NCERT Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 14 गिरगिट
NCERT Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 14 are provided here. We have covered all the intext questions of your textbook given in the lesson. We have also provided some additional questions which are important with respect to your exam. Read all of them to get good marks.
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए
प्रश्न 1.
काठगोदाम के पास भीड़ क्यों इकट्ठी हो गई थी?
उत्तर
काठगोदाम के पास एक कुत्ते ने एक सुनार की उँगली काट खाई थी। वह चीखता भागता चला आ रहा था। उसने कुत्ते की पिछली टाँग पकड़ ली थी। और वह उसे मार रहा था। कुत्ता मार खाकर और भीड़ के डर से चिल्ला रहा था। ख्यूक्रिन और कुत्ते की आवाजें सुनकर लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई थी।
प्रश्न 2.
उँगली ठीक न होने की स्थिति में ख्यूक्रिन का नुकसान क्यों होता?
उत्तर
उँगली ठीक न होने पर ख्यूक्रिन हफ्ते भर तक काम न कर पाता। वह लकड़ी लेकर काम निपटाना चाहता था, जो काफ़ी पेचीदा था, यह काम पूरा न हो पाता।
प्रश्न 3.
कुत्ता क्यों किकिया रहा था?
उत्तर
ख्यूक्रिन ने कुत्ता द्वारा काटे जाने पर उसे मारा-पीटा था। उसने कुत्ते के पीछे दौड़ते हुए उसकी पिछली एक टाँग पकड़ ली थी। उसे तीन टाँगों के बल ही रेंगना पड़ रहा था। इसलिए वह डर के मारे किकियाने लगा था।
प्रश्न 4.
बाज़ार के चौराहे पर खामोशी क्यों थी?
उत्तर
बाजार ये ओचुमेलॉव सिपाही के साथ घूम रहा था। वह रिश्वतखोर, चापलूस तथा पक्षपाती था। वह लोगों की वस्तुएँ जब्त कर लेता या इसलिए चौराहे पर शांति थी।
प्रश्न 5.
जनरल साहब के बावर्ची ने कुत्ते के बारे में क्या बताया?
उत्तर
जनरल साहब के बावर्ची ने कहा-यह हमारा नहीं है। यह तो जनरल झिगालॉव के भाई साहब का है, जो थोड़ी देर पहले यहाँ पधारे हैं, अपने जनरल साहब को ‘बारजोयस’ नसल के कुत्तों में कोई दिलचस्पी नहीं है पर उनके भाई को यही नसल पसंद है।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए
प्रश्न 1.
ख्यूक्रिन ने मुआवज़ा पाने की क्या दलील दी?
उत्तर
ख्यूक्रिन ने मुआवजा पाने के लिए दलील दी कि वह एक कामकाजी आदमी है और उसका काम पेचीदा किस्म का है। उसे मित्रिच से लकड़ी लेकर कुछ काम निपटाना था। कुत्ते ने अकारण उसकी उँगली को काट खाया, जिसके कारण अब एक हफ्ते तक उसकी उँगली काम करने लायक नहीं रही। इससे उसे काफ़ी नुकसान होगा। इसी आधार पर उसने कुत्ते के मालिक से मुआवजा दिलाने की प्रार्थना की।
प्रश्न 2.
ख्यूक्रिन ने ओचुमेलॉव को उँगती ऊपर उठाने का क्या कारण बताया?
उत्तर
ओचुमेलॉव एक इंसपेक्टर है जिसे एक सिपाही के साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। वह अपने लाभ के लिए निर्दोष को दोषी और दोषी को निर्दोष बताने से कभी नहीं चूकता है। उसकी चरित्र की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- वह भ्रष्ट और रिश्वतखोर पुलिसवाला है।
- वह अवसरवादी है और मौके का लाभ उठाने से नहीं चूकता है।
- वह चापलूस और चाटुकार है, जो जनरल को खुश करने की फिराक में रहता है।
- वह निर्दयी एवं कठोर है और जनता को डराकर रखता है।
- वह अपने स्वार्थ के लिए किसी स्तर तक गिरने को तैयार रहता है।
प्रश्न 3.
येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को दोषी ठहराते हुए क्या कहा?
