NCERT Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 12 तताँरा-वामीरो कथा
NCERT Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 12 are provided here. We have covered all the intext questions of your textbook given in the lesson. We have also provided some additional questions which are important with respect to your exam. Read all of them to get good marks.
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
मौखिक
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए
प्रश्न 1.
तताँरा-वामीरो कहाँ की कथा है?
उत्तर
तताँरा–वामीरो एक लोककथा है। यह देश के उन द्वीपों की कथा है जो आज लिटिल अंदमान और कार निकोबार नाम से जाने जाते हैं। कहते हैं कि कभी ये दोनों द्वीप एक थे।
प्रश्न 2.
वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई?
उत्तर
वामीरो एकाग्रता से गा रही थी कि अचानक समुद्र की एक लहर ने उसे भीगो दिया। इसी हड़बड़ाहट में वह उठी और गाना भूल गई।
प्रश्न 3.
तताँरा ने वामीरो से क्या याचना की?
उत्तर
तताँरा ने वामीरो से याचना की कि वह अपना मधुर गाना पूरा करे। बाद में उसने उसका नाम जानने और अगले दिन भी | वहाँ आने की याचना की।
प्रश्न 4.
तताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी?
उत्तर
तताँरा और वामीरो के गाँव की रीति यह थी कि गाँव के लड़के-लड़कियाँ गाँववालों के साथ ही वैवाहिक संबंध बनाएँगे, गाँव से बाहर नहीं।
प्रश्न 5.
क्रोध में तताँरा ने क्या किया?
उत्तर
तताँरा ने अपनी पूरी ताकत से तलवार को धरती में घोंप दिया। वह पूरी ताकत से उस तलवार को अपनी ओर खींचन लगा। द्वीप के अंतिम छोर तक तलवार को खींचने से द्वीप दो टुकड़ों में विभक्त हो गया।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए|
प्रश्न 1.
तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?
उत्तर
तताँरा द्वारा अधिक साहसिक कार्य को करने के पीछे लोग इसी तलवार की शक्ति मानते थे। लोगों के अनुसार तताँरा की तलवार एक विलक्षण शक्ति अपने अंदर समेटे हुए है।
प्रश्न 2.
वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया?
उत्तर
वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से यह जवाब दिया, ”पहले बताओ, तुम कौन हो? इस तरह मुझे घूरने और असंगत प्रश्न का कारण? अपने गाँव के अलावा किसी और गाँव के युवक के प्रश्नों का उत्तर देने को मैं बाध्य नहीं हूँ। यह तुम भी जानते हो।”
प्रश्न 3.
तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर
तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु व्यर्थ न गई। निकोबारी इस घटना के बाद दूसरे गाँव में भी आपसी वैवाहिक संबंध स्थापित करने लगे। उनकी मृत्यु शायद इसी सुखद परिणाम के लिए हुई थी।
प्रश्न 4.
निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
उत्तर
निकोबार के लोग तताँरा को उसके परोपकारी स्वभाव के कारण पसंद करते थे। वह दूसरों की मदद के लिए भागा-भागा जाता था। ऐसा वह अपने गाँव वालों के साथ ही नहीं, अपितु अन्य गाँववालों के साथ भी करता था।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न 1.
निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास है?
उत्तर
निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का विश्वास है कि कभी लिटिल अंदमान और कार-निकोबार द्वीप आपस में मिले हुए थे। इनके विभक्त होने के पीछे एक लोककथा है। तताँरा वामीरो के असफल प्रेम की त्रासदी ने इस द्वीप को दो टुकड़ों में विभक्त कर दिया।
प्रश्न 2.
तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया? वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर
तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद एक शाम समुद्र के किनारे गया। उस समय सूरज डूबने को था। समुद्र से ठंडी हवा आ रही थी। पक्षियों की सायंकालीन चहचहाटें धीरे-धीरे कमजोर हो रही थी। डूबते सूरज की अंतिम रंग-बिरंगी किरणें समुद्र की सतह का रंगीन बना रही थी। वातावरण पूरी तरह से शांत और रंगीन होकर मनोहारी हो गया था।
प्रश्न 3.
वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर
उसके मन में हर समय वामीरो की तसवीर घूमती रहती और जुबान पर केवल वामीरो का नाम रहता । वामीरो के बिना उसके लिए रात और दिन काटना कठिन हो गया। उसे एक-एक पल पहाड़ से भी अधिक भारी प्रतीत होने लगा। वह शाम होने से पहले ही लपाती की उस समुद्री चट्टान पर जा बैठता, जहाँ वह वामीरो के आने की प्रतीक्षा किया करता था।
प्रश्न 4.
प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति-प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?
उत्तर
प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए तरह-तरह के अनोखे उपाय अपनाए जाते थे। इसके लिए पशु-पक्षियों की मदद भी ली जाती थी। लोग मुरगा, तीतर पालते थे, उन्हें लड़ाकर मनोरंजन करते थे। इसके अलावा भेड़े (नर भेड़) लड़ाने के अलावा साड़ों या बैलों की दौंड़, उनके साथ युद्ध करने जैसे करतब दिखाकर भी मनोरंजन एवं शक्ति प्रदर्शन किया जाता था।
प्रश्न 5.
रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगे तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
रूढ़ियाँ एक प्रकार का बँधन ही होती हैं। ‘रूढ़ि’ का अर्थ है-ऐसा बंधन, जिससे लोकहित होने के बजाय अहित होता है। जो परंपरा लोगों के विकास, आनंद और इच्छा-पूर्ति में बाधा बने वह रूढ़ि है। ऐसी रूढ़ियों का टूट जाना अच्छा है। इनमें परिवर्तन आना ही उचित रहता है। इसका मुख्य कारण यह है कि समय निरंतर परिवर्तनशील रहता है और ऐसे समय में यह रूढ़ियाँ हमें सदा पीछे रखती हैं। हमें बंधनों में जकड़कर हमारी प्रगति की राह में रोड़े अटकाती हैं। इससे व्यक्ति की स्वतंत्र सत्ता समाप्त हो जाती है। लेखक के अनुसार व्यक्ति की स्वतंत्रता व समाज के लिए इन परंपरागत रूढ़ियों व मान्यताओं का टूट जाना ही श्रेयस्कर है।
(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
प्रश्न 1.
जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।
उत्तर
तताँरा से अपना अकारण अपमान सहा न गया। जब वामीरो की माँ तथा उसके गाँव वासियों ने उस पर लाँछन लगाया तो उसे अपमान से बचने का कोई उपाय न सूझा। उसने अपने क्रोध को शांत करने के लिए अपनी लकड़ी की तलवार में शक्ति भरी, फिर उस दिव्य तलवार को पूरी शक्ति से धरती में घोंप दिया। मानो वह उस धरती को धिक्कार रहा हो जिस पर
उसे अपमान सहना पड़ा। उसने उस तलवार को पूरी शक्ति से खींचना आरंभ किया इससे धरती दो टुकड़ों में विभक्त हो गई।
प्रश्न 2.
बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी।
उत्तर
तताँरा वामीरो को पहली निगाह में देखते ही अपने होश-हवाश खो बैठा। वह उससे प्रेम करने लगा। वामीरो जब घर जाने लगी तो तताँरा ने उससे कल फिर आने का अनुरोध किया। अगले दिन तताँरा सूर्य ढलने से पहले ही चट्टान पर आ गया और बेचैनी से वामीरो के आने की प्रतीक्षा करने लगा। उसको मन आशंकित तो था पर आशा की एक किरण भी थी जों समुद्र तल पर डूबती किरणों की भाँति डूब सकती थी अर्थात् वामीरो के न आने से वह आशा टूट भी सकती थी।
भाषा अध्ययन
प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों के सामने दिए कोष्ठक में (/) का चिह्न लगाकर बताएँ कि वह वाक्य किस प्रकार-का है-
(क) निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक) ।
उत्तर
विधानवाचक
(ख) तुमने एकाएक इतना मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
उत्तर
प्रश्नवाचक
(ग) वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
उत्तर
विधानवाचक
(घ) क्या तुम्हें गाँव का नियम नहीं मालूम? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषधात्मक, विस्मयादिबोधक)
उत्तर
प्रश्नवाचक
(ङ) वाह! कितना सुंदर नाम है। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
उत्तर
विस्मयादिबोधक
(च) मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूंगा। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
उत्तर
विधानवाचक
प्रश्न 2.
निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(क) सुध-बुध खोना
(ख) बाट जोहना
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना
(घ) आग बबूला होना
(ङ) आवाज़ उठाना
उत्तर
(क) सुध-बुध खोना-लता मंगेशकर के मधुर गीत सुनकर श्रोतागण अपनी सुध-बुध खो बैठते हैं।
(ख) बाट जोहना-संध्या होते ही रेखा अपने पति की बाट जोहने लगती है।
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना-परीक्षा में प्रथम आने पर मेरी खुशी का ठिकाना न रहा।
(घ) आग बबूला होना-परीक्षा परिणाम देखकर मोहन की माता जी आग बबूला हो गईं।
(ङ) आवाज़ उठाना-सभी क्षेत्रवासियों ने बिजली की कमी को पूरा करने के लिए आवाज़ उठाई?
प्रश्न 3.

उत्तर

प्रश्न 4. नीचे दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए–
……….. + आकर्षक = ……….
………… + ज्ञात = ………
………… + कोमल = …………
………. + होश = ………..
………… + घटना = ………….
उत्तर- अन + आकर्षक = अनाकर्षक
अ + ज्ञात = अज्ञात
सु + कोमल = सुकोमल
बे + होश = बेहोश
दुर + घटना = दुर्घटना
प्रश्न 5. निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए-
1. जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ। (मिश्र वाक्य)
2. फिर तेज़ कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई। (संयुक्त वाक्य)
3. वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ दौड़ी। (सरल वाक्य)
4 तताँरा को देखकर यह फूटकर रोने लगी। (संयुक्त वाक्य)
5. रीति के अनुसार दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था। (मिश्र वाक्य)
उत्तर- 1. जीवन में ऐसा पहली बार हुआ है कि मैं विचलित हुआ हूँ।
2. फिर तेज कदमों से चलती हुई तताँरा के पास आई और ठिठक गई।
3. वामीरो कुछ सचेत होकर घर की ओर दौड़ी।
4. उसने तताँरा को देखा और फूट-फूटकर रोने लगी।
5. रीति के अनुसार यह आवश्यक था कि दोनों एक ही गाँव के हों।
प्रश्न 6. नीचे दिए गए वाक्य पढ़िए तथा ‘और’ शब्द के विभिन्न प्रयोगों पर ध्यान दीजिए-
1. पास में सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था। (दो पदों को जोड़ना)
2. वह कुछ और सोचने लगी। (‘अन्य’ के अर्थ में)
3. एक आकृति कुछ साफ़ हुई… कुछ और … कुछ और… (क्रमशः धीरे-धीरे के अर्थ में)
4. अचानक वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ़ दौड़ गई। (दो उपवाक्यों को जोड़ने के अर्थ में)
5. वामीरो का दुख उसे और गहरा कर रहा था। (‘अधिकता’ के अर्थ में)
6. उसने थोड़ा और करीब जाकर पहचानने की चेष्टा की। (‘निकटता’ के अर्थ में)
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 7. नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-
भय, मधुर, सभ्य, मूक, तरल, उपस्थिति, सुखद।
उत्तर- निर्भय, कटु, असभ्य, वाचाल, ठोस, अनुपस्थित, दुखद।
प्रश्न 8. नीचे दिए गए शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए-
समुद्र, आँख, दिन, अँधेरा, मुक्त।
उत्तर :- समुद्र – रत्नाकर, वारिधि, नीरधि, जलधि
आँख – नेत्र, चक्षु, नयन, लोचन, दृग
दिन – दिवस, दिवा, वासर, वार
अँधेरा – तम, तिमिर, अंधकार
मुक्त – उन्मुक्त, आजाद, बंधनहीन
प्रश्न 9. नीचे दिए गए शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
किंकर्तव्यविमूढ़, विह्वल, भयाकुल, याचक, आकंठ।
उत्तर- शब्द – वाक्य प्रयोग
किंकर्तव्यविमूढ़ – महाभारत के मैदान में गुरुजन एवं बंधु-बाँधवों को सामने देखकर अर्जुन किंकर्तव्यविमूढ़ हो गए।
विह्वल – अपने खोए बेटे से मिलकर माँ विह्वल होकर रोने लगी।
