मनुष्यता Class 10 Hindi Sparsh Chapter 4 MCQs
Here you get Class 10 Hindi Sparsh Chapter 4 MCQ with answers, which will help you to understand the chapter and make you learn in a better way. All these MCQs are important for CBSE and State Board Exams.
Question 1.
कवि ने धन को कैसा बताया है?
(a) जीवन देने वाला
(b) सुख देने वाला
(c) तुच्छ
(d) हाथ का मैल
Answer
Answer: (c) तुच्छ
Question 2.
इस दुनिया में कोई भी अनाथ नहीं है यह कैसे कह सकते हो ?
(a) सभी का जन्म माता-पिता से होता है
(b) सभी लोग वैभव से पूर्ण हैं
(c) परम पिता परमात्मा सबका पिता है
(d) क्योंकि सभी सनाथ होते हैं
Answer
Answer: (c) परम पिता परमात्मा सबका पिता है
क्योंकि परमपिता परमात्मा सबका पिता है।
Question 3.
कवि ने भाग्यहीन किसे कहा है ?
(a) जो धैर्यहीन है
(b) जो अनाथ है
(c) जो सनाथ है
(d) जिसका कोई मित्र नहीं है
Answer
Answer: (a) जो धैर्यवान नहीं है।
Question 4.
कवि किस प्रकार आगे बढ़ने को कहता है ?
(a) धन कमाते हुए
(b) एक-दूसरे के सहयोग से
(c) यश कमाते हुए
(d) स्वाभिमान के साथ
Answer
Answer: (b) एक-दूसरे के सहयोग से।
Question 5.
‘अमर्त्य-अंक’ का प्रयोग किसके लिए हुआ है?
(a) ईश्वर के लिए
(b) मनुष्य के लिए
(c) उदार व्यक्ति के लिए
(d) देवताओं की गोद के लिए
Answer
Answer: (d) देवताओं की गोद के लिए।
Question 6.
मनुष्य मात्र बंधु क्यों है?
(a) क्योंकि यहाँ सभी समान हैं
(b) कोई अमीर-गरीब नहीं है
(c) क्योंकि हम सबका पिता एक है
(d) क्योंकि हम सब समान हैं
Answer
Answer: (c) क्योंकि हम सबका पिता एक है
क्योंकि हम सबका पिता एक ही (ईश्वर) है।
Question 7.
हमें किसके अनुसार फल मिलता है?
(a) ईश्वर के
(b) अपने कर्मों के
(c) भाग्य के
(d) परिश्रम के
Answer
Answer: (b) अपने कर्मों के।
Question 8.
कवि ने किस बात को अनर्थ बताया है?
(a) एक भाई द्वारा दूसरे की व्यथा को न हरना
(b) अपना पेट भरना
(c) दूसरों की सहायता न करना
(d) सभी कथन सत्य हैं
Answer
Answer: (a) एक भाई द्वारा दूसरे की व्यथा को हरना।
Question 9.
हमें किस प्रकार आगे बढ़ना चाहिए?
(a) सरल मार्ग का अनुसरण करते हुए
(b) रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करते हुए
(c) धन कमाते हुए
(d) मौज-मस्ती करते हुए
Answer
Answer: (b) रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करते हुए।
Question 10.
‘तारता हुए तरे’ का क्या आशय है?
(a) हमें दूसरों की उन्नति में सहायक होते हुए अपनी उन्नति करनी चाहिए.
(b) हमें दूसरों को पीछे धकेलते हुए आगे बढ़ना चाहिए
(c) हमें दूसरों को तैरना सिखाना चाहिए
(d) हमें विपत्ति से नहीं घबराना चाहिए
Answer
Answer: (a) हमें दूसरों की उन्नति में सहायक होते हुए स्वयं की भी उन्नति करनी चाहिए।
Question 11.
हमारा मरना और जीना कब बेकार हो जाता है
(a) जब हमारी सुमृत्यु होती है
(b) जब हमारी सुमृत्यु नहीं होती
(c) जब हम निर्धन रह जाते हैं
(d) जब हम असहाय हो जाते हैं
Answer
Answer: (b) जब हमारी सुमृत्यु नहीं होती।
Question 12.