उत्तर
जब येल्दीरीन को पता चला कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है तो उसने ख्यूक्रिन को दोषी ठहराते हुए कहा कि वह जानता है कि ख्यूक्रिन हमेशा कोई न कोई शरारत करता रहता है। इसने जरूर अपनी जलती हुई सिगरेट से कुत्ते की नाक जला दी होगी जिससे कुत्ते ने इसे काटा है। यदि कुत्ते ने इसे काटा है तो इसमें सारा दोष ख्यूक्रिन का ही है। कुत्ते का कोई दोष नहीं है।
प्रश्न 4.
ओचुमेलॉव ने जनरल साहब के पास यह संदेश क्यों भिजवाया होगा कि ‘उनसे कहना कि यह मुझे मिला और मैंने इसे वापस उनके पास भेजा है?
उत्तर
ओचुमेलॉव चाटुकार, अवसरवादी एवं पक्षपाती इंसपेक्टर था। वह भाई-भतीजावाद का पोषक था। वह जनरल की निगाह में अच्छा बनने के लिए उनका हितैषी बनकर उनका कृपापात्र बनना चाहता था। उसने पदोन्नति पाने के लिए ऐसा किया होगा।
प्रश्न 5.
भीड़ ख्यूक्रिन पर क्यों हँसने लगती है?
उत्तर
ख्यूक्रिन कुत्ते द्वारा काटे जाने पर मुआवजे की आशा करता है। इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव को जब पता चलता है कि कुत्ता जनरल
साहब के भाई का है तो वह ख्यूक्रिन को ही दोष देता है और कुत्ते को पुचकारता है। उस समय ख्यूक्रिन के स्थान पर उसे एक जानवर अधिक प्यारा और अच्छा लगता है। ख्यूक्रिन की स्थिति उस कुत्ते से भी बदतर हो जाती है। ख्यूक्रिन की विवशता देखकर तथा इंस्पेक्टर के बदलते रूप और पक्षपाती कानून व्यवस्था पर भीड़ हँसने लगती है।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए
प्रश्न 1.
किसी कील-वील से उँगली छील ली होगी-ऐसा ओचुमेलॉव ने क्यों कहा?
उत्तर
ओचुमेलॉव एक चापलूस व अवसरवादी इंस्पेक्टर था। वह अवसर देखकर ही बातें करने वाला है और उसे प्रत्येक अवसर का लाभ उठाना भी आता है। जब उसे पता चलता है कि कुत्ता जनरल झिगालॉव के भाई साहब का है तो वह अपने आपको पूरी तरह बदल देता है। ख्यूक्रिन द्वारा शिकायत करने पर पहले तो वह कुत्ते के मालिक को दंड देने की बात तक करता है। लेकिन यह पता चलते ही कि यह कुत्ता जनरल साहब का है वह अपनी ही बात बदल देता है। वह उल्टा-ख्यूक्रिन पर ही दोष लगाता है कि उसने जानबूझकर कील से उँगुली छीली है और वह कुत्ते पर झूठा आरोप लगा रहा है। ओचुमेलॉव चापलूस किस्म का व्यक्ति है इसी कारण वह ख्यूक्रिन का कोई दोष न होते हुए भी उसी पर दोष लगाता है। वह जनरल झिगालॉव के कुत्ते को अच्छा बताकर उनकी चापलूसी करता है।
प्रश्न 2.
ओचुमेलॉव के चरित्र की विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर
ओचुमेलॉव एक भ्रष्ट पुलिस इंस्पेक्टर का प्रतिनिधित्व करने वाला पात्र है। वह गिरगिट की तरह रंग बदलता है उसकी नज़र दो बातों पर रहती है
(क) अपने शिकार पर।
(ख) अपने बड़े अधिकारियों को खुश करने पर। इसके लिए वह परिस्थिति के अनुसार रंग बदल लेता है। वह रिश्वतखोर
व्यक्ति है। यही कारण है कि जब वह अपने सिपाही के साथ बाजार में निकलता है तो चारों ओर खामोशी छा जाती है। वह लोगों से जबरदस्ती लूट-खसोट करने वाला व्यक्ति है। उसके चरित्र की विशेषताएँ इस प्रकार हैं
- वह एक भ्रष्ट और चालाक पुलिस वाला है। –
- वह अवसरवादी है और मौका देखकर गिरगिट की तरह रंग बदलता है।
- पद और आर्थिक हैसियत के आधार पर वह लोगों से व्यवहार करता है।
- वह बेहद चापलूस और चाटुकार है।
- वह निर्दयी और कठोर है। जनता में वह अपना आतंक फैलाकर रखता है। जब वह बाज़ार से गुजरता है तो लोग अंदर हो जाते हैं।
- वह उच्च वर्ग के लोगों के प्रति विशेष अनुग्रह रखता है। उनके प्रति सदा वफादारी और हमदर्दी दिखाता है।
- वह अपने लाभ के लिए किसी के साथ भी अन्याय कर सकता है।
प्रश्न 3.