भयाकुल – डाकुओं से स्वयं को घिरा देखकर यात्री भयाकुल हो गए।
याचक – याचक करुण स्वर में दो रोटियाँ माँग रहा था।
आकंठ – कुछ नेता और अधिकारी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं।
प्रश्न 10. ‘किसी तरह आँचरहित एक ठंडा और ऊबाऊ दिन गुजरने लगा’ वाक्य में दिन के लिए किन-किन विशेषणों का प्रयोग किया गया है? आप दिन के लिए कोई तीन विशेषण और सुझाइए।
उत्तर- उमस भरा लंबा थकाऊ दिन।
सुंदर-सुहावना धूपदार दिन।
प्रश्न 12. नीचे दिए गए वाक्यांशों को पढ़िए-
(क) श्याम का बड़ा भाई रमेश कल आया था। (संज्ञा पदबंध)
(ख) सुनीता परिश्रमी और होशियार लड़की है। (विशेषण पदबंध)
(ग) अरुणिमा धीरे-धीरे चलते हुए वहाँ जा पहुँची। (क्रिया विशेषण पदबंध)
(घ) आयुष सुरभि का चुटकुला सुनकर हँसता रहा। (क्रिया पदबंध)
ऊपर दिए गए
वाक्य (क) में रेखांकित अंश में कई पद हैं जो एक पद संज्ञा का काम कर रहे हैं।
वाक्य (ख) में तीन पद मिलकर विशेषण पद का काम कर रहे हैं।
वाक्य (ग) और (घ) में कई पद मिलकर क्रमशः क्रिया विशेषण और क्रिया का काम कर रहे हैं।
ध्वनियों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं और वाक्य में प्रयुक्त शब्द ‘पद’ कहलाता है; जैसे‘पेड़ों पर पक्षी चहचहा रहे थे।’ वाक्य में ‘पेड़ों’ शब्द पद है क्योंकि इसमें अनेक व्याकरणिक बिंदु जुड़ जाते हैं। कई पदों के योग से बने वाक्यांश को जो एक ही पद का काम करता है, पदबंध कहते हैं। पदबंध वाक्य का एक अंश होता है।
पदबंध मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं-
• संज्ञा पदबंध
• क्रिया पदबंध
• विशेषण पदबंध
• क्रियाविशेषण पदबंध
• वाक्यों के रेखांकित पदबंधों का प्रकार बताइए-
1. उसकी कल्पना में वह एक अद्भुत साहसी युवक था।
2. तताँरा को मानो कुछ होश आया।
3. वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता।
4. तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
5. उसकी व्याकुल आँखें वामीरो को ढूंढने में व्यस्त थीं।
उत्तर- 1. विशेषण पदबंध
2. क्रिया पदबंध
3. क्रियाविशेषण पदबंध
4. विशेषण पदबंध
5. विशेषण पदबंध
योग्यता विस्तार
प्रश्न 1. पुस्तकालय में उपलब्ध विभिन्न प्रदेशों की लोककथाओं का अध्ययन कीजिए।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2. भारत के नक्शे में अंडमान निकोबार द्वीप समूह की पहचान कीजिए और उसकी भौगोलिक स्थिति के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर- छात्र भूगोल अध्यापक से जानकारी प्राप्त करें।
प्रश्न 3. अंदमान निकोबार द्वीप समूह की प्रमुख जनजातियों की विशेषताओं का अध्ययन पुस्तकालय की सहायता से कीजिए।
उत्तर- छात्र पुस्तकालय से पुस्तकें स्वयं प्राप्त करें।
प्रश्न 4. दिसंबर 2004 में आए सुनामी का इस द्वीप समूह पर क्या प्रभाव पड़ा? जानकारी एकत्रित कीजिए।
उत्तर- छात्र अपने अध्यापक की मदद से जानकारी एकत्र करें।
परियोजना कार्य
प्रश्न 1. अपने घर-परिवार के बुजुर्ग सदस्यों से कुछ लोककथाओं को सुनिए। उन कथाओं को अपने शब्दों में कक्षा में सुनाइए।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. द्वीप समूह के बारे में निकोबारियों का विश्वास स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- द्वीप समूह के बारे में निकोबारियों को यह विश्वास है कि प्राचीन काल में अंदमान द्वीप समूह का अंतिम दक्षिणी द्वीप-लिटिल अंदमान और कार निकोबार अविभाजित हुआ करते थे। यद्यपि आज उनके बीच 96 किलोमीटर दूरी है पर तब पूरा द्वीप समूह एक था।
प्रश्न 2. तताँरा कौन था? ग्रामवासियों के साथ उसके संबंध कैसे थे?
