आत्मत्राण Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 MCQs
Here you get Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 MCQ with answers, which will help you to understand the chapter and make you learn in a better way. All these MCQs are important for CBSE and State Board Exams.
Question 1.
कवि ईश्वर से अपना त्राण न माँगकर क्या माँगता
(a) कष्टों से मुक्ति
(b) कष्टों पर विजय पाने की शक्ति
(c) धन संपत्ति
(d) समाज में मान-सम्मान
Answer
Answer: (b) कष्टों पर विजय पाने की शक्ति।
Question 2.
‘अनामय’ का क्या अर्थ है ?
(a) निःसंकोच
(b) अनमने मन से
(c) किसी की सहायता के बिना
(d) रोग रहित
Answer
Answer: (d) रोग रहित।
Question 3.
कवि अपने पर आए भार को किस प्रकार सहना चाहता है?
(a) निश्चित होकर
(b) निश्छल होकर
(c) निर्भय होकर
(d) किसी की सहायता के बिना
Answer
Answer: (c) निर्भय होकर।
Question 4.
‘नत सिर होकर ……….. छिन्-छिन’ इन पंक्तियों में कवि क्या चाहता है ?
(a) कि वह ईश्वर को कभी न भूले
(b) उसके पास धन-संपदा बनी रहे
(c) समाज में उसका मान-सम्मान बढ़े
(d) उसके जीवन में कोई कमी न रहे
Answer
Answer: (a) कि वह ईश्वर को कभी न भूले।
Question 5.
कवि जीवन में दुःखों के आने पर किस पर संशय नहीं करना चाहता ?
(a) स्वयं पर
(b) अपने मित्रों पर
(c) अपने परिवार पर
(d) ईश्वर पर
Answer
Answer: (d) ईश्वर पर।
Question 6.
कवि ने ईश्वर से क्या चाहा है ?
(a) वह कभी घबराए नहीं
(b) वह मुसीबत का डटकर सामना कर सके
(c) उसका पौरुप कभी भी डगमगाए नहीं
(d) ईश्वर उसे विपदा से बचाए
Answer
Answer: (b) वह मुसीबत का डटकर सामना कर सके
वह मुसीबत का डटकर सामना करे।
Question 7.
कवि दुःखों पर विजय कब प्राप्त कर सकता है ?
(a) जब वह प्रसन्नचित्त रहे ।
(b) जब लोग उसकी सहायता करें
(c) जब उसका बल पौरुष कायम रहे
(d) इनमें से कोई नहीं
Answer
Answer: (a) जब वह प्रसन्नचित्त रहे।
Question 8.
कवि ईश्वर से अपने कष्टों का निवारण क्यों नहीं चाहता ?
(a) कवि को स्वयं पर पूरा भरोसा है
(b) कवि चाहता है कि मनुष्यों को अपने कष्टों के लिए स्वयं संघर्ष करना चाहिए
(c) ईश्वर सब कुछ करने में समर्थ है, उनके पास और भी काम हैं
(d) ‘a’ और ‘b’ कथन सत्य हैं
Answer
Answer: (c) ईश्वर सब कुछ करने में समर्थ है, उनके पास और भी काम हैं
ईश्वर के पास और भी काम हैं।
Question 9.
‘आत्मत्राण’ कविता के कवि कौन हैं ?’
(a) रवीन्द्रनाथ ठाकुर
(b) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(c) वीरेन्द्र डंगवाल
(d) मैथिलीशरण गुप्त
Answer
Answer: (a) रवीन्द्र नाथ ठाकुर।
Question 10.
‘आत्मत्राण’ कविता का हिन्दी अनुवाद किसने किया है?
(a) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(b) रवीन्द्रनाथ ठाकुर
(c) महादेवी वर्मा
(d) वीरेन डंगवाल
Answer
Answer: (a) हजारी प्रसाद द्विवेदी।
काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न
(1)
विपदाओं से मुझे बचाओ, यह मेरी प्रार्थना नहीं
केवल इतना हो (करुणामय),
कभी न विपदा में पाऊँ भय।
दुःख-ताप से व्यथित चित्त को न दो सांत्वना नहीं सही
पर इतना होवे (करुणामय)
दुख को मैं कर सकूँ सदा जय।
कोई कहीं सहायक न मिले
तो अपना बल पौरुप न हिले;
हानि उठानी पड़े जगत् में लाभ अगर वंचना रही
तो भी मन में ना मानूँ क्षय।।
Question 1.
कवि विपदा आने पर ईश्वर से किस चीज की कामना करता है ?
(a) धन की
(b) भय रहित रहने की
(c) विचलित न होने की
(d) हँसी-खुशी दिन व्यतीत करने की
Answer
Answer: (b) भय रहित रहने की।
Question 2.
दुःख ताप से व्यथित किसको सांत्वना देने की बात कहता |
(a) समाज को
(b) संस्था को
(c) मन को
(d) शरीर को
Answer
Answer: (c) मन को।
Question 3.