यह जानने के बाद कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है-ओचुमेलॉव के विचारों में क्या परिवर्तन आया और क्यों?
उत्तर
ओचुमेलॉव के विचार और व्यवहार में ज़मीन-आसमान का अंतर आ गया। पहले वह कुत्ते को आवारा, कुत्ते के मालिक को दोषी तथा ख्यूक्रिन को बेचारा कह रहा था। अब वह कुत्ते को पुचकारने लगता है। वह उसे अत्यंत सुंदर डॉगी और अत्यंत खूबसूरत पिल्ला कहता है। ओचुमेलॉव उसे नन्हा-सा शैतान कहकर जनरल साहब के बावर्ची को सौंप देता है। उसके बाद वह उस व्यक्ति को धमकाता है जो कुत्ते के मालिक से हर्जाना चाहता है। वह उसे मारने-पीटने की धमकी देकर वहाँ से भगा देता है। ओचुमेलॉव में यह परिवर्तन इसलिए आया। क्योंकि
- वह जानता था कि जनरल साहब व उनके भाई उच्च पद पर हैं।
- वह उन्हें नाराज़ कर अपना नुकसान नहीं करना चाहता था। – वह जानता था कि उनसे कभी-न-कभी उसका कोई काम बन सकता है या उसे लाभ पहुँच सकता है। इसलिए वह हाथ
में आए इस अवसर को खोना नहीं चाहता था।
प्रश्न 4.
ख्यूक्रिन का यह कथन कि ‘मेरा एक भाई भी पुलिस में है……। समाज की किस वास्तविकता की और संकेत करता है?
उत्तर
ख्यूक्रिन के इस कथन से समाज में फैली भाई-भतीजावाद की प्रवृत्ति का पता चलता है। ख्यूक्रिन अपने साथ न्याय न होता देखकर अपने भाई को पुलिस वाला बताने लगा। इस तरह वह ओचुमेलॉव व वहाँ उपस्थित लोगों पर रौब डालना चाहता है। इससे पता चलता है कि समाज में अराजकता, भ्रष्टाचार का साम्राज्य है। संपूर्ण शासन व्यवस्था पक्षपात और स्वार्थ का पर्याय बन गई है। समाज में कानून नहीं अपितु दबाव काम करता है। पुलिस का भय समाज को त्रस्त रखता है। इस कहानी से स्पष्ट हो जाता है कि पुलिस निरपराधियों को सताती है व दोषियों की मदद करती है।
प्रश्न 5.
इस कहानी का शीर्षक ‘गिरगिट क्यों रखा होगा? क्या आप इस कहानी के लिए कोई अन्य शीर्षक सुझा सकते हैं? अपने शीर्षक का आधार भी स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
‘गिरगिट’ एक ऐसा जीव होता है जो शत्रु से स्वयं को बचाने के लिए अपने आस-पास के वातावरण के अनुसार अपना रंग
बदल लेता है। प्रस्तुत कहानी का मुख्य पात्र ओचुमेलॉव भी ऐसा ही व्यक्ति है। वह अपने स्वार्थ के लिए परिस्थितियों के अनुसार अपनी बात, व्यवहार और दृष्टिकोण को बार-बार बदल लेता है। वह वास्तव में अवसरवादी है और गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला है। कभी वह आम आदमी के साथ हो जाता है तो कभी भाई-भतीजावादी और चापलूस बनकर कानून के साथ खिलवाड़ करता है। उसके व्यक्तित्व में स्थिरता नहीं है। जब तक ओचुमेलॉव को यह पता नहीं चलता कि काटने वाला कुत्ता जनरल साहब का या उनके भाई का है तब तक वह कुत्ते व उसके मालिक को कानूनी तौर पर सबक सिखाने को। निर्णय करता है। लेकिन जैसे ही उसे यह पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब का है। वैसे ही उसे कुत्ता खूबसूरत व बेकसूर नज़र आने लगता है। कहानी के लिए ‘गिरगिट’ शीर्षक उपयुक्त है। इसके अन्य शीर्षक हैं-चापलूस इंस्पेक्टर, अवसरवादी। ओचुमेलॉव के व्यक्तित्व की अस्थिरता व व्यवहार में आने वाले परिवर्तनों को प्रकट करने के लिए ये शीर्षक उचित हैं।
प्रश्न 6.
