलिखित हैं-

(i) भारत में किसी भी धर्म को राजकीय धर्म के रूप में स्वीकार नहीं किया गया हैं; जैसे श्रीलंका में बौध धर्म , पाकिस्तान में इस्लाम धर्म|

(ii) संविधान सभी नागरिको और समुदाय को किसी भी धर्म का पालन करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता दी गई हैं|  
7. जब हम लैंगिक विभाजन की बात करते हैं तो हमारा अभिप्राय होता है :
(क) स्त्री और पुरुष के बीच जैविक अंतर
(ख) समाज द्वारा स्त्री और पुरुष को दी गई असमान भूमिकाएँ
(ग) बालक और बालिकाओं की संख्या का अनुपात।
(घ) लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में महिलाओं को मतदान का अधिकार न मिलना।

उत्तर: (ख) समाज द्वारा स्त्री और पुरुष को दी गई असमान भूमिकाएँ
8. भारत में यहाँ औरतों के लिए आरक्षण की व्यवस्था है :
(क) लोकसभा
(ख) विधानसभा
(ग) मंत्रिमंडल
(घ) पंचायती राज की संस्थाएँ

उत्तर: (घ) पंचायती राज की संस्थाएँ
9. सांप्रदायिक राजनीति के अर्थ संबंधी निम्नलिखित कथनों पर गौर करें। सांप्रदायिक राजनीतिक
इस धारणा पर आधारित है कि :
(अ) एक धर्म दूसरों से श्रेष्ठ है।
(ब) विभिन्न धर्मों के लोग समान नागरिक के रूप में खुशी-खुशी साथ रह सकते हैं।
(स) एक धर्म के अनुयायी एक समुदाय बनाते हैं।
(द) एक धार्मिक समूह का प्रभुत्व बाकी सभी धर्मों पर कायम करने में शासन की शक्ति
का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
इनमें से कौन या कौन-कौन सा कथन सही है?

(क)अ, ब, स और द
(ख)अ, ब और द 
(ग)अ और स
(घ)ब और द

उत्तर: (ग) अ और स
10. भारतीय संविधान वेफ बारे में इनमें से कौन सा कथन गलत है?
(क) यह धर्म के आधार पर भेदभाव की मनाही करता है।
(ख) यह एक धर्म को राजकीय धर्म बताता है।
(ग) सभी लोगों को कोई भी धर्म मानने की आज़ादी देता है।
(घ) किसी धार्मिक समुदाय में सभी नागरिकों को बराबरी का अधिकार देता है।

उत्तर: (ख) यह एक धर्म को राजकीय धर्म बताता है।
11. …………………………. पर आधारित सामाजिक विभाजन सिर्फ भारत में ही है।

उत्तर: जाति|
12. सूची I और सूची II का मेल कराएँ और नीचे दिए गए कोड के आधार पर सही जवाब
खोजें।

सूची-Iसूची-II
1.अधिकारों और अवसरों के मामले में स्त्री और पुरुष(क) सांप्रदायिक
2. धर्म को समुदाय का मुख्य आधार मानने वाला व्यक्ति(ख) नारीवादी
3. जाति को समुदाय का मुख्य आधार मानने वाला व्यक्ति(ग) धर्मनिरपेक्ष
4. व्यक्तियों के बीच धार्मिक आस्था के आधार पर भेदभाव न करने वाला व्यक्ति(घ) जातिवादी
 1234
(सा)खगकघ
(रे)खकघग
(गा)घगकख
(मा)गकखघ

उत्तर:  (रे) ख, क, घ, ग|

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर 


1 अंक के प्रश्न 

Q1.  लिंगानुपात किस कहते हैं?

उत्तर : प्रत्येक 1000 पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या को लिंग अनुपात कहते हैं | 

Q2.  ‘धर्म को राजनीति से कभी भी अलग नहीं किया जा सकता’ – ये शब्द किसने कहा है?

उत्तर : महात्मा गाँधी ने | 

Q3.  एक ऐसे समुदाय के लोग जो साधारतया पहाड़ी और जंगली क्षेत्रों में रहते हैं और
जिनका बाकी समाज से अधिक मेल जोल नहीं है, क्या कहते हैं?

उत्तर : आदिवासी (अनुसूचित जनजाति) | 

Q4.  उस प्रक्रिया को क्या कहते हैं जिसमें लोग ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर पलायन करते हैं?

उत्तर : शहरीकरण |

Q5. वर्ण-व्यवस्था क्या होती हैं?

उत्तर: जाति समूहों का पदानुक्रम जिसमें एक जारी के लोग हर हाल में समाजिक पायदान में सबसे ऊपर रहेंगे तो किसी अन्य जाति समूह के लोग क्रमागत रूप से उनके नीचे |

Q6. जाति के अन्दर राजनीति का उदहारण दीजिए|

उत्तर: राजनीति में ने तरह की गोलबंदी हुई हैं, जैसे ‘अगड़ा ‘  और ‘ पिछड़ा ‘ |

Q7. विश्व के किन देशों की राष्ट्रीय संसदों में महिलाओ की संख्या अधिकतम हैं|

उत्तर:  नार्डिक देश की राष्ट्रीय संसदों में महिलाओ की संख्या 40 प्रतिशत हैं|

Q8. भारत में राष्ट्रीय लिंगानुपात क्या हैं?

उत्तर:  927 |

Q9. पितृ-प्रधान क्या होता हैं?