कवि किस पर जय पाना चाहता है ?
(a) शत्रु पर
(b) मन पर
(c) लोगों पर
(d) दुःखों पर
Answer
Answer: (d) दुःखों पर।
Question 4.
किसी सहायक के न मिलने पर कवि क्या चाहता है ?
(a) कि मेरा बल पौरुष न डगमगाए
(b) मेरे अंदर खूब शक्ति आ जाए
(c) मेरे शत्रु परास्त हो जाएँ
(d) मैं कभी दीन न कहलाऊँ
Answer
Answer: (a) कि मेरा बल पौरुष न डगमगाए।
Question 5.
हानि होने पर कवि ईश्वर से क्या चाहता है ?
(a) उसको लाभ से वंचित रहना स्वीकार है
(b) उसका मनोबल बना रहना चाहिए
(c) उसमें उबरने की शक्ति बनी रहनी चाहिए
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं
सभी कथन सत्य हैं।
(2)
मेरा त्राण करो अनुदिन तुम यह मेरी प्रार्थना नहीं
बस इतना होवे (करुणामय)
तरने की हो शक्ति अनामय।
मेरा भार अगर लघु करके न दो सांत्वना नहीं सही।
केवल इतना रखना अनुनय-
वहन कर सकूँ इसको निर्भय।
नत शिर होकर सुख के दिन में
तब मुख पहचानूँ छिन-छिन में।
दुःख-रात्रि में करे वंचना मेरी जिस दिन निखिल मही
उस दिन ऐसा हो करुणामय,
तुम पर करूँ नहीं कुछ संशय।।
Question 1.
कवि अपना त्राण क्यों नहीं चाहता ?
Answer
Answer:
संकेत-
- कवि अपनी रक्षा स्वयं करना चाहता है
- ईश्वर सब कुछ कर सकता है
- यदि हर काम ईश्वर ही करने लगे तो हमारी संघर्ष करने की शक्ति कम हो जाएगी।
Question 2.
कवि सिर झुकाकर क्या करना चाहता है ?
Answer
Answer:
संकेत-
- ईश्वर का आभार व्यक्त करना चाहता है
- कवि चाहता है कि वह सुख के क्षणों में भी ईश्वर को सदा याद रखे।
Question 3.
कवि किस स्थिति में भी ईश्वर पर संदेह नहीं करना चाहता ?
Answer
Answer:
संकेत-
- चाहे सारी दुनिया उसे धोखा दे दे
- वह ईश्वर पर संदेह नहीं करना चाहता
- कुछ लोग अपने समस्त कष्टों का दोष ईश्वर को देते हैं।
Question 4.
कवि ने ईश्वर के प्रति क्या विश्वास प्रकट किया है?
Answer
Answer:
संकेत-
- ईश्वर में उसकी आस्था रहनी चाहिए
- ईश्वर उसे सहारा देता रहे।
Question 5.
कवि किस बात पर सांत्वना न मिलने की इच्छा व्यक्त करता है?
Answer
Answer:
संकेत-
- कवि उत्तरदायित्वों के बोझ को कम करके सांत्वना नहीं माँगता
- कवि निर्भय होकर अपनी सभी जिम्मेदारियों को वहन करना चाहता है।
बोधात्मक प्रश्न
Question 1.
आत्मत्राण कविता से आपको क्या प्रेरणा मिलती है ?
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- दूसरों की सहायता पर निर्भय नहीं रहना चाहिए
- अपना सहारा स्वयं बनना चाहिए
- दूसरों पर निर्भर रहने से संघर्ष शक्ति कम हो जाती है
Question 2.
कवि ईश्वर से क्या माँगता है ?
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- दुःख सहने की शक्ति
- जिम्मेदारियाँ वहन करने की शक्ति
- संघर्ष करने की शक्ति
- वह कभी ईश्वर पर संशय न करे
- ईश्वर को सदा याद रखे।
Question 3.
कवि किसी सहायक के न मिलने पर क्या चाहता है ?
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- उसकी शक्ति और पौरुष बना रहे
- वह आत्म-विश्वास के साथ बाधाओं पर विजय पा सके।
Question 4.
आत्मत्राण कविता का प्रतिपाद्य विषय क्या है ?
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- कवि ईश्वर में पूरा विश्वास रखता है
- वह कर्मशील रहकर आगे बढ़ना चाहता है
- वह चाहता है कि वह कभी संघर्ष से न घबराए
- वह निर्भीक होकर हर चुनौती का सामना कर सके
- वह भय को अपने पास न फटकने दे।
Question 5.
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव लिखिए। हानि उठानी पड़े जगत में लाभ अगर वंचना रही तो भी मन में न मानूँ क्षय।
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- जीवन में हानि उठाने की स्थिति में भी उसका मनोबल बना रहे
- वह जीवन में हानि होने पर भी अपने मन में हानि न माने
- उसका मनोबल उसे सभी परिस्थितियों से लड़ने की हिम्मत दे।