‘गिरगिट’ कहानी के माध्यम से समाज की किन विसंगतियों पर व्यंग्य किया गया है? क्या आप ऐसी विसंगतियाँ अपने समाज में भी देखते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
गिरगिट कहानी के माध्यम से समाज में व्याप्त भाई-भतीजावाद, न्याय की कमी, चापलूसी, अवसरवादिता जैसी विसंगतियों पर व्यंग्य किया गया है। लेखक ने बताया है कि आम आदमी का खास महत्त्व नहीं था। अवसर एवं परिस्थिति के अनुसार पुलिस अपना पाला बदल लेती है। जनसाधारण न्याय की अपेक्षा तो करता है परंतु स्वार्थ और उच्चाधिकारियों के दबाव के कारण वह न्याय से वंचित रह जाता है। हालात ऐसे हैं कि पीड़ित और निर्दोष को दोषी बताकर धमकाते हुए भगा देने जैसी घटनाओं पर व्यंग्य किया गया है। हाँ, हम भी ऐसी विसंगतियाँ अपने समाज में देखते हैं। ईमानदार तथा स्वच्छ छवि वाले लोग त्रस्त हैं और त्रस्त किए जा रहे हैं, जबकि बेईमान एवं भ्रष्ट नेता एवं अधिकारी दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति करते जा रहे हैं।
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए
प्रश्न 1.
उसकी आँसुओं से सनी आँखों में संकट और आतंक की गहरी छाप थी।
उत्तर
इस पंक्ति से लेखक को आशय यह है कि ख्यूक्रिन द्वारा मार खाए जाने पर कुत्ता घबरा गया था। उसे आभास हो चुका था कि उस पर गहरा संकट आने वाला है। कुत्ते के किकियाने की आवाज़ ज़ोर-ज़ोर से सुनाई देने लगी। उसकी आँसुओं से भरी आँखों में ख्यूक्रिन दुवारा मारे जाने के कारण संकट और भय के भाव थे। वह ऊपर से नीचे तक काँप रहा था। और ये भाव उसकी आँखों में साफ दिखाई दे रहे थे।
प्रश्न 2.
कानून सम्मत तो यही है… कि सब लोग अब बराबर हैं।
उत्तर
आशय यह है ख्यूक्रिन इंसपेक्टर को यह बताना चाहता था कि कानून की दृष्टि में सभी बराबर हैं, कोई छोटा या बड़ा नहीं। अपराध चाहे छोटा करे या बड़ा, दंड अवश्य ही मिलना चाहिए। ख्यूक्रिन कहता है कि उसके दोषी होने पर उस पर भी मुकदमा चलाया जाए, सभी के साथ समान व्यवहार हो और सभी को न्याय मिलना ही चाहिए, यह कानून सम्मत है।
प्रश्न 3.
हुजूर! यह तो जनशांति भंग हो जाने जैसा कुछ दीख रहा है।
उत्तर
यह कथन सिपाही येल्दीरीन का है। वह इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव को भड़काना चाहता है। जब एक कुत्ते द्वारा काटे जाने पर
ख्यूक्रिन चिल्लाता है तो वहाँ भीड़ इकट्ठी हो जाती है। ख्यूक्रिन बुरी तरह मार रहा था और वह कुत्ता प्राणरक्षा के लिए चिल्ला रहा था। तभी येल्दीरीन ने ओयुमेलॉव से कहा कि इस भीड़ को देखकर ऐसा लगता है मानो जनविद्रोह होने वाला हो। शायद लोगों ने शांति का मार्ग छोड़कर विद्रोह का मार्ग अपना लिया है।
भाषा अध्ययन
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए वाक्यों में उचित विराम-चिह्न लगाइए
(क) माँ ने पूछा बच्चों कहाँ जा रहे हो ।
उत्तर
माँ ने पूछा, “बच्चो! कहाँ जा रहे हो?”