उत्तर- तताँरा अविभाजित अंदमान निकोबार द्वीप समूह के पासा गाँव का नवयुवक था, जो अपने साहसिक कारनामों और विलक्षण तलवार के लिए प्रसिद्ध था। वह अपने उदार एवं मददगार स्वभाव के लिए भी प्रसिद्ध था।
प्रश्न 3. तताँरा को पर्व-त्योहारों में विशेष रूप से क्यों बुलाया जाता था?
उत्तर- तताँरा बेहद नेक और मददगार युवक था, जिसे निकोबारी बेहद प्रेम करते थे। वह सदैव दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता था। द्वीपवासियों की सेवा करना वह अपना कर्तव्य समझता था। अपने त्यागमयी स्वभाव के कारण वह सभी के आदर का पात्र था। इसी कारण उसे पर्व-त्योहारों में विशेष रूप से बुलाया जाता था।
प्रश्न 4. तताँरा की तलवार लोगों की चर्चा का विषय क्यों थी?
उत्तर- तताँरा अपनी पारंपरिक पोशाक के साथ कमर पर एक तलवार बाँधे रहता था। लकड़ी की इस तलवार के बारे में लोग चर्चा करते थे कि उसमें अद्भुत दैवीय शक्ति थी। वह अपनी तलवार का प्रयोग दूसरों के सामने नहीं करता था तथा सदैव अपने साथ रखता था। तताँरा के साहसिक कारनामों को भी लोग उसी तलवार की अद्भुत शक्ति मानते थे।
प्रश्न 5. समुद्र के किनारे गया तताँरा अपनी सुध-बुध क्यों खोने लगा?
उत्तर- समुद्र के किनारे शाम का वातावरण अत्यंत मनोहारी था। समुद्र की ओर से शीतल हवा के झोंके आ रहे थे। वातावरण शांत था। ऐसे में तताँरा ने कहीं पास से आता मधुर गीत सुना। अपने पास आते इस गीत को सुनकर तताँरा अपनी सुध-बुध खोने लगा।
प्रश्न 6.सुध-बुध खोए तताँरा की तंद्रा कैसे टूटी? तंद्रा टूटने पर उसने क्या किया?
उत्तर- मधुर गीत सुनकर सुध-बुध खोए तताँरा की तंद्रा तब टूटी जब लहरों के प्रबल वेग ने उसकी तंद्रा भंग की। तंद्रा टूटने और सचेत होने पर तताँरा उधर जाने को विवश हो गया जिधर से अब भी मधुर गीत की आवाज आ रही थी।
प्रश्न 7. वामीरो क्यों न जान सकी कि कोई अजनबी उसे निहारे जा रहा है?
उत्तर- वामीरो समुद्र के किनारे बैठी ढलती हुई शाम के सौंदर्य में बेसुध-सी सूर्य के आकर्षक रंग को निहार रही थी जो समुद्र के शरीर पर पड़ रहा था। वह मधुर स्वर में गीत गाए जा रही थी। वह गाने में इतनी खोई थी कि उसे अजनबी द्वारा निहारे जाने का ध्यान न आया।
प्रश्न 8. वामीरो ने मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया?
उत्तर- वामीरो ने मधुर स्वर में गीत अधूरा इसलिए छोड़ दिया क्योंकि जब वह गीत गाने में तल्लीन थी तभी समुद्र से एक ऊँची लहर उठी और उसे भीगो गई। इसी हड़बड़ाहट में गीत गाना भूल गई।
प्रश्न 9. तताँरा वामीरो के प्रश्न का जवाब देने के बजाए उससे एक ही आग्रह क्यों किए जा रहा था?