हमारी मृत्यु सुमृत्यु कब मानी जाएगी ?
(a) जब हम परोपकार में अपना जीवन लगा देंगे ।
(b) जब समाज के लोग हमारे साथ होंगे
(c) जब हम साधन सम्पन्न होंगे
(d) जब हम अपने पैरों पर खड़े होंगे
Answer
Answer: (a) जब हम परोपकार में अपना जीवन लगा दें।
Question 13.
कौन व्यक्ति कभी नहीं मरता ?
(a) जो महान होता है
(b) जो धनवान होता है
(c) जो शिक्षित समाज से जुड़ा है
(d) जो दूसरों के लिए जीता है।
Answer
Answer: (d) जो दूसरों के लिए जीता है।
जो दूसरों के लिए अपना जीवन लगा देता है।
Question 14.
उदार व्यक्तियों की कथा कौन कहती है ?
(a) लक्ष्मी
(b) सरस्वती
(c) भानुमति
(d) कमला
Answer
Answer: (b) सरस्वती
सरस्वती अपने ग्रंथों के माध्यम से।
Question 15.
वही मनुष्य है जो ………. मरे।
(a) अपने लिए
(b) अपने परिवार के लिए
(c) अपने स्वार्थ के लिए
(d) मनुष्य के लिए
Answer
Answer: (d) मनुष्य के लिए।
Question 16.
समाज के लिए दधीचि ने क्या त्याग किया था ?
(a) अपना राजपाठ
(b) अपना सुख-वैभव
(c) अपने शरीर की हड्डियों का दान
(d) अपने परिवार का त्याग
Answer
Answer: (c) अपने शरीर की हड्डियों का दान।
Question 17.
वीर कर्ण ने दूसरों के लिए क्या दे दिया ?
(a) अपना सोने का दाँत
(b) अपना कवच और कुंडल
(c) अपना रथ
(d) अपना धनुष-बाण
Answer
Answer: (b) अपना कवच और कुंडल।
Question 18.
हमारा शरीर कैसा है?
(a) नश्वर
(b) अनश्वर
(c) कमजोर
(d) शक्तिशाली
Answer
Answer: (a) नश्वर
नश्वर (नष्ट होने वाला)।
Question 19.
महात्मा बुद्ध ने अपनी दया के बल पर क्या कर दिखाया ?
(a) सारे संसार को कब्जे में कर लिया
(b) सारे संसार में अपनी यश-पताका फहरा दी
(c) अपने विरुद्ध सारे विरोध को शांत कर दिया
(d) अपनी प्रजा को प्रसन्न कर दिया
Answer
Answer: (c) अपने विरुद्ध सारे विरोध को शांत कर दिया।
Question 20.
उदार कौन होता है ?
(a) जो दानी है
(b) जो परोपकार करता है
(c) जो सबको अपने समान समझे
(d) सभी कथन सत्य हैं
Answer
Answer: (b) जो परोपकार करता है।
काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न
(1)
विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी,
मरो, परंतु यों मरो कि याद जो करें सभी।
हुई न यों सुमृत्यु तो वृथा मरे, वृथा जिए,
मरा नहीं वही कि जो जिया न आपके लिए।
वही पशु-प्रवृत्ति है कि आप आप ही चरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ॥
उसी उदार की कथा सरस्वती बखानती,
उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती।
उसी उदार की सदा सजीव कीर्ति कूजती;
तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती।
अखंड आत्म-भाव जो असीम विश्व में भरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ॥
Question 1.
मर्त्य का क्या अर्थ है ?
(a) मरा हुआ
(b) मरणशील
(c) कमजोर
(d) कायर
Answer
Answer: (b) मरणशील।
Question 2.
कवि कैसी मृत्यु को सुमृत्यु मानता है ?
(a) जो परोपकार में रत रहते हुए हो
(b) जो मरने से पहले अपने परिवार को वैभवशाली बना दे
(c) जो सांसारिक मोह-माया में बँधकर न हो
(d) जो सांसारिक मोहमाया से दूर रहकर हो
Answer
Answer: (a) जो परोपकार में रत रहते हुए हो।
Question 3.