(ख) घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था।
उत्तर
घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था।
(ग) हाय राम यह क्या हो गया
उत्तर
हाय राम! यह क्या हो गया?.
(घ) रीना सुहेल कविता और शेखर खेल रहे थे
उत्तर
रीना, सुहेल, कविता और शेखर खेल रहे थे।
(ङ) सिपाही ने कहा ठहर तुझे अभी मज़ा चखाता हूँ
उत्तर
सिपाही ने कहा, “ठहर! तुझे अभी मज़ा चखाता हूँ।”
प्रश्न 2.
नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित अंश पर ध्यान दीजिए
- मेरा एक भाई भी पुलिस में है।
- यह तो अति सुंदर ‘डॉगी है।
- कल ही मैंने बिलकुल इसी की तरह का एक कुत्ता उनके आँगन में देखा था।
वाक्य के रेखांकित अंश ‘निपात’ कहलाते हैं जो वाक्य के मुख्य अर्थ पर बल देते हैं। वाक्य में इनसे पता चलता है कि किस बात पर बल दिया जा रही है और वाक्य क्या अर्थ दे रहा है। वाक्य में जो अव्यय किसी शब्द या पद के बाद लगकर उसके अर्थ में विशेष प्रकार का बल या भाव उत्पन्न करने में सहायता करते हैं उन्हें निपात कहते हैं; जैसे-ही, भी, तो, तक आदि । ही, भी, तो, तक आदि निपातों का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए।
उत्तर
ही-कल तुमने ही उसे दिया था।
भी-आप कल भी अंग्रेजी अखबार दे जाना।
तो-तुमने तो अपना गृहकार्य नहीं किया।
तक-उसने मुझे बुलाया तक नहीं।
प्रश्न 3.
पाठ में आए मुहावरों में से पाँच मुहावरे छाँटकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर
- त्योरियाँ चढ़ाना-केशव के बिना पूछे फ़िल्म जाने पर माँ ने त्योरियाँ चढ़ा लीं।
- मत्थे मढ़ना-मोहन ने अपना दोष राम के मत्थे मढ़ दिया।
- छुट्टी करना-यदि साहब आ गए तो हम सब की छुट्टी कर देंगे।
- गाँठ बाँध लेना-मेरी बात गाँठ बाँध लो बेईमानी की कमाई ज्यादा समय नहीं चलती।
- मजा चखाना-मैं तुम्हें तुम्हारी ढिठाई का मज़ा चखाकर रहूँगा।
प्रश्न 4. नीचे दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए-
1. ………. + भाव = ……………
2. ……….. + पसंद = ………..
3. ………. + धारण = ………….
4. …………. + उपस्थित = ………..
5. ……….. + लायक = ………….
6. ……….. + विश्वास = …………
7. ……….. + परवाह = ………
8. ……….. + कारण = …………
उत्तर- 1. प्र + भावे = प्रभाव
2. ना + पसंद = नापसंद
3. निर् + धारण = निर्धारण
4. अन + उपस्थित = अनुपस्थित
5. ना + लायक = नालायके
6. अ + विश्वास = अविश्वास
7. ला + परवाह = लापरवाह
8. अ + कारण = अकारण
प्रश्न 5. नीचे दिए गए शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए-
1. मदद + ……….. = ………
2. बुद्धि + ………. = ………
3. गंभीर + …….. = ……….
4. सभ्य + ……… = ………..
5. ठंड + ……… = ………
6. प्रदर्शन + …….. = ………..