उत्तर:  इसका शाब्दिक अर्थ तो पिता का शासन हैं पर इस पद का प्रयोग महिलाओ की तुलना में पुरुषों को ज्यादा महत्त्व, ज्यादा शक्ति देने वाली व्यवस्था के लिए भी किया जाता हैं| 

Q10. परिवारिक कानून से क्या अभिप्राय हैं?

उत्तर: विवाह, तालाक, गोद लेना और उत्तराधिकारी जैसे परिवार से जुड़े मसलो से संबंधित कानून पारिवारिक कानून होते हैं| हमारे देश में सभी धर्मों के अलग-अलग पारिवारिक कानून हैं|

3/5 अंक वाले प्रश्न

प्रश्न 1: नारीवादी आन्दोलन किसे कहते है ? 

उत्तर: वह आन्दोलन जो नारियों के हित के लिए चलाया जाता है उसे नारीवादी आन्दोलन कहते है | 

प्रश्न 2: सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा देने वाले तीन तथ्यों का उल्लेख कीजिए | 

उत्तर: 

(i) एक धर्म को अन्य धर्मों से बेहतर मानना | 

(ii) धर्म के आधार पर वोट बैंक का निर्माण करना |

(iii) राजनैतिक दलों द्वारा धार्मिक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देना | 

(iv) कट्टरपंथी विचारधारा | 

प्रश्न 3: महिला सशक्तिकरण एवं लैंगिक समानता देश के विकास के लिए आवश्यक है | इस दिशा में भारत सरकार द्वारा उठाए गए किन्ही चार कदमों का उल्लेख कीजिए | 

उत्तर: 

(i) राष्ट्रिय महिला आयोग की स्थापना |

(ii) राजनीति में महिलाओं को 33% सीटों पर आरक्षण देना |

(iii) 2006 में घरेलु हिंसा निवारक अधिनियम लाना|

(iv) 1961 का दहेज़ निषेध अधिनियम | 

(v) कन्याभ्रूण हत्या को क़ानूनी अपराध घोषित करना | 

प्रश्न 4: साम्प्रदायिकता का समाज पर पड़ने वाले तीन प्रमुख दुष्प्रभावों का उल्लेख कीजिए | 

उत्तर: 

(i) विभिन्न धार्मिक गुटों में लड़ाई झगडा का होना |

(ii) यह लोकतंत्र और राजनीति को प्रभावित करता है जिसमें अधिकांश मतदाता साम्प्रदायिकता के आधार पर चुनाव करते है |

(iii) कई साम्प्रदायिकता ताकतें अपनी भड़काऊ भाषण से समाज में लड़ाई -दंगे फैलवाते है | 

(iv) साम्प्रदायिकता से समाज में विभाजन होता है | 

प्रश्न 5: जातिवाद को सामाजिक संगठन का एक प्रमुख आधार माना गया है और यह भारतीय राजनीति को बहुत हद तक प्रभावित करता है | चार बिन्दुओं में इस तथ्य को स्पष्ट कीजिए | 

उत्तर: 

(i) चुनाव में प्रत्याशियों का चयन जाति के आधार पर होता है |

(ii) मतदाता भी अपना वोट अपने जाति के उम्मीदवार को देता है | 

(iii) राजनीति पार्टियाँ अपना एजेंडा जाति समीकरणों के आधार पर बनाती हैं |

(iv) सरकार भी कई बार जातिय आधार पर लोगों को सुविधाएँ देती है या विशेष पैकेज की घोषणा करती है | 

प्रश्न 6: भारत में महिलाओं की निम्न और दयनीय स्थित के लिए उत्तरदायी किन्ही तीन कारणों को स्पष्ट कीजिए |

उत्तर: 

(i) शिक्षा में महिलाओं का निम्न स्तर |

(ii) महिलाओं में लैंगिक असमानता का होना |

(iii) राजनीति में महिलाओं की उपेक्षा | 

(iv) महिलाओं के साथ सामाजिक भेदभाव 

प्रश्न : साम्प्रदायिक राजनीति के विभिन्न रूपों का वर्णन करें।

उत्तर : सांप्रदायिक राजनीति के विभिन्न रूप निम्नलिखित है |

(i) साम्प्रदायिकता के आधार पर राजनीति करने वाले लोग या राजनेता | 

(ii) सम्प्रदाय के आधार पर राजनितिक दलों का अलग-अलग खेमों में बंट जाना |

(iii) राजनितिक लाभ के लिए सांप्रदायिक हिंसा या टकराव उत्पन्न होना | 

(iv) सांप्रदायिक दिशा में राजनीति की गतिशीलता  | 

(iv) धार्मिक आधार पर मतों का ध्रुवीकरण | 

प्रश्न 7: भारतीय राजनीति में महिलाओं की उपस्थिति आशानुरूप नहीं है | कारण स्पष्ट कीजिए | 

अथवा 

भारत में महिलाओं का राजनीति में प्रतिनिधित्व बहुत कम है | कारण स्पष्ट कीजिए | 

उत्तर : 

(i) अधिकांश महिलाओं को घर तक ही सिमित रखा जाता है | 

(ii) महिलाओं में शिक्षा का आभाव | 

(iii) राजनितिक दल द्वारा उनके संख्या के अनुपात में टिकट नहीं देते हैं | 

(iv) महिलाओं में राजनीति के प्रति जागरूकता का आभाव का होना | 

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