अपना स्वार्थ साधने वाले व्यक्तियों को पशुओं के समान क्यों माना है ?
(a) क्योंकि ऐसे व्यक्तियों से पशु अच्छे होते हैं
(b) क्योंकि मनुष्य इस सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है
(c) पशु भी केवल अपना ही पेट भरते हैं उनको दूसरों की चिंता नहीं होती
(d) पशु एक निकृष्ट प्राणी होता है
Answer
Answer: (c) पशु भी केवल अपना ही पेट भरते हैं वे दूसरों की चिंता नहीं करते।
Question 4.
विश्व में कैसे लोगों की कीर्ति फैलती है ?
(a) जो धनवान हैं
(b) जो पढ़े-लिखे हैं
(c) जो अवसर का लाभ उठाना जानते हैं
(d) जो उदारमना हैं
Answer
Answer: (d) जो उदार मना है।
Question 5.
‘अखंड आत्म-भाव जो असीम विश्व में भरे’ इस पंक्ति का क्या आशय है ?
(a) जो पूरे विश्व को अपने परिवार की तरह माने
(b) जो सबको सहिष्णुता का पाठ पढ़ाए
(c) जो सारे विश्व को अपने अधीन कर ले
(d) जो पूरे विश्व में अपनी धाक जमा दे
Answer
Answer: (a) जो पूरे विश्व को परिवार की तरह माने।
(2)
क्षुधात रंतिदेव ने दिया करस्थ थाल भी,
तथा दधीचि ने दिया परार्थ अस्थिजाल भी
उशीनर क्षितीश ने स्वमांस दान भी किया,
सहर्ष वीर कर्ण ने शरीर चर्म भी दिया।
अनित्य देह के लिए अनादि जीव क्या डरे ?
वही मनुष्य है जो कि मनुष्य के लिए मरे ॥
सहानुभूति चाहिए, महाविभूति है यही;
वशीकृता सदैव है बनी हुई स्वयं मही।
विरुद्धवाद बुद्ध का दया-प्रवाह में बहा,
विनीत लोकवर्ग क्या न सामने झुका रहा ?
अहा! वही उदार है परेपकार जो करे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ॥
Question 1.
कवि एवं कविता का नाम लिखिए।
Answer
Answer:
संकेत-
कवि : मैथिलिशरण गुप्त।
कविता : मनुष्यता।
Question 2.
इन पंक्तियों में किन-किन पौराणिक चरित्रों का उल्लेख हुआ है ?
Answer
Answer:
संकेत-
- राजा रंतिदेव
- दधीचि
- उशीनर नरेश
- दानवीर कर्ण
- महात्मा बुद्ध।
Question 3.
मही को कवि ने वशीकृता क्यों कहा है?
Answer
Answer:
संकेत-
- इस धरती पर सदा ही अधिकार के लिए युद्ध होता रहा है
- यह किसी न किसी राजा के कब्जे में रही है
- धरती अपने नियम से सूर्य के चारों ओर घूमती है।
Question 4.
देह को कवि ने अनित्य क्यों कहा है?
Answer
Answer:
संकेत-
- क्योंकि यह देह (शरीर) नश्वर है
- जन्म के बाद मृत्यु निश्चित है।
Question 5.
बुद्ध का विरुद्ध वाद क्या था ?
Answer
Answer:
संकेत-
- बुद्ध ने समाज में फैली कुरीतियों का विरोध किया
- दया और करुणा बुद्ध के विरोध का सबसे बड़ा शस्त्र था
- लोगों ने बुद्ध की बात को सुना और माना।
(3)
रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में,
सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में।
अनाथ कौन है यहाँ? त्रिलोकनाथ साथ हैं,
दयालु दीनबंधु के बड़े विशाल हाथ हैं।
अतीव भाग्यहीन है अधीर भाव जो करे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ।।
अनंत अंतरिक्ष में अनंत देव हैं खड़े,
समक्ष ही स्वबाहु जो बढ़ा रहे बड़े-बड़े।
परस्परावलंब से उटो तथा बढ़ो सभी,
अभी अमर्त्य-अंक में अपंक हो चढ़ो सभी।
रहो न यों कि एक से न काम और का सरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ॥
Question 1.
