संस्कृत में चित्र वर्णन कैसे करें?

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चित्र-आधारितम् वर्णनम्

किसी चित्र को देखकर उससे संबंधित मन में उठने वाले भावों को अपनी कल्पनाशक्ति के माध्यम से अभिव्यक्त करना ही 'चित्र-वर्णन' कहलाता है।

परीक्षा में जो भी चित्र दिया जाता है, उसे देख कर हमें कुछ वर्णनात्मक वाक्य संस्कृत भाषा में लिखने होते हैं।

1. चित्र को दो-तीन बार ध्यान से देखना चाहिए।

2. चित्र के मूलभाव को समझने का प्रयास करना चाहिए।

3. चित्र में समाहित कथ्य का प्रारूप तैयार करना चाहिए।

लिखने से पूर्व विचारों को चित्र के अनुसार क्रमबद्ध कर लेना चाहिए।

चित्र में क्या है?
चित्र में कौन कौन कहाँ है?
चित्र में क्या हो रहा है?

केवल 3 प्रश्नों के मदद से चित्र का वर्णन करें

चित्रवर्णन करते वक्त ध्यान में रखने योग्य बातें

प्रस्तावना, उपसंहार आदि प्रकार के अन्य वाक्य नहीं होने चाहिए

सरल शब्दों का चुनाव

कठिन वाक्यरचना को टालना

कर्ता और क्रियापद का योग्य संबंध

चित्रवर्णन का उदाहरण

चित्र वर्णन के उदाहरण देखने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें

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