उत्तर-
1. मदद + गरि = मददगार
2. बुधि + मान = बुद्धिमान
3. गंभीर + ता = गंभीरता
4. सभ्य + ता = सभ्यता
5. ठंड + आई = ठंडाई
6. प्रदर्शन + ई = प्रदर्शनी
प्रश्न 6. नीचे दिए गए वाक्यों के रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए-
1. दुकानों में ऊँधते हुए चेहरे बाहर झाँके।
2 लाल बालोंवाला एक सिपाही चला आ रहा था।
3. यह ख्यूक्रिन हमेशा कोई न कोई शरारत करता रहता है।
4. एक कुत्ता तीन टाँगों के बल रेंगता चला आ रहा है।
उत्तर-
1. संज्ञा पदबंध
2. विशेषण पदबंध
3. क्रिया पदबंध
4. क्रियाविशेषण पदबंध
प्रश्न 7. आपके मोहल्ले में लावारिस/आवारा कुत्तों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई है जिससे आने-जाने वाले लोगों को असुविधा होती है। अतः लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नगर निगम अधिकारी को एक पत्र लिखिए।
उत्तर- सेवा में
निरीक्षक महोदय
दिल्ली नगर निगम
17, शाहदरा
दिल्ली।
विषय- आवारा कुत्तों की अधिकता से उत्पन्न समस्याओं के संबंध में।
मान्यवर,
निवेदन यह है कि इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान अपने सीमापुरी मोहल्ले में बढ़ती लावारिस और आवारा कुत्तों की संख्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ।
यहाँ आवारा कुत्तों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। ये कुत्ते यहाँ के निवासियों पर ही आते-जाते समय भौंकते हैं और उनको काट खाने के लिए दौड़ पड़ते हैं। वे दुपहिया वाहनों पर खास तौर पर झपटते हैं और उनका दूर तक पीछा करते हैं, जिसके कारण कई दुर्घटनाएँ भी हो चुकी हैं। सुबह स्कूल जाने वाले कई बच्चे और सैर पर जाने वाले अनेक वृद्ध इनका शिकार बन चुके हैं। इस कारण लोगों को भय के साये में जीना पड़ रहा है।
आपसे अनुरोध है कि इन आवारा कुत्तों को पकड़कर हमें भयमुक्त करें ताकि हम सब चैन की साँस ले सकें। हम मोहल्ले वाले आपके आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद
भवदीय
करन कुमार
ए-27/5,
सीमापुरी, दिल्ली।
27 अगस्त, 20XX
योग्यता विस्तार
प्रश्न 1. जिस प्रकार गिरगिट शत्रु से स्वयं को बचाने के लिए अपने आस-पास के परिवेश के अनुसार रंग बदल लेता है उसी प्रकार कई व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए परिस्थितियों के अनुसार अपनी बात, व्यवहार, दृष्टिकोण, विचार को बदल लेते हैं। यही कारण है कि ऐसे व्यक्तियों को गिरगिट’ कहा जाता है।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2. अवसर के अनुसार व्यावहारिकता का सहारा लेना आप कहाँ तक उचित समझते हैं? इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 3. यहाँ आपने रूसी लेखक चेखव की कहानी पढ़ी है। अवसर मिले तो लियो टाल्स्टॉय की कहानियाँ भी पढ़िए।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
परियोजना कार्य
प्रश्न 1. ‘गिरगिट’ कहानी में आवारा पशुओं से जुड़े किस नियम की चर्चा हुई है? क्या आप इस नियम को उचित मानते हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2. गिरगिट कहानी का कक्षा में या विद्यालय में मंचन कीजिए। मंचन के लिए आपको किस प्रकार की तैयारी और सामग्री की जरूरत होगी उनकी एक सूची भी बनाइए।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. ख्यूक्रिन कुत्ते को क्यों पकड़ना चाहता था?
उत्तर- ख्यूक्रिन एक सुनार था। उसकी उँगली को एक कुत्ते ने काट खाया था। वह कुत्ते को पकड़ने के लिए उसके पीछे भाग रहा था ताकि कुत्ते के मालिक से मुआवजा प्राप्त कर सके।
प्रश्न 2. सिपाही ने इंसपेक्टर से क्या आशंका प्रकट की?
उत्तर- काठगोदाम पर एकत्र भीड़ देख सिपाही येल्दीरीन ने अपने साथ चल रहे इंसपेक्टर ओचुमेलॉव से जनशांति भंग होने की आशंका प्रकट की। उसे भीड़ में से एक चीख-‘मत जाने दो’ की आवाज़ सुनाई दे रही थी।
प्रश्न 3. कुत्ते के मालिक से मुआवजा पाने के लिए ख्यूक्रिन क्या कर रहा था?