उत्तर- तताँरा वामीरो के रूप सौंदर्य और मधुर गान में अपनी सुध-बुध खो बैठा था। वह सम्मोहित-सा वामीरो को देखता जा रहा था। सम्मोहन के कारण वामीरो की आवाज या कोई प्रश्न उसे ठीक से सुनाई ही नहीं दे रहा था, इसलिए वह बार-बार तुमने गाना क्यों रोक दिया? गाओ, गीत पूरा करो का आग्रह
किए जा रहा था।
प्रश्न 10. टूटने और होश आने के बाद तताँरा ने क्या किया?
उत्तर- सम्मोहन टूटने और होश आने के बाद तताँरा को अपनी गलती का अहसास हुआ। वह वामीरो के सामने रास्ता रोककर निवेदन भरे स्वर में कहने लगा, “मुझे माफ़ कर दो। जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ। मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूंगा। बस अपना नाम बता दो।”
प्रश्न 11. तताँरा द्वारा पूछने पर भी वामीरो उसे कोई जवाब क्यों नहीं दे रही थी?
उत्तर- तताँरा द्वारा पूछने पर भी वामीरो उसे कोई जवाब इसलिए नहीं दे रही थी क्योंकि उसे अपने गाँव की परंपरा का पूरा ध्यान है। वह जानती है कि उसके गाँव के लोग अन्य गाँव में वैवाहिक संबंध स्थापित नहीं करते हैं। वह केवल अपने गाँव के नवयुवकों के प्रश्नों का जवाब दे सकती है जबकि तताँरा उसके गाँव का नहीं था।
प्रश्न 12. वामीरो का मन भी तताँरा की ओर आकर्षित हो गया था। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- पहली ही नज़र में तताँरा को देखते ही वामीरो विस्मित हो गई। उसके मन में कोमल भावना का संचार हो गया। घर पहुँचने पर उसे भीतर ही भीतर बेचैनी-सी महसूस होने लगी। इस बेचैनी से मुक्त होने का उसका प्रयास दिखावा मात्र था। वह झल्लाहट में दरवाजा बंद कर मन को किसी और दिशा में ले जाने का प्रयास करने लगी।
प्रश्न 13. वामीरो तताँरा को क्यों भूलना चाहती थी ? पर वह चाहकर भी ऐसा क्यों नहीं कर पा रही थी?
उत्तर- वामीरो को अपने गाँव की रीति का भलीभाँति ज्ञान था कि जिसके अनुसार वह अपने गाँव के अलावा किसी अन्य गाँव के युवक से वैवाहिक संबंध स्थापित नहीं कर सकती हैं, इसलिए वह तताँरा को भूलना चाहती थी। वह चाहकर भी ऐसा इसलिए नहीं कर सकती थी क्योंकि तताँरा का याचना भरा चेहरा उसकी आँखों के सामने घूम जाता था।
प्रश्न 14. वामीरो से मिलने के बाद तताँरा का अगला दिन कैसे बीता?
उत्तर- वामीरो से मिलने के बाद तताँरा ने उससे अगले दिन भी आने की याचना की थी। वह वामीरो से बिछड़कर व्यथित था। वामीरो से मिलने की प्रतीक्षा में उसका समय काटना पहाड़ के समान भारी हो रहा था। ऐसे में उसे दिन उत्साहहीन, ठंडा, नीरस और ऊबाऊ प्रतीत हो रहा था।
प्रश्न 15. वामीरो और तताँरा अगले दिन तो मिले पर वे एक शब्द भी क्यों नहीं बोल पाए?
उत्तर- वामीरो और तताँरा यद्यपि एक ही बार मिले थे परंतु वे दोनों एक-दूसरे को गहराई से चाहने लगे थे। अपने प्रेम की अभिव्यक्ति के लिए उनके पास कोई शब्द न था। वे अपने मनोभावों को व्यक्त करने में सर्वथा असमर्थ थे, इसलिए वे मिलकर भी अपने प्रेम की मौन अभिव्यक्ति ही कर सके।
प्रश्न 16. तताँरा ने अपने क्रोध के शमन के लिए क्या किया?