हमें समृद्धि में गर्व क्यों नहीं करना चाहिए ?
Answer
Answer:
संकेत-
- धन तुच्छ वस्तु है
- यह नश्वर है
- धन अहंकार पैदा करता है।
Question 2.
कवि ने सबको सनाथ क्यों कहा है ?
Answer
Answer:
संकेत-
- हम परमेश्वर को अपना पिता मानते हैं
- परमेश्वर अनादि है इसलिए हम सनाथ हैं।
Question 3.
कवि देवताओं की शरण में जाने से पहले क्या करने के लिए कहता है?
Answer
Answer:
संकेत-
- कलंक रहित जीवन जीने के लिए
- परोपकार करने के लिए।
Question 4.
हमें जीवन में किस प्रकार उन्नति करनी चाहिए?
Answer
Answer:
संकेत-
- हमें दूसरों का सहयोग करना चाहिए
- एक-दूसरे का सहारा लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
Question 5.
कवि ने अमर्त्य अंक किसे कहा है और क्यों?
Answer
Answer:
संकेत-
- देवताओं की गोद को
- देवता अमर हैं
- वे सदा से हैं और सदा रहेंगे।
(4)
‘मनुष्य मात्र बंधु हैं’ यही बड़ा विवेक है,
पुराणपुरुष स्वयंभू पिता प्रसिद्ध एक है।
फलानुसार कर्म के अवश्य बाह्य भेद हैं,
परन्तु अंतरैक्य में प्रमाणभूत वेद हैं।
अनर्थ है कि बंधु ही न बंधु की व्यथा हरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ॥
चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए
विपत्ति, विघ्न जो पड़ें उन्हे ढकेलते हुए।
घटे न हेलमेल हाँ, बढ़े न भिन्नता कभी,
अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हो सभी।
तभी समर्थ भाव है कि जो तारता हुए तरे
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ॥
Question 1.
‘मनुष्य मात्र बंधु है’ कवि ने ऐसा क्यों कहा ?
Answer
Answer:
संकेत-
- कभी-कभी मनुष्य वैभव के अहंकार में अपने आपको दूसरों का स्वामी समझने लगता है
- हम आपस में बंधु हैं क्योंकि हम ईश्वर की संतान हैं।
Question 2.
कवि ने किस बात को अनर्थकारी माना है ?
Answer
Answer:
संकेत-
- बंधु द्वारा बंधु की व्यथा को न हरना
- एक-दूसरे के काम न आना।
Question 3.
हमारा अभीष्ट मार्ग क्या होना चाहिए?
Answer
Answer:
संकेत-
- जीवन में परिश्रम करते हुए आगे बढ़ना
- मिल-जुलकर उन्नति करना।
Question 4.
हमें जीवन में किस प्रकार उन्नति करनी चाहिए?
Answer
Answer:
संकेत-
- एक दूसरे के सहयोग से
- विघ्न-बाधाओं को रास्ते से दूर करते हुए।
Question 5.
कवि ने समर्थ भाव किसे कहा है ?
Answer
Answer:
संकेत-
- स्वयं उन्नति करना
- दूसरों की उन्नति में ‘सहायक होना।
बोधात्मक प्रश्न
Question 1.
कवि ने कैसी मृत्यु को सुमृत्यु कहा है ?
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- जो दूसरों की भलाई के लिए हो।
Question 2.
कैसे लोग अमर हो जाते हैं ?
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- जो परोपकारी है
- जो अपना जीवन दूसरों के लिए दे देते हैं।
Question 3.
कवि ने सबको एक होकर चलने की प्रेरणा क्यों दी
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- संगठन में ही शक्ति है
- उन्नति एक होकर ही की जा सकती है।
Question 4.
व्यक्ति को कैसा जीवन जीना चाहिए ?
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- परोपकारी जीवन, कलंक रहित जीवन।
Question 5.
मनुष्यता कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है ?
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- हमें परोपकार के कार्यों में लग जाना चाहिए
- उदारता दिखाते हुए सबकी सहायता करनी चाहिए
- अहंकार नहीं करना चाहिए
- दूसरों को तारते हुए तरना चाहिए।