उत्तर- ख्यूक्रिन की उँगली एक कुत्ते ने काट खाई थी। घाव एवं पीड़ा की गंभीरता व्यक्त करने के लिए वह अपनी लहूलुहान उँगली लोगों को दिखा रहा था ताकि कुत्ते के मालिक से मुआवजा और लोगों की सहानुभूति प्राप्त कर सके।
प्रश्न 4. कुत्ता डरा हुआ-सा क्यों दिखाई दे रहा था?
उत्तर- कुत्ते ने ख्यूक्रिन की उँगली काट खाई थी। ख्यूक्रिन ने उसे मारा था। किसी तरह कुत्ता जब ख्यूक्रिन से छूटकर भाग रहा था तो ख्यूक्रिन ने उसे दुबारा पकड़ लिया था। भीड़ के कारण कुत्ता आने वाले संकट से घबराया हुआ था, इसलिए उसकी आँखों में आतंक की छाप थी।
प्रश्न 5. ओचुमेलॉव कौन था? वह सवाल क्यों पूछ रहा था?
उत्तर- ओचुमेलॉव पुलिस इंसपेक्टर था। क्षेत्र में शांति व्यवस्था एवं कानून का विधान बनाए रखना उसका कर्तव्य था। काठगोदाम के पास जमा भीड़, कुत्ते का किकियाना, ख्यूक्रिन की चीख सुनकर उसने ये सवाल एक जिम्मेदार अफसर होने के हक से पूछे थे।
प्रश्न 6. ख्यूक्रिन की लहूलुहान उँगली देखकर ओचुमेलॉव को कितनी खुशी हुई ?
उत्तर- ख्यूक्रिन की लहूलुहान उँगली देखकर और ख्यूक्रिन की काम करने में असमर्थता की बातें सुनकर भी ओचुमेलॉव का हृदय नहीं पसीजा। वह बस यही जानने का प्रयास करता रहा कि आखिर यह कुत्ता है किसका? उसे ख्यूक्रिन के प्रति सहानुभूति नहीं हुई।
प्रश्न 7. ओचुमेलॉव कुत्ते के मालिक पर जुर्माना क्यों ठोकना चाहता था?
उत्तर- ओचुमेलॉव कुत्ते के मालिक पर जुर्माना ठोककर दो उद्देश्य पूरा करना चाहता था। पहला–ऐसा कहकर वह ईमानदार होने का नाटक कर रहा था और दूसरा-अपनी खराब नीयत के कारण वह कुत्ते के मालिक से कुछ वसूलना भी चाहता था।
प्रश्न 8. ओचुमेलॉव को ख्यूक्रिन की बात का विश्वास क्यों नहीं हो रहा था?
उत्तर- इंसपेक्टर ओचुमेलॉव शक प्रकट करते हुए ख्यूक्रिन से यह कह रहा था कि एक नन्हा-सा पिल्ला उस जैसे लंबे-तगड़े आदमी तक कैसे पहुँच सकता है। जरूर इसकी उँगली पर कील-वील लग गई होगी और वह जुर्माना पाने के लिए ऐसा कर रहा है।
प्रश्न 9. कुत्ते की सही पहचान किसने की और कैसे?
उत्तर- कुत्ते को पहचानने का काम जनरल साहब के रसोइए ने किया। उसने कुत्ते को देखकर कहा कि यह कुत्ता जनरल साहब के भाई का है। उन्हें इस प्रकार (बारजोयस नस्ल) के कुत्ते बहुत पसंद हैं।
प्रश्न 10. ‘गिरगिट’ कहानी में ख्यूक्रिन को कितना न्याय मिला?
उत्तर- मुआवजा पाने की आस बनाएं ख्यूक्रिन को अंत में निराशा हाथ लगती है। इंसपेक्टर उसकी गलती बताकर उसे ही डाँटता डपटता है। वह भीड़ के सामने उपहास का पात्र ज़रूर बनकर रह जाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. ओचुमेलॉव एक जिम्मेदार इंसपेक्टर था, पर उसने न्यायोचित बात क्यों नहीं की?