उत्तर- वामीरो की माँ और गाँववालों द्वारा अपमानित होने के बाद क्रोधित हो उठा। उसे समझ में नहीं आया कि वह क्या करे। उसने अपनी तलवार निकालकर धरती में पूरी शक्ति से घोंप दी और पूरी शक्ति से धरती को काटने लगा। इससे वह पसीने से लथपथ होकर निढाल हो गया और गिर पड़ा।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. ‘तताँरा-वामीरो कथा’ पाठ के आधार पर तताँरा का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर- ‘तताँरा-वामीरो कथा’ का नायक तताँरा है जो पासा गाँव का रहने वाला है। उसके चरित्र की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(क) आकर्षक व्यक्तित्व – तताँरा आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी है। वह शारीरिक रूप से बलिष्ठ, सुंदर और आकर्षक है। उसे देखते ही वामीरो प्रथम मुलाकात में उसकी ओर आकर्षित हो जाती है।
(ख) मानवीय गुणों से युक्त – तताँरा मानवीय गुणों से युक्त है। वह नेक, उदार, सहयोगी और परोपकारी है जो हर किसी की मदद को तत्पर रहता है।
(ग) सम्मान का पात्र – तताँरा अपने व्यवहार एवं सहयोग पूर्ण स्वभाव के कारण द्वीपवासियों के सम्मान का पात्र है। उसे दूसरे गाँव के लोग भी अपने यहाँ निमंत्रित करते हैं।
(घ) दैवीय शक्ति संपन्न व्यक्ति – तताँरा के पास लकड़ी की तलवार थी जो उसे अद्भुत दैवीय शक्ति का स्वामी बनाए हुए थी। इस तलवार की मदद से साहसिक और विलक्षण कार्य करता था, परंतु इसका उपयोग दूसरों का अहित करने के लिए नहीं करता था।
प्रश्न 2. रूढ़ियों और परंपराओं का बंधन प्रेम की राह में बाधक नहीं बन सकता। तताँरा-वामीरो कथा के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- तताँरा पासा गाँव का सुंदर, साहसी और नेकदिल नवयुवक था और वामीरो लपाती गाँव की जो अंदमान-निकोबार द्वीप समूह का भाग है। वामीरो के गाँव की परंपरा थी कि गाँव के नवयुवक और युवतियाँ अपने ही गाँव में वैवाहिक संबंध स्थापित कर सकते थे, अन्य किसी गाँव में नहीं। एक शाम जब तताँरा शाम के समय सागर तट पर घूम रहा था तो उसने मधुर गायन सुना और उधर गया जहाँ गीत गाती वामीरो को देख वह अपनी सुध-बुध खो बैठा। तताँरा को देखकर वामीरो की भी कुछ ऐसी ही स्थिति थी। वामीरो अपने गाँव की परंपरा जानती थी फिर भी दोनों एक दूसरे से प्रेम करने लगे। वे लोगों द्वारा समझाने पर भी एक दूसरे से प्रेम करते रहे। इससे स्पष्ट होता है कि रूढ़ियों और परंपराओं का बंधन प्रेम की राह में बाधक नहीं बन सकता है।
प्रश्न 3. तताँरा और वामीरो ने अपने प्रेम के लिए आत्मबलिदान देकर आनेवाली पीढ़ी को नई राह दिखाई। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- तताँरा और वामीरो एक दूसरे को गहराई से प्रेम करते थे। वे जानते थे कि गाँव की परंपरा के अनुसार अलग-अलग गाँव के होने के कारण एक दूसरे के नहीं हो सकते हैं, फिर भी वे नियमपूर्वक मिलते रहे। उन्हें समझाने का प्रयास गाँववालों ने भी किया पर वे अडिग रहे। ‘पासा’ गाँव में आयोजित पशु-पर्व में तताँरा-वामीरो जब परस्पर बातें कर रहे थे तो वामीरो की माँ ने उन्हें देख लिया और खूब अपमानित किया। गाँववालों के सामने अकारण अपमानित किए जाने से तताँरा क्रोधित हो उठा और अपनी जादुई तलवार से धरती चाक करने लगा।
इससे धरती दो भागों में बँट गई। तताँरा एक पर दूसरे पर वामीरो। तताँरा जब वामीरो के पास आना चाहता तो सफल न हुआ और समुद्र में वह गया। कुछ ऐसी ही स्थिति वामीरो के साथ हुई पर इस घटना के बाद निकोबारी अपने गाँव के अलावा अन्य गाँवों से भी वैवाहिक संबंध बनाने लगे। इस तरह स्पष्ट है कि तताँरा और वामीरो के बलिदान ने आगामी पीढ़ी को नई राह दिखाई।