उत्तर- ओचुमेलॉव एक हृदयहीन, अवसरवादी, चाटुकार तथा स्वार्थी पुलिस इंसपेक्टर था, जिसे किसी की स्थिति परिस्थिति से कुछ लेना-देना नहीं था। वह छीन-झपट के या धमकाकर पैसे वसूलना जानता था। उसे ख्यूक्रिन जैसे व्यक्ति का पक्ष लेने पर कुछ मिलने वाला नहीं था, इसलिए उसने न्यायोचित बात नहीं की।
प्रश्न 2. बाज़ार के चौराहे के दृश्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर- बाज़ार के चौराहे पर प्रतिदिन की भाँति दुकानें खुली थीं। वहाँ पर इंसपेक्टर ओचुमेलॉव अपने सिपाही के साथ गस्त लगा रहा था। वह इतना रिश्वतखोर और लालची था कि दुकानदार क्या ग्राहक भी उसके सामने आने से कतराते थे। जो भी सामने होता था, उनसे वह लूट-खसूट जरूर करता था। सामान जब्त करवा लेता था। ग्राहकों की कमी के कारण दुकानदार खाली बैठे थे। इसके अलावा पुलिस वाले लोगों को परेशान करते थे। पुलिस इंसपेक्टर के लूट और सामान जब्ती के भय से चारों ओर खामोशी छाई थी।
प्रश्न 3. इंसपेक्टर कुत्ते के मालिक का पता लगाने के लिए परेशान क्यों था?
उत्तर- ख्यूक्रिन द्वारा हरज़ाना दिलाए जाने की बात सुन इंसपेक्टर कह रहा था कि जिसने भी इस तरह के कुत्तों को छोड़ रखा है, मैं उस बदमाश को इतना जुर्माना ठोकेंगा कि यूँ कुत्तों को खुला छोड़ने का इल्म हो जाए। वह अपने सिपाही येल्दीरीन से कहता है कि पता लगाओ यह पिल्ला किसका है। इसके पीछे उसकी कर्तव्यपराणयता की भावना नहीं, बल्कि बदनीयती थी। वह कुत्ते के मालिक का पता लगाकर उस पर जुर्माना लगाने के बहाने उससे कुछ पैसे ऐंठना चाहता था।
प्रश्न 4. ओचुमेलॉव गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर था। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- बावर्ची प्रोखोर द्वारा कुत्ते को पहचानने से पूर्व इंसपेक्टर ओचुमेलॉव कह रहा था कि अब अधिक जाँचने की ज़रूरत नहीं है। यह आवारा कुत्ता है। आवारा है, तो है। इसे मार डालो और सारा किस्सा खत्म करो, परंतु जैसे ही प्रोखोर ने बताया कि कुत्ता जनरल के भाई साहब का है, तो उसने कहा तो यह उनका कुत्ता है। बड़ी खुशी हुई… इसे ले जाइए… यह तो एक अति सुंदर डॉगी है। बहुत खूबसूरत पिल्ला है। अब ख्यूक्रिन को धमकाना शुरू कर दिया। इस तरह वह अवसरवादी था जो मौका देखकर प्रतिक्रया देता था।
प्रश्न 5. ‘गिरगिट’ कहानी अपने उद्देश्य में कितनी सफल रही है?
उत्तर- ‘गिरगिट’ कहानी का उद्देश्य है-शासन व्यवस्था की कमियाँ, आम आदमी की स्थिति तथा ओचुमेलॉव जैसे भ्रष्ट अधिकारियों, येल्दीरीन जैसे चापलुस कर्मचारियों का असली चेहरा समाज के सामने लाना। कहानी में संकेत किया गया है कि अच्छी शासन व्यवस्था वह होती है, जो समानता के सिद्धांत पर चलती है, अमीर-गरीब, ऊँच-नीच को एक समान दृष्टि से देखती है तथा न्याय का साथ देती है पर कहानी में वर्णित शासन व्यवस्था में तो सब कुछ उल्टा है। इंसपेक्टर ओचुमेलॉव जिस पर शांति व्यवस्था एवं कानून बनाए रखने की जिम्मेदारी है, वह खुद स्वार्थपरता, अवसरवादिता तथा पक्षपात करने की सारी सीमाएँ पार कर जाते हैं तथा उनके अधीनस्थ कर्मचारी गण भी उनका साथ देते हैं। इस तरह यह कहानी अपने उद्देश्य में पूर्णतया सफल रही है।